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Bel Patra Niyam: इस तरह बेलपत्र चढ़ाने से प्रसन्न होंगे शिव, क्या है चढ़ाने का सही तरीका

Preeti Dwivedi by Preeti Dwivedi
July 19, 2024-9:51 AM
in राशिफल-शुभ मुहूर्त
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Sawan 2024 Bel Patra Niyam: सोमवार से सावन का महीना 2024 शुरू हो रहा है। सावन का महीना भगवान शिव (Lord Shiv) के लिए खास माना जाता है। सावन में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई जतन करते हैं।

भोले को खुश करने के लिए लोग जल अभिषेक, अकौआ, धतूरा, बेलपत्र चढ़ाते हैं।

यदि आप भी सावन 2024 में भोलेनाथ को खुश करना चाहते हैं या सरकारी नौकरी चाहते हैं, नौकरी में प्रमोशन  चाहते हैं, मनचाहा पति पाना चाहते हैं तो आपको सावन में ये बेलपत्र के उपाय (Bel Patra ke Upay) जरूर करना चाहिए।

आज ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे (8959594400) से जानते हैं कि भगवान शिव और शिवलिंग को बेलपत्र चढ़ाने के सही नियम (Shiv ko Belpatra Chadane ke Niyam) क्या हैं। बेलपत्र चढ़ाने का महत्व क्या है। इसका शास्त्रों में क्या उल्लेख है।

पुराणों में बेलपत्र का महत्व

बेलपत्र का उल्लेख कई पुराणों में मिलता है, विशेष रूप से लिंग पुराण (Ling Puran), स्कंद पुराण(Skand Puran) , पद्म पुराण और शिव पुराण (Shiv Puran) में। जैसे कि शिव महापुराण की रुद्र संहिता (Rudra Sanhita) के अध्याय में रोगों से मुक्ति के लिए कमल पुष्प या बेलपत्र अर्पण करने के लिए कहा गया है।

इसके अलावा शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए भी भगवान शिव के अभिषेक के दौरान भी बेलपत्र (Bel patra) चढ़ाने का बड़ा महत्व है। उपरोक्त ग्रन्थों में बेलपत्र (Bel Patra) के बारे में जो बताया गया है उसमें से कुछ प्रमुख बातें हम आपको बता रहे हैं।

भगवान शिव पर बेल पत्र चढ़ाने का सही तरीका 

*स्वच्छता*

सबसे पहले, स्वच्छता के साथ स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।

*बेल पत्र की तैयारी*

बेलपत्र को साफ पानी से धोकर बेल पत्र का एक साबुत और त्रिदलीय (तीन पत्तियों वाला) पत्ता लें।

*पूजा स्थान की तैयारी*

पूजा स्थल को साफ करके भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं।

*बेल पत्र चढ़ाना*

बेल पत्र को त्रिशूल या ॐ की आकृति की ओर रखें। पत्तियों का मुख ऊपर की ओर होना चाहिए और नीचे की डंडी भगवान शिव की ओर होनी चाहिए।

*मंत्र का उच्चारण*

बेल पत्र चढ़ाते समय “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ नमो भगवते रुद्राय” मंत्र का उच्चारण करें।

 *नियमितता*

नियमित रूप से भगवान शिव पर बेल पत्र चढ़ाएं, विशेषकर सोमवार को और श्रावण मास में।

यह विधि भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए मानी जाती है।

शास्त्रों में बेलपत्र का महत्व

लिंग पुराण में बेलपत्र

 *भगवान शिव को प्रिय*

लिंग पुराण में कहा गया है, कि बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इसे चढ़ाने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

 *तीन पत्तियों का महत्व*

बेलपत्र की तीन पत्तियों को भगवान शिव के त्रिनेत्र (तीन नेत्र) और त्रिशूल (Trithool) का प्रतीक माना गया है।

 *पापों का नाश*

लिंग पुराण में बताया गया है, कि जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

स्कंद पुराण में बेलपत्र

1. *शांति और समृद्धि*

बेलपत्र चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि का वास होता है।

2. *पूजा में आवश्यक*

स्कंद पुराण में बेलपत्र को भगवान शिव की पूजा में आवश्यक बताया गया है। इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

3. *धार्मिक पुण्य*

स्कंद पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से बेलपत्र भगवान शिव को चढ़ाता है, उसे धार्मिक पुण्य की प्राप्ति होती है और उसका जीवन सफल होता है।

पद्म पुराण में बेलपत्र 

1. *स्वास्थ्य लाभ*

पद्म पुराण में बेलपत्र के औषधीय गुणों का भी वर्णन किया गया है। इसे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है।

2 *अक्षय पुण्य*

पद्म पुराण में कहा गया है, कि जो व्यक्ति बेलपत्र चढ़ाता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं।

शिव पुराण में बेलपत्र 

*शुद्धता और पवित्रता*

शिव पुराण में बेलपत्र को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना गया है। इसे चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

 *धन और समृद्धि*

शिव पुराण में बताया गया है कि बेलपत्र चढ़ाने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

इन पुराणों में वर्णित बातें बताती हैं कि बेलपत्र न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी बहुत अधिक हैं। भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र का उपयोग करने से मानसिक, शारीरिक और आर्थिक सभी प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।

 

शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने से लाभ

बेलपत्र को भगवान शिव पर चढ़ाने से कई आध्यात्मिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं। यहां कुछ प्रमुख लाभ हैं।

*भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है*

चूँकि शिव को अत्यंत प्रिय है। इसलिए बेलपत्र भगवान को चढ़ाने से शिव की कृपा प्राप्त होती है।

*पापों का नाश*

धार्मिक मान्यता के अनुसार, बेलपत्र चढ़ाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है और वह पवित्र होता है।

*धन और सुख-समृद्धि*

बेलपत्र चढ़ाने से धन, सुख, और समृद्धि प्राप्त होती है। आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

*मानसिक शांति*

भगवान शिव की पूजा और बेलपत्र चढ़ाने से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है। तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।

*स्वास्थ्य लाभ*

धार्मिक दृष्टि से, बेलपत्र चढ़ाने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

*कष्टों का निवारण*

भगवान शिव की कृपा से जीवन में आने वाले कष्ट और समस्याएं कम होती हैं।

 *पारिवारिक सुख*

परिवार में सुख-शांति, आपसी प्रेम बढ़ता है।

बेल पत्र (बिल्वपत्र) का धार्मिक-औषधीय दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है।

बेलपत्र चढ़ाने के धार्मिक लाभ

*पापों का नाश*

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बेल पत्र चढ़ाने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति पवित्र हो जाता है।

*भगवान शिव की कृपा*

बेल पत्र भगवान शिव को अति प्रिय है। पूजा में बेल पत्र अर्पित करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

*धन और समृद्धि*

बेल पत्र चढ़ाने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और समृद्धि प्राप्त होती है।

*कष्टों का निवारण*

बेल पत्र भगवान शिव पर चढ़ाने से जीवन के कष्ट और समस्याएं कम होती हैं।

*मानसिक शांति*

भगवान शिव की पूजा में बेल पत्र का उपयोग करने से मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है।

बेलपत्र के औषधीय गुण

*सर्दी-जुकाम*

बेल पत्र का काढ़ा सर्दी-जुकाम में राहत देता है।

*पाचन तंत्र*

बेल पत्र का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत करता है और गैस, कब्ज आदि समस्याओं में राहत देता है।

*मधुमेह*

बेल पत्र का रस मधुमेह के रोगियों के लिए लाभकारी होता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

*त्वचा संबंधी समस्याएं*

बेल पत्र का पेस्ट त्वचा पर लगाने से त्वचा संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है।

 *डायरिया और पेचिश*

बेल पत्र का उपयोग डायरिया और पेचिश जैसी समस्याओं के उपचार में किया जाता है।

*रक्तचाप*

बेल पत्र का नियमित सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।

बेलपत्र चढ़ाने के वातावरण को लाभ

1. *प्रदूषण कम करना*

बेल का पेड़ पर्यावरण को शुद्ध करता है और प्रदूषण कम करने में मदद करता है।

2. *जैव विविधता*

बेल का पेड़ जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करता है, क्योंकि यह कई जीव-जंतुओं और पक्षियों के लिए आवास प्रदान करता है।

बेल पत्र के धार्मिक और औषधीय लाभ इसे एक महत्वपूर्ण पौधा बनाते हैं। इन लाभों का पूर्ण अनुभव करने के लिए इसे सही तरीके से और नियमित रूप से उपयोग करना चाहिए।

शिव पुराण में बेलपत्र का महत्व

शिव पुराण में बेल पत्री (बिल्व पत्र) का उल्लेख (Bel Patra ke Niyam) बहुत महत्वपूर्ण और पवित्र माना गया है। यहां कुछ प्रमुख बातें दी गई हैं जो शिव पुराण में बेलपत्र के बारे में कही गई हैं।

 *तीन पत्तियों का महत्व*

इन्हें त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का प्रतीक भी माना जाता है। बेल पत्र की तीन पत्तियां भगवान शिव के त्रिनेत्र (तीन नेत्र) का प्रतीक हैं।

 *भगवान शिव को प्रिय*

शिव पुराण  के अनुसार बेल पत्र (Bel Patra Tarika) भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इसे अर्पित करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

 *पवित्रता का प्रतीक*

बेल पत्र को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना गया है। इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

 *पापों का नाश*

शिव पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान शिव पर बेल पत्र अर्पित (Bel Patra Niyam in hindi) करता है, उसके समस्त पापों का नाश हो जाता है।

*धन और समृद्धि*

बेल पत्र चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन में धन, सुख, और समृद्धि का आगमन होता है।

*शिवरात्रि का महत्व*

शिवरात्रि के अवसर पर बेल पत्र (Bel patra offering rules) चढ़ाने का विशेष महत्व है। इस दिन बेल पत्र चढ़ाने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

 *शांति और स्थिरता*

भगवान शिव की पूजा में बेल पत्र का उपयोग (Use of Bel Patra) करने से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है। इससे व्यक्ति के जीवन में शांति और संतुलन बना रहता है।

*औषधीय गुण*

शिव पुराण में बेल पत्र के औषधीय गुणों (Bel Patra ke Audhdiya Gun) का भी उल्लेख किया गया है। इसे स्वास्थ्यवर्धक माना गया है और कई रोगों के उपचार में उपयोग किया जाता है।

इन बातों से स्पष्ट होता है कि शिव पुराण में बेल पत्र का धार्मिक (Bel Patra ke Niyam) , आध्यात्मिक और औषधीय महत्व बहुत अधिक है। भगवान शिव की पूजा में बेल पत्र का उपयोग करना अत्यंत शुभ और लाभकारी माना गया है।

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Preeti Dwivedi

Preeti Dwivedi

पत्रकारिता में 15 साल का अनुभव। डॉ. हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी से 2007 में पत्रकारिता की शिक्षा प्राप्त की। नवदुनिया, दैनिक भास्कर, तीनबत्ती न्यूज.कॉम में कार्य का अनुभव। एस्ट्रोलॉजी, यूटिलिटी और लाइफ स्टाइल की खबरों में विशेष रुचि। इस क्षेत्र में कई महिला सम्मान भी मिले। 2021 से बंसल न्यूज डिजिटल के साथ सीखने-सिखाने का सफर जारी है।

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