हाइलाइट्स
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रायपुर में विधायक पुरंदर मिश्रा को टाइफाइड
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पेट में तकलीफ से हुई बीमारी शुरू
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जानें-टाइफाइड हो जाए तो क्या करें
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों से बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं।
अब खबर आई है कि रायपुर में एक विधायक को टाइफाइड हो गया है और अस्पताल में भर्ती हैं।
बताते हैं बीजेपी विधायक पुरंदर मिश्रा के पेट में तकलीफ थी। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
मेडिकल चेकअप में उन्हें टायफाइड (Chhattisgarh News)निकला है।
पुरंदर मिश्रा रायपुर उत्तर विधानसभा सीट से विधायक हैं। बीमार होने के बाद अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं।
उन्होंने यह तो नहीं बताया कि क्या खाने-पीने से वे बीमार हुए हैं, लेकिन विधायक मिश्रा ने कहा कि इस वक्त मौसमी बीमारियों का रिस्क बना हुआ है।
आम लोगों से उन्होंने अपील की है कि खाने-पीने में सावधानी (Chhattisgarh News) बरतें।
आइए अब जानते हैं कि टाइफाइड क्या होता है और यह किस कारण से लोग इसका शिकार हो जाते हैं-
क्या होता है टाइफाइड?
टाइफाइड “साल्मोनेला एंटेरिका सेरोटाइप टाइफी” नामक बैक्टीरिया से होता है। दूषित पानी और खाने की चीजों में यह बैक्टीरिया पैदा होता है।
इसके जरिए यह हमारे शरीर में पहुंच जाता है। गर्मियों की तुलना में सर्दियों में यह ज्यादा फैलता है। शरीर में जाने के बाद एक से दो हफ्ते में यह वायरस असर दिखाने लगता है। इससे जो बीमारी होती है, उसे टाइफाइड कहा जाता है।
टाइफाइड एक तरह की सेमी-कम्युनिकेबल डिजीज है। यानी यह एक से दूसरे में डायरेक्ट तो नहीं फैलता, लेकिन आप इससे पीड़ित किसी व्यक्ति के साथ खाना-पीना साझा कर रहे हैं तो यह बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
ये बैक्टीरिया पानी या सूखे सीवेज में हफ्तों तक जिंदा रहते हैं। टाइफाइड को ठीक होने में लगभग एक से दो हफ्ते और कभी-कभी तीन से चार हफ्ते लग सकते हैं।
ज्यादा लंबे समय तक टाइफाइड होने पर शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इससे दूसरी बीमारियों का जोखिम बढ़ (Chhattisgarh News) जाता है।
टाइफाइड के लक्षण?
- लगातार ज्यादा बुखार आना और बुखार के साथ जरूरत से ज्यादा सर्दी लगना, टाइफाइड का सामान्य लक्षण है। बुखार का टेम्प्रचर 104 डिग्री तक भी हो सकता है।
- सिरदर्द इसका दूसरा लक्षण है। अगर बुखार के साथ सिर में दर्द हो रहा है तो यह टाइफाइड हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करने में देर ना करें।
- टाइफाइड होने पर शरीर में लगातार दर्द होता है। मांसपेशियों में जकड़न महसूस होती है, जॉइंट्स यानी जोड़ों में कुछ ज्यादा ही दर्द होता है।
- इसमें शरीर में दर्द, सिर दर्द और बुखार के अलावा भूख ना लगने की समस्या भी हो जाती है। इससे पीड़ित की डाइट आधे से भी कम हो जाती है। जो पीड़ितों में कमजोरी की वजह बनता है, वेट लॉस होता है और इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।
- टाइफाइड में घबराहट भी होती है। यानी अगर यह ज्यादा सीवियर या गंभीर हो जाएं तो, पीड़ित मानसिक तौर पर परेशान रहने लगता है। एंग्जाइटी और तनाव भी टाइफाइड के लक्षणों में से एक हैं।
- टाइफाइड हो जाने पर डाइजेस्टिव सिस्टम पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे दस्त, एसिडिटी और पेट दर्द की समस्या भी होने (Chhattisgarh News) लगती है।
टाइफाइड के दौरान क्या खाएं?
विशेषज्ञों के मुताबिक टाइफाइड के दौरान खाने-पीने को लेकर बहुत सावधान रहना होता है। इस दौरान खाना ना खाना और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। ऐसे में पानी ज्यादा से ज्यादा पीने की सलाह दी जाती है। इस दौरान पीड़ित को इस बात का विशेष ध्यान देना है कि वह उबला हुआ पानी पिए। इसके अलावा टोंड दूध, नारियल पानी और लौंग का पानी जरूर (Chhattisgarh News) पिएं।
फलों में सेब, मौसमी, अनार, अंगूर और पपीता खाएं। इससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत रहेगा। खाने में दलिया, चावल, मूंग की दाल की पतली खिचड़ी, उबली हुई मूंग की दाल और रोटी खाएं। सब्जियों में पालक, लौकी, गिलकी और करेला का इस्तेमाल करें। एक्सपर्ट्स की सलाह है कि इस दौरान नहाए नहीं और ज्यादा से ज्यादा बेड रेस्ट करें।
टाइफाइड का इलाज कैसे करें?
- विशेषज्ञों के मुताबिक टाइफाइड के इलाज में बस एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह तब करना होता है जब पीड़ित को केवल टाइफाइड हो। टाइफाइड की वजह से पीड़ित को और बीमारियां हो जाती हैं तो उसे दूसरे इलाज भी दिए जाते हैं।
- ऐसे केस में पीड़ित को रिकवर होने में काफी टाइम लगता है। एंटीबायोटिक दवाओं के अलावा, पर्याप्त पानी पीना और खानपान का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ज्यादा गंभीर मामलों में आंतों में इंफेक्शन हो जाता है और सर्जरी की नौबत आ सकती है।
- जोखिम वाले क्षेत्रों की यात्रा करने से पहले टाइफाइड बुखार का टीका लगाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा दवा भी दी जाती है। हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि टीके 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं हैं और खाने-पीने के समय भी सावधानी बरतनी जरुरी (Chhattisgarh News) है।
ठीक होने के बाद दोबारा भी हो सकता है टाइफाइड
एक्सपर्ट बताते हैं कि टाइफाइड से उबरने वाले लोगों में दोबारा टाइफाइड होने का रिस्क बना रहता है। वो लोग जो एंटीबायोटिक्स से ठीक हो जाते हैं, उनमें बीमारी के लौटकर आने का जोखिम ज्यादा रहता है।
अगर रिकवर होने के बाद सावधानी ना बरती जाए तो टाइफाइड के दोबारा होने की आशंका और भी ज्यादा होती है। हर साल करीब 11% पीड़ितों में यह बीमारी ठीक होने के बाद कुछ हफ्तों में दोबारा हो (Chhattisgarh News) जाती है।
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ये सावधानियां भी जरूर रखें
एक्सपर्ट्स के मुताबिक टाइफाइड से ठीक होने वाले लोगों को अपने इम्यून सिस्टम को लेकर काफी सावधान रहना चाहिए।
इसके लिए गर्म पानी, गर्म टोंड दूध, और हरी सब्जियों के अलावा हल्के खाने को डाइट में शामिल करें।
रोज एक्सरसाइज करें और अपने आसपास सफाई वाली जगह ही घूमना फिरना (Chhattisgarh News)करें।