Nakli Mawa ki Pahchan: एमपी में एक बार फिर नकली मावा बाजार में खपाने वाले मिलावटखोर सक्रिय हो गए हैं. राजधानी भोपाल में खाद्य विभाग की टीम ने 36 क्विंटल लावारिश नकली मावा जब्त की है. बताया जा रहा है कि यह मावा ग्वालियर से ट्रांसपोर्ट होकर भोपाल लाया गया है. शादियों के सीजन में मावे की डिमांड बढ़ने पर इसे बाजारों में खपाया जाता है. इस मावा से लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है.
36 क्विंटल लावारिश नकली मावा जब्त
राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में नकली मावा की सप्लाई शादीयों के सीजन में बढ़ जाती है. इसी के कारण भोपाल समेत पूरे प्रदेश में नकली मावा सप्लाई करने वाले मिलावट खोर सक्रिय हो गए है.यह मावा ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से तैयार होकर सप्लाई हो रहा है. यहां से ही नकली दूध, घी, मावा बनाकर दूसरे इलाकों में भेजा जाता है. इसी बीच खाद्य विभाग ने ग्वालियर से भोपाल आये 36 क्विंटल मावा को जब्त किया है. विभाग को यह मावा लावारिश पड़ा हुआ मिला. विभाग को अंदेशा है कि यह बुधवार की रात ट्रेन से भोपाल लाया गया था. इसकी अनुमानित कीमत 8 लाख से ज्यादा है.
जांच के लिए भेजा सैंपल
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों के अनुसार विभाग की टीम ने बजरिया स्थित जीबी कॉन्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल के सामने से मावा जब्त किया है. यह मावा व्यापारियों को सप्लाई किया जा रहा था. विभाग द्वारा पकड़े गए मावा के सैंपल लेकर जांच के लिए स्ट्रीट फूड लैबोरेट्री भेजा है.
कैसे बनता है नकली मावा
नकली मावा बनाने के लिए मिलावटखोर घटिया किस्म का मिल्क पाउडर, टेलकम पाउडर, चूना, चॉक और सफेद केमिकल्स, दूध में यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर और घटिया क्वालिटी का वनस्पति घी मिलाते हैं. इन सभी चिजों को से मावा तैयार करने पर यह सस्ता पड़ता है. इसके साथ ही सिंथेटिक दूध बनाने के लिए मामूली वॉशिंग पाउडर, रिफाइंड तेल, पानी और शुद्ध दूध को मिला दिया जाता है. इस तरह से एक लीटर शुद्ध दूध से 20 लीटर सिंथेटिक दूध बनकर तैयार हो जाता है. इसी दूध से मावा तैयार होता है. कई लोग मावा में शकरकंद, सिंघाड़े का आटा, मैदा या आलू भी मिला देते हैं. इस तरह से तैयार घी, मावा और दूध स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है.
ऐसे करें नकली मावा की पहचान
नकली मावा की पहचान के लिए मावे में थोड़ी सी चीनी डालकर गरम करने पर अगर यह पानी छोड़े तो यह नकली है. दूसरा तरीका 2 ग्राम मावा का 5 एमएल गरम पानी में घोल लें और ठंडा होने दें. ठंडा होने के बाद इसमें टिंचर आयोडीन डालें. यदी मावा नकली होगा तो इसका रंग नीला हो जाएगा.