हाइलाइट्स
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तबादला नीति पर नहीं हो सका अंतिम फैसला
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मुख्यमंत्री मोहन यादव को लगाना है मुहर
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निर्वाचन कार्य के कारण 2023 से लगा है बैन
MP Govt Employee Transfer: मध्य प्रदेश में ट्रांसफर की उम्मीद लगाए बैठे सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है।
जुलाई महीने में ही दूसरी बार ट्रांसफर प्रक्रिया की तारीख को आगे बढ़ा दिया है। दरअसल एक सियासी घटनाक्रम इसकी वजह है।
अब ट्रांसफर के लिए कर्मचारियों को और इंतजार करना पड़ सकता है। बता दें कि निर्वाचन कार्य के कारण 2023 से ट्रांसफर पर बैन लगा है।
वह घटनाक्रम जिसने लाया सियासी भूचाल
मंत्री नागर सिंह चौहान से वन विभाग और पर्यावरण मंत्रालय वापस लेकर हाल ही में रामनिवास रावत को दे दिये गए। इससे नागर सिंह चौहान खासे नाराज हैं।
22 जुलाई को बंसल न्यूज पर ही मंत्री चौहान ने इस बात का खुलासा किया। उन्होंने इस्तीफा देने तक की बात कर दी।
इससे प्रदेश में सियासी भूचाल आ गया। बता दें कि मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनिता सिंह झाबुआ से बीजेपी की सांसद हैं।
बंसल न्यूज पर मंत्री नागर सिंह ने क्या कहा..नीचे क्लिक कर पहले वो सुनें
सियासी भूचाल और ट्रांसफर कनेक्शन
दरअसल ट्रांसफर को लेकर नीति तैयार हो चुकी है। इस पर फाइनल मुहर सीएम मोहन यादव लगाएंगे।
इससे पहले मंत्रियों के साथ अंतिम बार चर्चा होनी है। सूत्रों के अनुसार ये चर्चा 22 जुलाई को होना थी।
उससे पहले ही विभाग बटवारे पर मंत्री की नाराजगी सामने आ गई।
इससे ट्रांसफर नीति (MP Govt Transfer Policy) पर फाइनल मुहर नहीं लग पाई और मामला एक बार फिर अटक गया।
ट्रांसफर प्रक्रिया शुरु होने में इसलिए देरी
ट्रांसफर नीति तो तैयार है, लेकिन अब तक जिलों के प्रभारी मंत्री तय नहीं हुए हैं। संगठन की इस पर मोहर लगना बाकी है।
ट्रांसफर में अहम रोल प्रभारी मंत्रियों का भी होता है। इसी वजह से जुलाई में ट्रांसफर (MP Govt Employee Transfer) शुरु नहीं हो पाए।
अब इस पर 22 जुलाई को कोई चर्चा होती उससे पहले ही मंत्री नागर सिंह चौहान की धमकी ने सियासी भूचाल ला दिया।
जुलाई में ही दो बार टली तारीख
अब तक जुलाई माह में ही दो बार तारीख टल चुकी है। पहले माना जा रहा था कि 15 जुलाई से ट्रांसफर प्रक्रिया शुरु हो जाएगी, लेकिन तबादला नीति पर फाइनल मुहर नहीं लग जाने से ये मामला लटका रहा।
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उसके बाद 22 जुलाई को इस पर चर्चा कर 25 जुलाई से ट्रांसफर (MP Govt Employee Transfer) शुरु होने थे, लेकिन इस बार भी ये तारीख आगे के लिए टल गई।
इस तारीख से शुरु हो सकते हैं ट्रांसफर
जानकारों की मानें तो मामला अगस्त तक के लिए टल गया है। जुलाई के अंतिम सप्ताह तक ट्रांसफर नीति पर अंतिम मुहर लगेगी। इसके बाद ट्रांसफर पर लगे बेन हट सकेंगे।
उम्मीद है कि अगस्त के पहले सप्ताह में 15 दिनों के लिए मध्य प्रदेश में थोकबंद तबादले (MP Govt Employee Transfer) शुरु हो सकते हैं।
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ये ट्रांसफर पॉलिसी है प्रस्तावित
1. जिले के भीतर प्रभारी मंत्री के अप्रूवल से ट्रांसफर हो सकते हैं।
2. जिले के बाहर और विभागों में तबादलों पर सीएम की अनुमति जरुरी।
3. नीति के अंतर्गत 200 कर्मचारियों की संख्या वाले संवर्ग में 20% से ज्यादा तबादले नहीं।
4. नीति के तहत 201 से 2000 तक के संवर्ग में 10% से ज्यादा तबादले नहीं।
5. दो हजार से ज्यादा संख्या होने पर 5 फीसदी तबादले किए जाने का नियम है।
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इस तरह हो सकेंगे तबादले
प्रथम श्रेणी के सभी अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री (CM Mohan Yadav) के अनुमोदन से होंगे।
द्वितीय और तृतीय श्रेणी के अधिकारियों के विभागीय मंत्री और जिले के भीतर कर्मचारियों के तबादले कलेक्टर के माध्यम से होंगे।
हालांकि इसके लिए प्रभारी मंत्री की परमिशन लेना अनिवार्य होगा। तबादला नीति का पालन सुनिश्चित करने का दायित्व विभागीय अधिकारियों को दिया गया है।
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