हाइलाइट्स
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कम हुए 50 प्रतिशत से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज
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इस वजह से कम हुई नर्सिंग कॉलेजों की संख्या
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INC ने खुद निरीक्षण कर दी कॉलेजों को मान्यता
MP Nursing College: मध्य प्रदेश में हुए नर्सिंग फर्जीवाड़े का असर अब कॉलेजों की मान्यता पर देखा जा रहा है। आपको बता दें कि इस बार 50 फीसदी से ज्यादा कॉलेज कम हो गए हैं। प्रदेश में सिर्फ 46 कॉलेजों को मान्यता मिली है।
MP Nursing College: नर्सिंग फर्जीवाड़े का मान्यता पर पड़ा असर, कम हुए 50% कॉलेज, सिर्फ इतने कॉलेजों को मिली मान्यता#MPNews #MadhyaPradesh #Nursing #nursingcollege #nursingscam
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) July 14, 2024
कम हुए 50 प्रतिशत से ज्यादा कॉलेज
मध्य प्रदेश के 46 नर्सिंग कॉलेजों को BSc नर्सिंग और GNM कोर्स कराने के लिए इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) ने मान्यता जारी की है।
बात करें पिछले साल की तो इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने 101 BSc और 127 जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी के कॉलेजों को मान्यता दी थी। देखा जाए तो इस बार करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा कॉलेज कम हो गए हैं।
इस वजह से कम हुई नर्सिंग कॉलेजों की संख्या
दरअसल, मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता नहीं मिलने की बड़ी वजह कॉलेजों में हुआ फर्जीवाड़ा है। नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता और संबद्धता में गड़बड़ी होने की वजह से ये स्थित बनी है।
CBI रिपोर्ट में अनफिट पाए गए थे 66 नर्सिंग कॉलेज
हाईकोर्ट के आदेश पर CBI की जांच टीम ने एमपी के 600 में से 308 नर्सिंग कॉलेजो की जांच रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें 169 फिट और 66 कॉलेज अनफिट निकले थे।
इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने खुद निरीक्षण कर दी मान्यता
प्रदेश के 73 कॉलेज ऐसे हैं जिन्होंने मानक पूरे नहीं किए। यही वजह है कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने खुद निरीक्षण करवाया और मानकों पर खरा उतरने वाले कॉलेजों को मान्यता दी है।
बता दें कि जिस कॉलेज के पास इंडियन नर्सिंग कॉलेज की मान्यता होती है, वहां के पासआउट स्टूडेंट्स देश में कहीं भी अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इधर एमपी नर्सिंग काउंसिल में साल 2024 की मान्यता देने का काम शुरू अभी तक नहीं हो पाया है।
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