हाइलाइट्स
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कोरबा के पावर प्लांटों से निकली राखड़
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बारिश में खेतों में बहकर पहुंची राखड़
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जमीन पर बंजर का मंडराया साया
Korba CG News: छत्तीसगढ़ के कोरबा में पावर प्लांटों की राखड़ से स्थानीय लोगों को कई तरह की बीमारियों का खतरा है। यह जानलेवा राखड़ अब खेतों में भी पहुंच गई है। इससे मिट्टी को काफी नुकसान हो सकता है।
कोरबा में पावर प्लांटों (Korba CG News) की वजह से किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। राखड़ बांध से निकलने वाली राख से खेती की जमीन बंजर होने की कगार पर है।
गैरकानूनी तौर पर डंप की गई राखड़ बारिश के पानी के साथ कई एकड़ खेतों में पहुंच गई है।
अब ऐसी हालत हो गई है कि क्षेत्र के किसान अब खेती नहीं कर पाएंगे, क्योंकि इन खेतों में करीब डेढ़ फीट तक राखड़ की परत जम गई है।
राखड़ पर ठीक तरीके से नहीं डाली मिट्टी
बता दें कि कोरबा (Korba CG News) के भालूसटका गांव में करीब 20 किसान इस साल खेती नहीं कर पाएंगे। यहां सब्जी मंडी परिसर को बराबर करने के नाम पर भारी मात्रा में राखड़ डंप कर दी गई है।
इसके बाद राखड़ के ऊपर ठीक तरीके से मिट्टी भी नहीं डाली गई है। ऐसे में भारी बारिश में मिट्टी का जो गोल घेरा राखड़ के आसपास बनाया था वह भरभराकर कर टूट गया।
यहां से बारिश में राखड़ आसपास के कई एकड़ खेतों में पहुंच गई है। इससे किसानों पर खेती करने का संकट आ गया है।
डेढ़ फीट तक जमी परत
बता दें कि पिछले 4 दिनों से कोरबा (Korba CG News) क्षेत्र में बारिश हो रही है। इस बारिश के साथ राखड़ तेजी से बहकर खेत में पहुंची है।
कोरबा के भालूसटका गांव में हालत यह है कि राखड़ की परत कई खेतों में जम गई है। यह परत डेढ़ फीट तक जम चुकी है। ऐसे में किसानों के पास खेती का संकट गहरा गया है।
जबकि प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है। एनटीपीसी, सीएसईबी और बालको प्लांट (Korba CG News) के राखड़ डैम से प्रभावित किसानों की हालत पहले ही खराब है। अब डंप की गई राखड़ मुसीबत बन गई है।
जमीन बंजर होने की कगार पर
किसानों का कहना है कि कोरबा (Korba CG News) में पावर प्लांटों की वजह से मुश्किलें बढ़ती जा रही है। राखड़ बांध से निकलने वाले राख की वजह से खेतीहर जमीन बंजर होने के कगार पर है।
अवैध रूप से डंप किया गया राखड़ बारिश के पानी के साथ करीब 10 एकड़ खेतों तक पहुंच गया है। उस खेत में किसान खेती नहीं कर पाएंगे।
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किसान कर रहे प्रयास, फायदा नहीं
पटवारी दिनेश उपाध्याय के अनुसार पिछले 4 दिनों से इसी तरह बारिश (Korba CG News) के पानी के साथ राखड़ तेज बहाव से बह रहा है। किसानों के खेत में करीब डेढ़ फीट तक राख का लेयर जम चुका है।
किसानों के चेहरे पर उदासी है और लाचारी भी है। भले ही किसान इस राखड़ को रोकने के लिए मेहनत कर रहे हैं। मगर कोई फायदा नही।
गंभीर बात ये है कि राख के बहाव से सब स्टेशन डूब गया। राखड़ से नुकसान का आंकलन करने के लिए पटवारी और आरआई पहुंचे थे।
15 दिन में किसानों को मुआवजा
NTPC मैनेजमेंट ने धनरास राखड़ बांध का निरीक्षण किया। पीके मिश्रा, जीएम समेत कई बड़े अधिकारी निरीक्षण करने पहुंचे।
NTPC के कार्यपालन निदेशक पीके मिश्रा ने तोड़े गए तटबंध की मरम्मत कार्य का लिया जायजा। पीड़ित किसानों को आश्वासन दिया।
15 दिन के अंदर किसानों को क्षतिपूर्ति की राशि देने का आश्वासन दिया।