Mahakal Mandir Ujjain: उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में सालों पुरानी परंपरा टूटने के बाद पंडितों में गहरी नाराजगी देखी गई. जिसके बाद मंदिर के कुछ कर्मचारियों की शामत आ गई. दरअसल रविवार को सुबह भस्म आरती के समय नंदी हॉल में चांदी के द्वार खुलने से पहले ही मौजूद श्रद्धालुओं को कर्मचारियों ने हॉल में बैठा दिया. जिसके बाद भस्म आरती करने वाले पुजारी नाराज हो गए. बाद में मंदिर प्रशासन ने कर्मचारियों की क्लास लगा दी. हालांकि माफी मांगने के बाद प्रभारी और कर्मचारियों को बैठक में मंदिर के नियमों को लेकर सख्त हिदायत दी गई.
क्या है पूरा मामला
रविवार सुबह महाकालेश्वर मंदिर में नंदी हाॅल और गणेश मंडपम् में पट खुलने से पहले ही सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गई थी. भीड़ को देखकर मौजूद कर्मचारियों ने श्रद्धालुओं को वहीं बैठा दिया. भस्म आरती करने वाले पुजारी संजय ने नंदी हाॅल के चांदी के पट खोलते ही भक्तों को पहले से बैठा देख नाराजगी जाहिर की. इसके बाद पंडित ने वहां मौजूद कर्मचारियों को परंपरा का हवाला देकर लताड़ लगा दी. हालांकि व्यवस्था में लगे कर्मचारियों ने गलती के लिए पुजारी से माफी भी मांगी.
मंदिर प्रशासन ने बुलाई बैठक
मंदिर प्रशासन ने इस मामले को लेकर दोपहर में मिटिंग बुलाई. जिसमें सुबह भस्म आरती में मौजूद रहने वाले प्रभारी और कर्मचारियों भी शामिल हुए. मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बैठक के बाद कहा कि मंदिर के बाहर बारिश के कारण भक्त बाहर नहीं गए. जिसके चलते कर्मचारियों ने पहली बार श्रद्धालुओं को नंदी हाॅल के चांदी के पट खुलने के पहले ही बैठा दिया था. भस्म आरती में मौजूद रहने वाले कर्मचारियों हिदायत दी है कि भविष्य में दोबारा ऐसा न हो.
पुजारी बोले परंपराओं की रक्षा करनी पड़ेगी
मंदिर समिति के सदस्य और पुजारी राम का कहना है कि ये सही नहीं है. मंदिर में दर्शनार्थियों की भूमिका के साथ मंदिर की परंपराओं का भी रक्षा करनी पड़ेगी. समिति प्रशासक के माध्यम से पता लगाएगी कि ऐसा क्यों हुआ.