MP BUDGET: मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार आज अपना पहला बजट पेश करने जा रही है। ये बजट 3 लाख 65 हजार करोड़ से ज्यादा का होगा। सूत्रों के मुताबिक बजट में कोई नया टैक्स लगाने की संभावना कम हैं। पहले बजट में मोहन सरकार सभी वर्गों को साधने की कोशिश कर सकती है।
कहां-कहां होगा खर्च
मध्यप्रदेश सरकार लाड़ली बहना योजना, स्कॉलरशिप, स्वरोजगार, सिंहस्थ और किसानों के लिए बजट में बड़ी राशि दे सकती है। गेहूं पर 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दिया जा सकता है।
बढ़ सकती है लाड़ली बहना योजना की राशि
मध्यप्रदेश में फिलहाल लाड़ली बहना योजना में महिलाओं को 1250 रुपए दिए जा रहे हैं। इसे बढ़ाया जा सकता है। लोकसभा चुनाव की वजह से सरकार ने 1 लाख 45 हजार करोड़ से ज्यादा का अंतरिम बजट पेश किया था।
इनके लिए भी राशि का प्रावधान
लाड़ली बहना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना, मिशन शक्ति, पोषण अभियान, लखपति दीदी और महिला स्व-सहायता समूह के लिए विभागों को राशि दी जा सकती है। प्रधानमंत्री शहरी और ग्रामीण आवास, आयुष्मान सहित स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, नल जल योजना और विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए जनमन योजना में राशि विभागों को मिलेगी।
इनके लिए इतने करोड़
दूध का उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति लीटर प्रोत्साहन, किसान और घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए करीब 25 हजार करोड़ का अनुदान और महंगाई भत्ते और राहत के लिए 56 प्रतिशत की दर से प्रावधान होगा। लाड़ली बहनों को 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर, किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन, धार्मिक स्थलों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा, एयर एंबुलेंस और कर्ज-ब्याज चुकाने के लिए 24 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रावधान होगा।
सिंचाई परियोजना के लिए प्रावधान
प्रदेश में नर्मदा जल बंटवारे की आखिरी तारीख दिसंबर 2024 में पूरी हो रही है। जल उपयोग के लिए सिंचाई परियोजना के लिए प्रावधान किया जाएगा।
सड़क और भवन निर्माण
2028 के सिंहस्थ के लिए जिन कार्यों को पूरा होने में 3 साल का वक्त लगेगा, उन्हें इस बजट में स्वीकृति मिल सकती है। करीब 9 हजार करोड़ रुपए सड़क, पुल-पुलिया और भवन निर्माण के लिए रखे जाएंगे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की कुछ सड़कों को मुख्य जिला मार्गों में शामिल करके बनाया जाएगा।
केंद्रीय कर और सहायता अनुदान
मध्यप्रदेश को करीब 15 हजार करोड़ रुपए केंद्रीय कर और सहायता अनुदान मिल सकता है। वहीं राज्य कर भी 96 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है।
पिछले साल पेश हुआ था 3 लाख 14 हजार करोड़ का बजट
2023-24 में शिवराज सरकार ने 3 लाख 14 हजार करोड़ का बजट पेश किया था। विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के लिए 8 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया था। इस बजट में जनता पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया था।
इन सेक्टर्स में इतना खर्च
- अनुसूचित जनजाति (उप योजना) – 36950.16 करोड़ रुपए
- अनुसूचित जाति (उप योजना) – 26086.81 करोड़ रुपए
- सरकारी प्राथमिक स्कूल – 11406 करोड़ रुपए
- माध्यमिक स्कूल – 6728 करोड़ रुपए
- राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन – 7332 करोड़ रुपए
मध्यप्रदेश सरकार पर बढ़ता कर्ज
2017-18 में मध्यप्रदेश सरकार पर 1 लाख 54 हजार करोड़ का कर्ज था। इस पर 11 हजार करोड़ ब्याज की राशि थी। हर एक नागरिक पर 21 हजार रुपए कर्ज था।
2018-19 में प्रदेश सरकार पर 1 लाख 94 हजार करोड़ का कर्ज हो गया। इस पर 13 हजार करोड़ ब्याज। हर नागरिक पर 25 हजार रुपए कर्ज हो गया।
2019-20 में प्रदेश सरकार पर 2 लाख 31 हजार करोड़ का कर्ज हो गया। इस पर 14 हजार करोड़ ब्याज। हर नागरिक पर 29 हजार रुपए कर्ज हो गया।
2020-21 में प्रदेश सरकार पर 2 लाख 89 हजार करोड़ का कर्ज हो गया। इस पर 16 हजार करोड़ ब्याज। हर नागरिक पर 36 हजार रुपए कर्ज हो गया।
2021-22 में प्रदेश सरकार पर 3 लाख 32 हजार करोड़ का कर्ज हो गया। इस पर 20 हजार करोड़ ब्याज। हर नागरिक पर 41 हजार रुपए कर्ज हो गया।
2022-23 में प्रदेश सरकार पर 3 लाख 83 हजार करोड़ का कर्ज हो गया। इस पर 22 हजार करोड़ ब्याज। हर नागरिक पर 47 हजार रुपए कर्ज हो गया।