Jahnvi Kapoor Food Poisoning: हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर फ़ूड पॉइजनिंग के चलते गुरुवार को हॉस्पिटल में भर्ती हुई थी. इस बात की जानकारी उनके पिता बोने कपूर ने दी है. जाह्नवी कपूर की तबियत कुछ दिनों से ठीक नहीं थी. इसके चलते उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.
जानकारी के मुताबिक जाह्नवी कपूर को फ़ूड पॉइजनिंग की समस्या हुई थी. इस मौसम में ज्यादातर लोगों को फ़ूड पॉइजनिंग की समस्या होती है. फ़ूड पॉइजनिंग ज्यादातर मानसून में होती है. आज हम जानेंगे ये किस कारण से होती है. आप कैसे हालत बिगड़ने से इसे पहचान सकते हैं.
कैसे आप मानसून में फ़ूड पॉइजनिंग से बच सकते हैं.
क्या होती है फूड पॉइजनिंग
फूड पॉइजनिंग में दूषित भोजन या पेय पदार्थों का सेवन करने से व्यक्ति बीमार हो जाता है। भोजन में बैक्टीरिया, वायरस होने के कारण फूड पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है. फूड पॉइजनिंग पेट और आंतों में संक्रमण या टोक्सिसिटी पैदा करते हैं.
फूड पॉइजनिंग के सामान्य लक्षणों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द, बुखार और सिरदर्द शामिल हो सकते हैं। यह स्थिति अक्सर खाने-पीने की खराब स्वच्छता, अपर्याप्त खाना पकाने, दूषित पानी के सेवन, या भोजन को ठीक से स्टोर न करने के कारण होती है। फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना, भोजन को ठीक से पकाना और स्टोर करना, और ताजे व साफ पानी का इस्तेमाल करें.
फ़ूड पॉइजनिंग के लक्षण
फ़ूड पॉइजनिंग, जिसे भोजन विषाक्तता भी कहा जाता है, एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो दूषित भोजन या पानी के सेवन से होती है। इसके लक्षण आमतौर पर भोजन के सेवन के कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों के भीतर प्रकट होते हैं. फ़ूड पॉइजनिंग के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं. जिसमें व्यक्ति को बार-बार उल्टी की आवश्यकता महसूस होती है.
पतला और बार-बार मल त्याग, जो शरीर में जल की कमी का कारण बन सकता है. पेट में तेज दर्द और मरोड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. शरीर का तापमान बढ़ सकता है, जिससे ठंड और कंपकंपी भी हो सकती है.
सिर में भारीपन और दर्द महसूस हो सकता है. शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है और सामान्य काम करने में कठिनाई हो सकती है.
फ़ूड पॉइजनिंग के बचाव
स्वच्छता बनाए रखें:
खाना बनाने से पहले और बाद में हाथ धोएं। खाने के बर्तन, प्लेटें और अन्य उपकरण साफ रखें। कच्चे और पके खाने को अलग-अलग रखें.
खाना पकाने का तरीका:
भोजन को उचित तापमान पर पकाएं। मांस, मछली और अंडों को अच्छी तरह पकाएं ताकि बैक्टीरिया नष्ट हो सकें.
भंडारण:
बचे हुए खाने को फ्रिज में रखें। खाने को लंबे समय तक बाहर न छोड़ें। फ्रिज और फ्रीजर का तापमान सही रखें (फ्रिज 4 डिग्री सेल्सियस और फ्रीजर -18 डिग्री सेल्सियस से कम).
खाना खरीदते समय:
ताजे और उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ खरीदें। एक्सपायरी डेट चेक करें. दूषित या खराब खाने से बचें.
खाद्य पदार्थों की सफाई:
सब्जियाँ और फल अच्छी तरह धोएं. सलाद और कच्चे खाने को खाने से पहले साफ पानी से धोएं.
स्वास्थ्य:
बीमार होने पर खाना न बनाएं. किसी भी संक्रामक बीमारी के लक्षण होने पर अपने डॉक्टर से सलाह लें.
फूड हैंडलिंग:
खाना बनाते समय बालों को ढकें और स्वच्छ कपड़े पहनें. खाना बनाते समय बार-बार हाथ धोएं.
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