Arjun Ki Chhaal ke Fayde: अर्जुन की छाल, जिसे टर्मिनालिया अर्जुना के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में होता है। इसकी छाल में कार्डियोप्रोटेक्टिव, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो हृदय रोगों के उपचार में सहायक माने जाते हैं।
अर्जुन की छाल का प्रयोग हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने, ब्लड को नियंत्रित करने और कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, यह छाल रक्तस्राव को रोकने, घाव भरने और त्वचा रोगों के उपचार में भी लाभकारी होती है।
आज हम आपको अर्जुन की छाल के बढ़िया स्वास्थ लाभ बताएंगे।
हृदय के रोगों के उपचार में अर्जुन की मोटी छाल का महीन चूर्ण अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इसे एक चम्मच की मात्रा में मलाई रहित एक कप दूध के साथ सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करने से हृदय के सभी प्रकार के रोगों में लाभ मिलता है।
इस प्राकृतिक उपचार से हृदय की बढ़ी हुई धड़कन सामान्य होती है और हृदय की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
हड्डी टूटने पर
अर्जुन के पेड़ के पाउडर की फंकी लेकर दूध पीने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। चूर्ण को पानी के साथ पीसकर लेप करने से भी दर्द में आराम मिलता है।
मुंह के छाले
अर्जुन की छाल के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर छालों पर लगायें। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
ताकत को बढ़ाने के लिए
अर्जुन बलकारक है तथा अपने लवण-खनिजों के कारण हृदय की मांसपेशियों को सशक्त बनाता है। दूध तथा गुड़, चीनी आदि के साथ जो अर्जुन की छाल का पाउडर नियमित रूप से लेता है, उसे हृदय रोग, जीर्ण ज्वर, रक्त-पित्त की समस्या नहीं होती है।
पुरानी खांसी
पुरानी खांसी एक सामान्य समस्या है जो कई कारणों से हो सकती है। सीने में जलन और पुरानी खांसी को रोकने के लिए कुछ घरेलू उपाय प्रभावी हो सकते हैं। अदरक और शहद का मिश्रण, हल्दी वाला दूध, तुलसी के पत्ते और काली मिर्च का काढ़ा आदि प्राकृतिक उपचार हैं जो छाती की जलन को कम कर सकते हैं और खांसी को शांत कर सकते हैं।
तेज धड़कन, दर्द, घबराहट
अर्जुन की पिसी छाल 2 चम्मच, 1 गिलास दूध, 2 गिलास पानी मिलाकर इतना उबालें कि केवल दूध ही बचे, पानी सारा जल जाये। इसमें दो चम्मच चीनी मिलाकर छानकर रोज एक बार हृदय रोगी को पिलायें। हृदय सम्बंधी रोगों में लाभ होगा। साथ ही शरीर ताकतवर होगा।
पेट दर्द
आधा चम्मच अर्जुन की छाल, जरा-सी भुनी-पिसी हींग और स्वादानुसार नमक मिलाकर सुबह-शाम गर्म पानी के साथ फंकी लेने से पेट के दर्द, गुर्दे का दर्द और पेट की जलन में लाभ होता है।
पीलिया
आधा चम्मच अर्जुन की छाल का चूर्ण जरा-सा घी में मिलाकर रोजाना सुबह और शाम लेना चाहिए।
मुंह की झांइयां
इसकी छाल पीसकर, शहद मिलाकर लेप करने से मुंह की झाइयां मिटती हैं।
नोट – ऊपर बताये गए उपाय और नुस्खे आपकी जानकारी के लिए है। बंसल न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है। कोई भी उपाय और दवा प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरुर ले।