MP Budget 2024: आज मध्यप्रदेश में मोहन यादव सरकार का पहला बजट पेश हो गया है। मध्यप्रदेश में 3 जुलाई को वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने लगभग 3 लाख 65 हजार 67 करोड़ रुपये का बजट विधानसभा में पेश किया। इस बार सरकार ने 2024-25 के बजट में कोई नया टैक्स नहीं लगाया है।
इस बजट में महिला, शिक्षा, स्वास्थ और किसान वर्ग पर मुख्य फोकस किया है. इस बजट में सरकार ने गृह विभाग के लिए 11,341 करोड़ रुपए और जेल विभाग के लिए 727 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इस बजट में हाल ही में लागु हुए तीन नए कानून, पुलिस कर्मियों की आवास की समस्या को लेकर भी बजट में प्रावधान किया है।
1 जुलाई से नए कानून हुए लागू
1 जुलाई, 2024 से 3 नये कानून क्रमशः भारतीय न्याय संहिता, 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023; एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 प्रभावशील हुये हैं। इनके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पुलिस बल को आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है। नवीन कानूनों के निर्माण एवं इनके क्रियान्वयन के प्रयासों पर यह सदन हमारे माननीय केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी का हृदय से आभार व्यक्त करता है।
पुलिसकर्मियों के आवास समस्या खत्म
पुलिस कर्मियों की आवास समस्या को हल करने के लिये मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना के अंतर्गत आवासों का निर्माण किया जा रहा है। योजना अंतर्गत वर्ष 2024-25 में रूपये 367 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। पुलिस व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिये रिक्त पदों की पूर्ति के लिये आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
लगभग 7 हजार 500 पुलिस कर्मियों की नवीन भर्ती की कार्यवाही अंतिम चरण में है। नवीन भर्ती होने से पुलिस बल को और अधिक सक्षम बनाया जा सकेगा।
आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे
बजट में सरकार ने गृह विभाग के लिए अपना खजाना खोल दिया है। गृह विभाग के लिए 11 हजार 292 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। इसमें पुलिस वालों के आवास के लिए 367 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। साथ ही शहडोल, बालाघाट, सागर, नर्मदापुरम और मुरैना में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के लिए 21 हजार 144 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया गया है।
जेल विभाग के लिए 727 करोड़ रुपए का प्रावधान
प्रदेश के जेलों के लिये “सुधारात्मक सेवायें एवं बन्दीगृह अधिनियम, 2024” ला रही है। नवीन अधिनियम (MP Budget 2024) भारत सरकार द्वारा बनाये गये मॉडल प्रिजन एक्ट के तर्ज पर तैयार किया गया है। नवीन अधिनियम में आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करने हेतु विशेष प्रावधान किये गये हैं।
इसके अलावा कैदियों के कल्याण के लिये भी संवेदनशील रही है। कुशल एवं अकुशल तथा कृषि कार्य में लगे कैदियों की पारिश्रमिक दरें क्रमशः रूपये 120 प्रति दिवस एवं रूपये 72 प्रति आधा दिवस को बढ़ाकर क्रमशः रूपये 154 प्रति दिवस एवं रूपये 92 प्रति आधा दिवस की गई हैं। कैदियों के खाद्यान की गुणवत्ता में वृद्धि के उद्देश्य से वर्तमान प्रावधान में रूपये 25 करोड़ की वृद्धि की गई है।
हमारी सरकार ऐसे गरीब कैदी जो जुर्माना/अर्थदण्ड नहीं भर पाने के कारण जेल में सजा काट रहे हैं, उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिये ऐसे बन्दियों के जुर्माना एवं दण्ड भरेगी। इसके लिये हमारी सरकार द्वारा इस वर्ष से “गरीब कैदियों को वित्तीय सहायता” की नवीन योजना प्रारंभ की जा रही है।