NEET Paper Leak: NEET पेपर लीक मामले में संदिग्ध हजीराबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. एहसान-उल-हक और सेंटर सुप्रिंटेंडेंट इम्तियाज को सीबीआई (CBI) ने शुक्रवार, 28 जून को गिरफ्तार कर लिया। डॉ. एहसान NEET Exam हजारीबाग के डिस्ट्रिक को-ऑर्डिनेटर भी थे। NEET पेपर लीक केस में अब जर्नलिस्ट का कनेक्शन भी सामने आया है। सीबीआई डॉ. एहसान और डॉ. इम्तियाज के साथ एक पत्रकार को भी पटना लेकर आ सकती है। सीबीआई ने पत्रकार को फिलहाल अपने पास पूछताछ के लिए बुलाया है। सूत्र बताते हैं कि सीबीआई आगे की पूछताछ पटना में करेगी।
सीबीआई गिरफ्तार आरोपियों से हजीराबाग में ही कर रही पूछताछ
मीडिया रिपोर्ट (NEET Paper Leak) के अनुसार सीबीआई गुरुवार ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. एहसान-उल-हक और सेंटर सुप्रिंटेंडेंट इम्तियाज को पूछताछ के लिए हजारीबाग के चरही गेस्ट हाउस लेकर पहुंची थी।
CBI टीम ने पहले भी एहसान-उल-हक से इसी गेस्ट हाउस में पूछताछ कर चुकी है।
नीट पेपर लीक मामले की तह तक जाने के लिए पिछले चार दिनों से सीबीआई की टीम हजारीबाग में जांच कर रही है।
बुधवार को ओएसिस स्कूल में जांच के बाद सीबीआई टीम ने प्रिंसिपल एहसान उल हक को हिरासत में ले लिया था।
दो पत्रकारों का कनेक्शन भी आया सामने
प्रिंसिपल डॉ. एहसान उल हक के साथ दो पत्रकारों का कनेक्शन सीबीआई में ट्रेस किया था। यह दोनों झारखंड के एक हिंदी दैनिक से जुड़े हुए हैं।
सीबीआई टीम जिस पत्रकार को पटना लेकर आने वाली या आ सकती है उसका नाम सलाउद्दीन बताया गया (NEET Paper Leak) है।
सीबीआई को इस बात के सबूत मिले हैं कि पत्रकार और प्रिंसिपल के बीच पेपर लीक और नीट परीक्षा के दौरान लगातार बातचीत होती रही।
स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. एहसान उल हक के कॉल डिटेल्स के आधार पर पत्रकार को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया है।
ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल का रोल क्या था?
बताते हैं NEET Paper leak मामले की जांच के दौरान बिहार पुलिस को गिरफ्तार कैंडिडेट्स के घर से अधजले कागजात मिले थे, इसमें प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी भी थी।
इसके बाद बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इन अधजले हुए कागजात का मिलान एनटीए (NTA) द्वारा उपलब्ध कराए गए मूल पेपर से किया,
जिसमें अधजले कागजात में 68 प्रश्न मूल पेपर से मिलते ही पाए गए। इसके बाद आगे की जांच में सामने आया कि पुलिस को जो प्रश्नपत्र मिले हैं,
वे हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के बुकलेट से मेल खाते हैं। इसके बाद से ही ओएसिस स्कूल पर CBI की नजर गहराती चली गई।
इस मामले को लेकर प्रिंसिपल एहसान उल हक ने सफाई दी थी और खुद को बेकसूर बताया था। हालांकि, EOU ने उनकी भूमिका संदिग्ध मानी थी।
बता दें कि ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक CBSE के सिटी कोऑर्डिनेटर भी हैं।
उनके पास चार जिले हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ के सेंटर आते हैं, जहां CBSE कई प्रतियोगी Exam कराती है।
प्रिंसिपल ने आरोपों को लेकर क्या कहा था
हजारीबाग ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा था कि मैं NTA में सिटी कॉर्डिनेटर हूं। मेरा रोल बहुत ही छोटा होता है कि मुझे बैंक से पेपर को बक्से को रिसीव करना होता है।
इसके बाद सुनिश्चित करना कि सारे पेपर्स को कंट्रोल रूम में रखा जा सके। इस रूम में NTA के सीसीटीवी लगे होते हैं। यह रूम लॉक रहता है, यहां पर कई सारे इनविजिलेटर होते हैं।
हमारा काम होता है सारे सेंटर्स पर राउंड लगाना ताकि कहीं कोई गड़बड़ी ना हो। इसके बाद आखिरी जिम्मेदारी हमारी होती है बक्सों को NTA को सौंपना।
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NEET को पेपर सात लेयर में आता है
प्रिंसिपल ने कहा था कि ये बहुत दुखद खबर है कि इस मैटर में कुछ लोग आरोपी मुझे ही बता रहे हैं।
उन्होंने आगे सिलसिलेवार बताया कि पेपर सात लेयर में आता है। सबसे पहले एक लोहे का बॉक्स होता है। उसके ऊपर गत्ते का एक कवर होता है।
इसके ऊपर NTA की टेंपिग होती है। इसमें दो तरह के ताले होते हैं, एक डिजिटल लॉक, जो अपने आप खुलता है और दूसरे ताला को काटना होता है, जिसके लिए छोटी सी आरी भी दी हुई होती है।
इसके बाद पेपर के पैकेट को खोला जाता है। हम लोग जब जांचने के लिए जाते हैं तो उस गत्ते को जांचा जाता है कि कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं है।
इस बार जब पेपर आया तो मैंने जांच की थी तब गत्ते या टेपिंग में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई थी। इस दौरान एनटीए की तरफ से दो ऑब्सर्वर, दो छात्र और बाकी लोग मौजूद होते हैं।