Compounding Investment Tips: आज के दौर में हर किसी का सपना अमीर बनना है. लेकिन यह आप भी जानते हैं कि आप एक दिन में अमीर नहीं बन सकते हैं. कई लोगों की सैलरी आज भी लाख के आंकड़े से कम है. ऐसी लोगों का ही सपना तेजी से अमीर बनना होता है. मन लीजिए अगर आपको करोड़ो रूपए मिल जाए तो आप क्या करेंगे.
आपको ये पैसे कोई किला फतह करने जैसा लगेगा. लेकिन क्या आप जानतें ऐसा एक तरीका है जिससे आप निश्चित ही करोड़पति बन सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कौनसा तरीका जिससे करोड़पति बना जा सके. आज हम आपको एक ऐसा तरीका बताएंगे जिससे आप सचमुच में करोड़पति बन जाएंगे.
यह तरीका कंपाउंडिग है. आप कंपाउंडिग की मदद से केवल 15 साल में करोड़पति बन सकते हैं. कंपाउंडिग के साथ-साथ आपको 8-4-3 के नियम का पालन करना होगा.
क्या होती है कंपाउंडिग
कंपाउंडिंग (compounding) एक फाइनेंसियल और मैथेमैटिकल प्रोसेस है जिसमें प्रारंभिक राशि पर मिलने वाले ब्याज को भी अगले अवधि के ब्याज के हिसाब में शामिल कर लिया जाता है. इसका मतलब है कि ब्याज की गणना केवल मूल राशि पर नहीं बल्कि पहले से अर्जित ब्याज पर भी होती है.
उदाहरण के लिए, यदि आप एक बैंक में 10% वार्षिक ब्याज दर पर 1000 रुपये जमा करते हैं, तो पहले वर्ष के बाद ब्याज 100 रुपये होगा. अगले वर्ष से आपको ब्याज भी इस 100 रुपये पर मिलेगा. इस प्रक्रिया को कंपाउंडिंग कहते हैं. इसे हिंदी में “संयोजक ब्याज” भी कहा जा सकता है। यह प्रोसेस समय के साथ आपकी राशि को तेजी से बढ़ाती है.
धीरे-धीरे असर करती है कंपाउंडिग
जब कंपाउंडिग में आप पैसा इन्वेस्ट करते हैं तो आपको इसका फायदा तुरंत नहीं दिखाई देगा. लेकिन समय बीतने के साथ इसका फायदा साफ़-साफ़ दिखने लगता है. क्योंकि किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट में धीरज जरुरी है. इस कंपाउंडिग का फायदा केवल धैर्य रखने वाले इन्वेस्टर ही उठा सकते हैं.
अगर आओ धीरज और अनुशासन के साथ कंपाउंडिंग करते हैं तो निश्चित ही आपको इसका फायदा देखने को मिलेगा. क्या आपने कभी सोचा है कि 1 करोड़ रूपए कमाने में कितना समय लगता है. इसका जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी राशि इन्वेस्ट कर रहें हैं और इसमें आपको कितना रिटर्न मिलता है.
कंपाउंडिग के फायदे
कंपाउंडिंग से आपका फाइनेंसियल मैनेजमेंट अच्छे से होता है। कंपाउंडिंग का मतलब है कि जब आप किसी राशि को इन्वेस्ट करते हैं, तो न केवल आपकी मूल राशि पर ब्याज मिलता है, बल्कि ब्याज पर भी ब्याज प्राप्त होता है. इससे आपकी प्रॉपर्टी वैल्यू समय के साथ तेजी से बढ़ता है.
समय के साथ, आपके इन्वेस्ट का मूल्य तेजी से बढ़ता है क्योंकि ब्याज लगातार बढ़ता रहता है। ब्याज के निरंतर ग्रोथ से आपके निवेश की ग्रोथ स्वाभाविक रूप से होती है, जिससे आपको ज्यादा मेहनत की जरुरत नहीं होती. जितनी जल्दी आप निवेश शुरू करेंगे, उतना अधिक लाभ आपको मिलेगा क्योंकि कंपाउंडिंग का असर समय के साथ बढ़ता है.
8-4-3 नियम का करें इस्तेमाल
8-4-3 रणनीति में, 8 वर्षों के लिए किसी इन्वेस्टमेंट राशि का औसत रिटर्न 12 % प्रतिवर्ष है, जबकि उस समय अवधि के बाद, 12 प्रतिशत का रिटर्न पाने के लिए उस सीमा का केवल आधा समय, यानी 4 वर्ष (कुल 12 वर्ष) लगेगा. इसी तरह, अगले 3 वर्षों (कुल 15 वर्ष) के लिए आवेदन करें, और आपकी जमा राशि दोगुनी हो जाएगी.
मान लीजिये आप हर महीने लगभग 20,000 रूपए इन्वेस्ट करते हैं जो आपको सालाना 12% ब्याज देता है. इस तरीके से आप आठ सैलून में 32 लाख रूपए कमा लेंगे. पहले 32 लाख रूपए 8 साल में बनते हैं लेकिन अगले 32 लाख उसी ब्याज दर पर सिर्फ 4 साल में बन जाते हैं.
12 साल के बाद आपके पास लगभग 64 लाख का इन्वेस्टमेंट होगा. इसके बाद अगर आप 3 साल के लिए इसे छोड़ देते हैं और 20,000 रूपए का हर महीने इन्वेस्टमेंट जारी रखते हैं तो आपके द्वारा जुटाए गए पैसे 64 लाख से बढ़कर 1 करोड़ रुपये हो जाएंगे.