हाइलाइट्स
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शैक्षणिक सत्र शुरु होने के बाद भी अतिथियों की नियुक्ति नहीं
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40 दिनों से सूबे के 1 हजार से ज्यादा स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं
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10 अगस्त तक सरकारी स्कूलों में हो सकती है अतिथियों की नियुक्ति
MP Guest Teacher: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 7 अगस्त तक अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हो जाएगी।
हालांकि इस बार 25 हजार अतिथि शिक्षकों की नौकरी पर संकट दिखाई दे रहा है। खराब रिजल्ट के कारण 13 हजार अतिथि शिक्षकों की नौकरी जाएगी।
वहीं उच्च पद प्रभार, ट्रांसफर और भर्ती के कारण 12 हजार अतिथि शिक्षकों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
सत्र शुरु होने के बाद भी नियुक्ति नहीं
सामान्य तौर पर शैक्षणिक सत्र शुरु होने के दौरान ही जून में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरु हो जाती है और इसे हर हाल में जुलाई में खत्म कर लिया जाता है।
इस बार ये व्यवस्था 40 दिन बीत जाने के बाद भी शुरु नहीं हो पाई है। इससे सिलेबस भी पिछड़ रहा है।
1 हजार स्कूलों में शिक्षक ही नहीं
शैक्षणिक सत्र शुरु हुए 40 दिन से अधिक का समय बीत चुका है और अब तक अतिथि शिक्षकों (MP Guest Teacher) की नियुक्ति नहीं हो पाई है।
खराब रिजल्ट के कारण 13 हजार अतिथियों की जाएगी नौकरी: उच्च पद प्रभार, ट्रांसफर और भर्ती से 12 हजार पर भी संकट!#MPNews #guestteacher #teacher @jitupatwari @GaustTeacherMP0 @DrMohanYadav51 @udaypratapmp @schooledump @UmangSinghar
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) July 25, 2024
प्रदेश के एक हजार शिक्षक विहीन स्कूल अतिथियों के भरोसे पर ही चल रहे हैं। अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन स्कूलों की क्या स्थिति होगी।
इन चार कारणों से 25 हजार अतिथियों पर संकट
1. खराब रिजल्ट: शासन ये पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि 30% भी रिजल्ट नहीं देने वाले अतिथि शिक्षकों को दोबारा नहीं रखा जाएगा। इससे 13 हजार की नौकरी जाना तय माना जा रहा है।
2. उच्चपद प्रभार: उच्च पद प्रभार की भी प्रक्रिया चल रही है। इसमें 20000 से ज्यादा नियमित शिक्षक इधर से उधर होंगे। इससे करीब 1 हजार अतिथि शिक्षकों को दिक्कत आ सकती है।
3. शिक्षकों का ट्रांसफर: जब तबादले शुरू होंगे तब भी ट्रांसफर होकर शिक्षक दूसरे स्कूलों में पदस्थ होंगे। इसमें करीब 3 हजार अतिथियों की नौकरी पर संकट आएगा।
4. शिक्षक भर्ती: वर्ग 1 शिक्षक भर्ती की 8 हजार से अधिक पदों के लिए चल रही है। इनके नियुक्ति पत्र जारी होते ही 8 हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति पर खतरा आ जाएगा।
नियुक्ति को लेकर अतिथि शिक्षकों के ये तर्क
जिन अतिथि शिक्षकों के परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से कम हैं। उनका सेवाकाल भी देखा जाए। 40% से ज्यादा अतिथि शिक्षकों ने तीन या चार महीने ही पढ़ाया है।
स्थाई शिक्षकों और अतिथि शिक्षकों के परीक्षा परिणाम की समीक्षा हो। उसके बाद ही कार्रवाई की जाए।
30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले अतिथि शिक्षकों (MP Guest Teacher) को आगामी सत्र में अवसर देना चाहिए।
स्थाई शिक्षकों की भांति उनको विषयवार प्रशिक्षण देना चाहिए। यदि अगले सत्र में भी सुधार नहीं हो तो कार्यमुक्त कर सकते हैं।
DPI के बाहर 31 दिनों तक किया था प्रदर्शन
अतिथि शिक्षकों (MP Guest Teacher) ने अपनी मांगों को लेकर राजधानी भोपाल में लोक शिक्षण संचालनालय यानी DPI के बाहर 31 दिनों तक प्रदर्शन किया था।
19 जून से 19 जुलाई तक चले इस प्रदर्शन में मुख्य रूप से महापंचायत में की गई घोषणा के अनुरुप नियमितीकरण की मांग की गई थी
अतिथि शिक्षकों की ये है मांगें
1. अनुभव-वरिष्ठता के आधार पर विभागीय पात्रता परीक्षा आयोजित कर नियमित शिक्षक बनाया जाए।
2. अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर अतिथियों का पूरे एक साल का अनुबंध किया जाए।
3. शिक्षक भर्ती में 50% आरक्षण और हर साल 4 अंक या अधिकतम 20 अंक बोनस दिया जाए।
4. महीने की निश्चित तारीख को अतिथि शिक्षकों को मानदेय देने का आदेश जारी किया जाए।
अतिथि शिक्षकों की तात्कालिक मांगें
1. खाली पदों पर अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति के आदेश तत्काल जारी हों।
2. अतिथि शिक्षकों के लिए फरवरी, मार्च, अप्रैल का बजट जारी कर अतिशीघ्र मानदेय दिया जाए।
3. 30% से कम परीक्षा परिणाम देने वाले अतिथि शिक्षकों को पुनः रखे जाने का आदेश जारी हो।
4. वर्तमान में कराये जा रहे अतिथि शिक्षकों के नए पंजीयन निरस्त किए जाएं।
अतिथियों के सामने ये बड़ा संकट
ग्रीष्मकालीन अवकाश और नियुक्ति में देरी से सालभर में अतिथि शिक्षकों (MP Guest Teacher) को 3 से 4 माह तक मानदेय नहीं मिलता। अभी भी दो माह से भुगतान नहीं हुआ।
ऐसी स्थिति में 50 किलो मीटर दूर जाकर अध्यापन करवाना बहुत मुश्किल होता है। परिवार के भरण पोषण की चिंता हमेशा बनी रहती है।
सालों से अतिथि व्यवस्था में जुड़े कई लोग उम्रदराज हो चले हैं। 40 से 50 साल की उम्र के अतिथि यदि ट्रांसफर या भर्ती के कारण अब निकाले जाते हैं तो उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।