हाइलाइट्स
-
बिजली कटौती के मामले में भोपालअव्वल
-
साल में 1225 घंटे का लिया गया शटडाउन
-
मंत्री का दावा प्रदेश में नहीं कट रही बिजली
Bhopal Bijli Katauti: एक तरफ ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का दावा है कि प्रदेश में बिजली कटौती कहीं नहीं हो रही है। तो वहीं दूसरी तरफ बिजली कटौती करने के मामले में मध्य प्रदेश में भोपाल सबसे अव्वल आया है। आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई से लेकर अब तक यानी कि एक साल में करीब 1225 घंटे का शटडाउन लेकर बिजली सप्लाई बंद रखी गई।
मंत्री का दावा: प्रदेश में कहीं नहीं हो रही बिजली कटौती, इधर राजधानी भोपाल में साल भर में 1225 घंटे का हो गया शटडाउन#MadhyaPradesh #MPNews #bhopal #shutdown
पूरी खबर पढ़ें: https://t.co/ns3vEgfLQC pic.twitter.com/jH7WRZs2uu
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) July 19, 2024
विधानसभा सत्र में ऊर्जा मंत्री ने किया था ये दावा
बिजली कटौती का मुद्दा जब विधानसभा के मानसून सत्र में गूंजा, तो उस समय ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ये कहते नजर आए थे कि मध्यप्रदेश में बिजली कटौती कहीं नहीं हो रही है। जो बिजली कटती है, उसका मुख्य कारण बिजली अवरोध होना है।
राजधानी में बिजली कटौती का ये कारण भी
आपको बता दें कि राजधानी में मेंटेनेंस के नाम पर रोजाना कई घंटों तक बिजली को काटा जा रहा है। इसकी बड़ी वजह शहर में हो रहे निर्माण कार्य भी हैं।
आपको बता दें कि भोपाल के तीन बड़े रोड प्रोज्क्ट कोलार सिक्स लेन, 11 मील बंगरसिया फोरलेन और अवधपुरी फोरलेन की जद में आ रही बिजली लाइन और खंभों की शिफ्टिंग के चलते शटडाउन का सिलसिला इस समय जोरो-सोरो से चल रहा है, जिसकी वजह से भोपाल में अन्य शहरों के मुकाबले 20% शटडाउन बढ़ गया है।
ये है 1225 घंटे का गणित
आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई से अब तक 1225 घंटे बिजली की कटौती की गई। यानी कि 245 दिन मेंटेनेंस किया गया। इस दौरान दिन में करीब औसतन 5 से 6 घंटे का शटडाउन लिया गया। यह कुल 1225 घंटे होते हैं।
यदि हम इसका कैल्कुलेशन करें तो 1225 यानि कि साल भर में 51 दिन से ज्यादा बिजली की कटौती हुई। साल के 365 दिनों में से सिर्फ 314 दिन ही बिजली रही।
इन कामों के लिए लिया जाता है शटडाउन
ज्यादातर बिजली को मैंटेनेंस के नाम पर काटा जाता है। क्योंकि बिजली कंपनी सुपरविजन स्कीम के तहत कई काम किए जाते हैं। इसके लिए दिन में करीब 3 से 5 घंटे का शटडाउन लिया जाता है।
रिवेंपड रेवेन्यू डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम (RRDAS) के तहत ट्रांसफार्मर लगाने और ज्यादा लोड वाले पुराने ट्रांसफार्मर की क्षमता को बढ़ाने के लिए भी काम किया जाता है।
प्री मानसून,पोस्ट मानसून के अलावा इन मेंटेनेंस के नाम पर भी शटडाउन
बिजली कंपनी मेंटेनें के लिए 3 साल पहले फॉर्मेट बदला था। साल में 2 बार प्री-मानसून और पोस्ट मानसून मेंटेनेंस के अलावा एक नए टाइप का मेंटेनेंस भी किया जा रहा है। जिन फीडर्स पर 10 ट्रिपिंग होती हैं, उनका मेंटेनेंस भी किया जाता है। ये काम भी सालभर जारी रहता है।
इन दिनों में नहीं किया जाता मेंटेनेंस
जो प्रावधान तय हैं, उनके मुताबिक बिजली कंपनी खास त्योहारों पर मेंटेनेंस नहीं करती है। इनमें दीपावली, नवरात्रि, ईद, क्रिसमस, बैसाखी जैसे तीज त्यौहार शामिल हैं। इसके साथ ही जब शहर में कोई VIP मूवमेंट और कुछ खास मौके होते हैं, तब भी मेंटेनेंस का काम बंद रखा जाता है।
इनके जरिए बढ़ाई जाती है शटडाउन की समय सीमा
बिजली कटौती के दौरान शटडाउन की समय-सीमा को बढ़ाने के लिए कई काम किए जाते है। जैसे रोड प्रोजेक्ट, बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार सहित शहर के अन्य डेवलपमेंट हैं। इसके हिसाब से मेंटेनेंस शेड्यूल बनाया जाता है।
ये खबर भी पढ़ें: Ujjain Crime News: उज्जैन में CM के करीबी नेता को आधी रात मारी गोली, पुलिस के सामने दिया वारदात को अंजाम, आरोपी फरार