Longest Day of the Year 2024: आप आमतौर पर हमेशा अपनी परछाई को अपने साथ देखते हैं। सामान्य तौर पर ऐसा कहा भी जाता है कि सब लोग आपका साथ छोड़ दें पर आपकी परछाई कभी आपका साथ नहीं छोड़ेगी, लेकिन भारत के दिल यानी मध्य प्रदेश में हर साल 21 जून को दोपहर 12 बजे ये चमत्कार देखने को मिलता है।
जब व्यक्ति की परछाई उसका साथ छोड़ देती है। इसके पीछे का कारण सूर्य के उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लंबवत होने को बताया जाता है।
Longest Day 2024: MP में एक ऐसी जगह जहां परछाई भी छोड़ देती है आपका साथ, जानें क्या है इसके पीछे का असली राज#MPNews #LongestDay2024 #TropicofCancer
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जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक के मुताबिक, लगभग हर वर्ष 21 जून को सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लंबवत होता है। उज्जैन, कर्क रेखा के नजदीक स्थित है।
वेधशाला में इस खगोलीय घटना को शंकु यंत्र के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। इस दिन, सबसे बड़ा दिन और रात सबसे छोटी होगी।
इसलिए कल यानि 21 जून को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर परछाई भी साथ छोड़ देगी।
आपको बता दें की कल यानी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस (International Yoga Day) भी मनाया जाता है।
इस जगह नहीं दिखाई देती परछाई
आपको हम जिस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं यह भारत में मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है।
इस जगह को कर्क रेखा के नाम से जाना जाता है। कर्क रेखा रायसेन जिले के दीवानगंज से गुजरती है। कर्क रेखा को आज के लोगों ने अपना सेल्फी पाइंट बना लिया है।
यही वह जगह है जहां इंसान का साया यानी परछाई ही गायब हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि हर साल कर्क रेखा में 21 जून को दोपहर 12 बजे के आस-पास परछाई भी साथ छोड़ देती है।
इसे क्यों कहा जाता है ‘नो शैडो जोन’
हर साल 21 जून को दोपहर 12 बजे इस कर्क रेखा पर इंसान का साया यानी परछाई साथ छोड़ देती है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कर्क रेखा स्थल पर 21 जून को दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें 90 डिग्री लंबवत पड़ने के कारण खड़े व्यक्ति की परछाई ही नहीं बनती है।
इसी कारण इस कर्क रेखा क्षेत्र को ‘नो शैडो जोन’ भी कहा जाता है।
21 जून साल का सबसे बड़ा दिन
ज्योतिषाचार्यों ने बताया है कि यह तो हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी अपने अक्ष और सूर्य की कक्षा में परिक्रमा करती है।
परिक्रमा के दौरान 21 जून को दोपहर 12 बजे के आस-पास ऐसी स्थिति बनती है, जब सूर्य कर्क रेखा के ऊपर होता है।
इसका मतलब यह होता है कि 21 जून को सूर्य का प्रकाश धरती पर सबसे लंबे समय तक रहता है।
इसी कारण से पृथ्वी पर दिन सुबह जल्दी होता और सूर्यास्त देर से होता है। इसी कारण से 21 जून के दिन को सबसे लंबा दिन और रात को सबसे छोटी रात कहते हैं।
इस दिन सूर्य का प्रकाश धरती पर करीब 15-16 घंटे तक पड़ता हैं। जिसके कारण दिन की अवधि सबसे लंबी होती है और जिस वक्त सूर्य ठीक कर्क रेखा के ऊपर होता है।
उस दौरान कर्क रेखा पर खड़े व्यक्ति की परछाई दिखाई नहीं देती है।