हाइलाइट्स
- 22 जून को सूर्य का आद्रा नक्षत्र में प्रवेश
- शुरू होगी झमाझम बारिश
- कब होगी बारिश की विदाई
Surya Ardra Nakshatra Parivartan 2024: अभी तक मृगशिर नक्षत्र में चल रहे सूर्य 22 जून को एक बार फिर अपना नक्षत्र (Surya Nakshtra Parivartan 2024) बदलने जा रहे हैं। इसी के साथ अब देशवासियों को भीषण गर्मी से राहत मिलेगी, क्योंकि मृगशिर नक्षत्र से निकलकर आद्रा नक्षत्र (Asdra Nakshatra) में पहुंच कर सूर्य अब झमाझाम बारिश (Heavy Rain Fall) कराएंगे। यानी इन 15 दिनों में हर जगह बारिश शुरू हो जाएगी।
इस दिन होगा सूर्य का नक्षत्र में प्रवेश
ज्योतिषार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार सूर्य हर 15 दिन में नक्षत्र बदलते हैं। अभी तक मृगशिर नक्षत्र में चल रहे सूर्य 22 जून शनिवार को आद्रा नक्षत्र (Surya in Ardra Nakshtra 2024) में प्रवेश करेंगे। जो 6 जुलाई ज्योतिष के अनुसार आद्रा नक्षत्र एक जलचर नक्षत्र है। सूर्य (Sun) जब आद्रा नक्षत्र (Sun Transit in Ardra) में प्रवेश करता है तो इस दौरान झमाझम बारिश शुरू होती है।
15 दिन झमाझम बारिश क्यों
सूर्य का नक्षत्र में गोचर 15 दिन में और राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2024) एक महीने का होता है। आद्रा नक्षत्र जलचर के 10 नक्षत्रों का पहला नक्षत्र है। इसके प्रभाव से बारिश अच्छी (Monsoon Coming) होती है। इस बार आद्रा नक्षत्र में स्त्री-पुरुष योग बना है। जो अच्छी बारिश का संकेत (Rain Forcast) है।
बीते साल नहीं था ये योग
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार बीते साल आद्रा नक्षत्र में स्त्री-स्त्री योग बना था। जिसके चलते अल्प बारिश हुई थी। लेकिन इस बार ज्योतिषीय गणना के अनुसार बारिश अच्छी होगी।
बारिश के नक्षत्र कौन से हैं
आद्रा नक्षत्र
सूर्य 22 जून 2024 शनिवार को आद्रा नक्षत्र (Sun Transit in Ardra) में प्रवेश करेंगे। जो 15 दिन तक यानी 6 जुलाई तक इसी स्थिति में रहेंगे।
पुनर्वसु नक्षत्र
आद्रा नक्षत्र के बाद सूर्य 6 जुलाई को पुनर्वसु नक्षत्र (Surya in Punarvasu) में जाएंगे। इसके बाद 20 जुलाई तक इसी नक्षत्र में रहकर एक बार फिर नक्षत्र बदलेंगे। आपको बात दें इस दौरान इस नक्षत्र में स्त्री-स्त्री योग बनेगा। जो एक बार फिर बारिश में रुकावट डालेगा।
पुष्य नक्षत्र
सूर्य नक्षत्र परिवर्तन 20 जुलाई को एक बार फिर होगा। जब सूर्य पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshtra me surya) में प्रवेश करेंगे। इसके बाद ये 5 अगस्त तक इसी नक्षत्र में रहकर स्त्री-पुरुष योग बनाएंगे। इस दौरान एक बार फिर अच्छी और झमाझम बारिश होगी।
अश्लेषा नक्षत्र
5 अगस्त को सूर्य पुष्य नक्षत्र से अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। जो 20 अगस्त तक इसी स्थिति में रहेंगे।
मघा नक्षत्र
20 अगस्त को अश्लेषा नक्षत्र से मघा नक्षत्र में गोचर (Ashlesa Nakshatra me surya) करेंगे। जो 5 सितंबर इसी नक्षत्र में रहेंगे। मघा नक्षत्र में भी अच्छी बारिश के योग होते हैं।
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र
20 अगस्त से 5 सितंबर
उत्तरा नक्षत्र
5 सितंबर से 20 सितंबर
हस्त नक्षत्र
सूर्य अपने नक्षत्र गोचर काल में सबसे अंत में हस्त नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। इस नक्षत्र में प्रवेश करने पर बारिश अंतिम दौर में होती है। यानी इस दौरान बारिश की विदाई हो जाती है।
जल चर नक्षत्र कौन से हैं
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार पुनर्वसु, अश्लेषा और पुष्य नक्षत्र जलचर नक्षत्र कहलाते हैं। यानि इन नक्षत्रों में बारिश (Surya Pushya Nakshatra) अच्छी मानी जाती है। लेकिन यदि इन नक्षत्रों में स्त्री-स्त्री योग बनता है तो खंड बारिश होती है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान, आद्रा नक्षत्र के साथ!
आपको बता दें ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य के आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करते ही पूरा देश बारिश से भीग जाएगा। तो वहीं मौसम विभाग यानी आईएमडी (IMD Bhopal) ने भी मध्यप्रदेश में 22 जून से झमाझम बारिश यानी मानसून की एंट्री का पूर्वानुमान जताया है।
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