Kanker CG News: छत्तीसगढ़ में मलोरिया का संकट छाया हुआ है. कांकेर जिले में मलेरिया के चलते नक्सल मोर्चे में तैनात बस्तर फाइटर के जवान की मौत हो गई. कांकेर-नारायणपुर बॉर्डर इलाके में जवान की ड्यूटी लगाई गई थी. जवान दो दिन तक छिंदपुर के जंगलों में ड्यूटी करने के बाद मलेरिया से संक्रमित निकला. जिसकी बुधवार को इलाज के दौरान जान चली गई.
जवान के शरीर के अंगों ने काम करना कर दिया था बंद
जवान पहले से पीलिया से संक्रमित था. जंगल में ड्यूटी लगने के दौरान उसे मलेरिया हो गया. जिसके चलते जवान के शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया. उसकी स्थिति नाजुक हो गई और ऑर्गन फेल हो गए. उसे मेकाहारा से बालाजी हॉस्पिटल रायपुर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई.
जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खरे ने मीडिया से बताया कि, आरक्षक उत्तम मंडावी के कई अंग काम नहीं कर रहे थे. जिसे इलाज के लिए रायपुर रेफर किया गया था. जवान को पीलिया कब से था, यह जानकारी परिजनों से जुटाई जा रही है.
मुख्य सचिव ने HC में पेश किया जवाब
छत्तीसगढ़ में मलेरिया और डायरिया (CG Diarrhea and Malaria Case) का प्रकोप छाया हुआ है. इस मामले को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) में सुनवाई चल रही है. वहीं मुख्य सचिव ने बुधवार को हाईकोर्ट में जवाब पेश किया है. जवाब में कहा गया है कि शासन और प्रशासन मलेरिया और डायरिया कंट्रोल के लिए जुटकर कार्य कर रहा है. सभी प्रभावित क्षेत्रों में मरीजों का इलाज के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं. इलाज और जांच के बाद दवा दी जा रही है. लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि मरीजों को इलाज से वंचित नहीं होना पड़ेगा. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने निर्देश दिए कि कोई भी मरीज बिस्तर और दवा के अभाव में हॉस्पिटल से न लौटे. वहीं कोर्ट ने इलाज के लिए पर्याप्त इंतजाम करने और रोग फैलने से रोकने के लिए कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए. अब इस मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी.
बस्तर जिले में मलेरिया विस्फोट
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में शहरी और ग्रामीण अंचलों में मलेरिया फैला हुआ है. जिले में 1500 से अधिक मलेरिया से संक्रमित मरीजों के मिलने की पुष्टि हुई है, इसमें महिला और बच्चों की तादाद ज्यादा है, वहीं जिले में मलेरिया से अब तक 2 लोगों की मौत हो गई है, जिसके चलते पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. इधर डेंगू और मलेरिया से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने के बाद जिला प्रशासन द्वारा मलेरिया मुक्त अभियान चलाने के दावे की भी पोल खोल दी है.
बारिश के मौसम के साथ ही बस्तर में डेंगू और मलेरिया ने प्रकोप छाया हुआ है, खासकर मलेरिया से संक्रमित बड़ी संख्या में मरीज ग्रामीण क्षेत्रों में मिल रहे हैं. जिले के 7 ब्लॉकों में से 4 ब्लॉक में लगातार मलेरिया से संक्रमित मरीज मिलने की पुष्टि हो रही है.
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