हाइलाइट्स
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दार्जिलिंग में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसा
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रेलवे बोर्ड का दावा- 4 रातों से नहीं सोया था लोको पायलट
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‘लोको स्टाफ को नहीं दी गई पर्याप्त ट्रेनिंग’
Kachenjunga Express Accident: बंगाल के दार्जिलिंग में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन (Kachenjunga Express Accident) को पीछे से आ रही मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी। इस दौरान 10 से ज्यादा लोगों की मौत और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
इस हादसे (Kachenjunga Express Accident) में मालगाड़ी के लोको पायलट की मौत हो गई। इस हादसे के बाद से ही इसके अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं। इसे लेकर जांच चल रही है।
शुरुआत में बताया जा रहा था कि लोको पायलट की लापरवाही की वजह से ये हादसा हुआ। अब मामले में अब एक और दावा किया जा रहा है।
ऑल इंडिया रनिंग लोको स्टाफ एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एसएस ठाकुर का कहना है कि लोको पायलट ने रंगापानी स्टेशन से टीए 912 अथॉरिटी पास लेने के बाद मालगाड़ी को खराब सिग्नलों के बीच तय लिमिट से ज्यादा गति से निकाला।
स्टेशन मास्टर की रही गलती?
रेलवे बोर्ड ने कहा कि स्टेशन मास्टर ने कंचनजंगा (Kachenjunga Express Accident) के आगे बढ़ने के 15 मिनट बाद ही मालगाड़ी को टीए 912 पेपर दे दिया था। बताया जा रहा है कि उस समय कंचनजंगा एक्सप्रेस (Kachenjunga Express Accident) कुछ किमी आगे ही खड़ी हुई थी।
4 रातों से नहीं सोया था लोको पायलट
रेलवे बोर्ड ने स्टेशन मास्टर को लेकर जांच की मांग की। वहीं, ये भी बताया कि लोको पायलट लगातार 4 रातों से सोया नहीं था, बल्कि नियमों के मुताबिक अधिकतम ड्यूटी 2 रातों से ज्यादा की नहीं है।
सिग्नल खराब होने की स्थिति में नहीं दी गई पर्याप्त ट्रेनिंग
रेलवे बोर्ड (Kachenjunga Express Accident) ने कहा कि सिग्नल खराब होने की स्थिति में लोको पायलट्स को सही तरह की ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे वे इस तरह की स्थिति को संभाल सकें, लेकिन नॉर्थ-ईस्ट जोन के लोको स्टाफ को आज तक पूरी तरह से ट्रेनिंग नहीं दी गई।
रूट की 7 ट्रेनें कैंसिल
घटनास्थल वाले रूट से जाने वाली 7 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया। साथ ही 37 ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया।
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