हाइलाइट्स
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पुनर्वास नीति में बदलाव के दिए सुझाव
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सरेंडर के बाद घर बसाने की जताई इच्छा
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स्व-रोजगार या नौकरी देने की भी सलाह
Chhattisgarh Naxal News: दशकों तक विकास की धारा में बाधक बने नक्सलवाद का अब खात्मा होता दिख रहा है। छत्तीसगढ़ में सरकार प्यार और हथियार दोनों तरह से माओवादियों को समझाने में लगी है।
लिहाज़ा, कुछ महीने पहले पुनर्वास नीति के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने माओवादियों से सुझाव मांगे थे। इस पर नक्सलियों ने अपनी रुचि दिखाई है। नक्सलियों ने अपने सुझाव सरकार को अलग-अलग माध्यम से दिए हैं। अब सरकार इन सुझावों पर काम कर रही है।
छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी समस्या नक्सलवाद (Chhattisgarh Naxal News) की है। इसको लेकर सियासी पारा भी गरम है। छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद डिप्टी सीएम ने नक्सलवाद के खात्मे के लिए सुझाव मांगे थे। इस पर विपक्ष कांग्रेस ने जमकर आरोप लगाए थे। वहीं अब नक्सलियों ने अपने सुझाव दिए हैं।
अलग-अलग माध्यमों से मांगे थे सुझाव
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Chhattisgarh Naxal News) को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए साय सरकार कई कदम उठा रही है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने नक्सलियों की पुनर्वास नीति के लिए सुझाव मांगे थे।
ऑनलाइन क्यूआर कोड, गूगल फॉर्म और मेल आईडी के जरिए कई सुझाव सरकार को नक्सलियों ने दिए हैं।
नक्सलियों ने जताई ये इच्छा
मुख्याधारा से जुड़ने के लिए नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ सरकार को अपने सुझाव भेजे हैं। नक्सलियों ने सुझाव दिया है कि पुनर्वास नीति में बदलाव किया जाए। नक्सली (Chhattisgarh Naxal News) जब सरेंडर करें तो उनका घर बसाया जाए।
सरेंडर की राशि में बढ़ोतरी की जाए। इसके साथ ही सबसे बड़ी मांग नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद उन्हें स्व-रोजगार या फिर नौकरी दी जाए।
वहीं उन्होंने सरेंडर करने के बाद उनकी जान को खतरे की भी बात कही है, इसको लेकर चिंता भी जताई है। ये सारे सुझाव नक्सलियों ने ऑनलाइन भेजे हैं।
सुझावों पर काम करने की जरूरत: शर्मा
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार आने के बाद मई 2024 में नक्सलियों से सुझाव मांगे थे। जिसके बाद नक्सलियों (Chhattisgarh Naxal News) ने ऑनलाइन फीडबैक भी दिए हैं।
इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि बहुत से सुझाव आए हैं, जिन पर काम करने की जरूरत है। इसके लिए सरकार विचार करेगी और रोडमैप बनाकर इप्लीमेंट भी किया जाएगा। इसको लेकर जल्द ही हम निर्णय लेंगे।
गोपनीय तरीके से हो रहा काम
इसके अलावा जानकारी मिली है कि नक्सलियों (Chhattisgarh Naxal News) की ओर से मिले ऑनलाइन फीडबैक पर गृह विभाग में गोपनीय तरीके से काम शुरू कर दिया है।
सरेंडर नक्सलियों के लिए सुगम आवास योजना, रोजगार के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण योजना की तैयारी की जा रही है।
स्वरोजगार के लिए कम ब्याज पर लोन और नक्सलियों के खिलाफ चल रहे पुलिस केस का त्वरित निपटारा या गंभीर मामलों में न्यायालयीन प्रकरणों को सुलझाने में भी मदद की योजना पर काम चल रहा है।
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नक्सलियों ने जारी किया नुकसान का ब्यौरा
नई बीजेपी की सरकार के आने के बाद नक्सली (Chhattisgarh Naxal News) मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ी हैं। इन मुठभेड़ में कई नक्सली मारे गए हैं। इसको लेकर सुकमा में नक्सलियों ने एक ब्यौरा जारी किया है।
साल में हुए नुकसान को लेकर माओवादियों ने अपना ब्यौरा दिया है। इसमें बताया कि दक्षिण सब जोनल क्षेत्र में 106 नक्सलियों की मौत हुई है। अलग-अलग घटनाओं में इनकी मौत हुई है।
इसकी जानकारी नक्सलियों की दक्षिण सब जोनल ब्यूरो प्रवक्ता समता ने प्रेस नोट जारी दी है। 16 जनवरी को धरमावारम कैंप पर हमले में 76 जवानों की मौत और 90 जवानों के घायल होने का भी इसमें दावा किया गया है।
वहीं 51 ग्रामीणों की भी हत्या करने का आरोप जवानों पर लगाया है। वहीं 28 जुलाई से 3 अगस्त तक नक्सली मनाएंगे शहीदी सप्ताह।
छह महीने में मारे गए 138 नक्सली
बता दें कि पिछले छह महीने में 21 से ज्यादा बड़ी मुठभेड़ हुई है। जिनमें छत्तीसगढ़ में 138 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। जबकि 400 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया है।