Chhattisgarh Liquor Scam Case: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में आरोपी कारोबारी अनवर ढेबर को यूपी STF की टीम गिरफ्तार करने रायपुर पहुंची है. ढेबर पर नोएडा में नकली होलोग्राम बनाने के मामले पर FIR दर्ज की गई थी. बीते दिनों हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद से ढेबर रिहाई का इंतजार कर रहे थे.
19 जून को मेरठ में होनी है पेशी
यूपी STF की टीम अनवर का प्रोडक्शन वारंट लेकर उन्हें गिरफ्तार करने जब रायपुर पहुंची. तो इधर अनवर ढेबर के परिजन और समर्थक भी एम्बुलेंस लेकर जेल पहुंच गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती की मांग कर रहे हैं.
आपको बता दें कि 2000 करोड़ से अधिक के शराब घोटाला मामले में नकली होलोग्राम बनाने को लेकर अनवर ढेबर और अरुण पति त्रिपाठी की 19 जून को मेरठ में पेशी होनी है. इसके लिए यूपी पुलिस ने रायपुर न्यायलय में आवेदन दाखिल कर प्रोडक्शन वारंट की मांग की थी. सोमवार को कोर्ट ने तीन में से दो आरोपी अनवर और अरुण को यूपी ले जाने की इजाजत दे दी.
मेडिकल ग्राउंड पर मिली थी जमानत
हाईकोर्ट ने शराब घोटाला मामले में फंसे अनवर ढेबर को मेडिकल ग्राउंड और अन्य आरोपियों को मिली राहत के आधार पर जमानत दी है. इस केस में इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से अन्य आरोपियों को पहले ही राहत मिल चुकी है.
हाईकोर्ट में ढेबर ने मेडिकल ग्राउंड पर इलाज के लिए जमानत देने का आग्रह किया था. बताया गया कि अनवर को किडनी की बीमारी है और यूरिन करने में दिक्कत आ रही है. साथ ही ढेबर का इलाज जारी होने की बात भी कही गई.
EOW ने 70 लोगों पर की नामजद FIR दर्ज
शराब मामले (Chhattisgarh Liquor Scam Case) में ईडी के प्रतिवेदन पर EOW ने 70 लोगों पर नामजद FIR दर्ज की है. इसमें कांग्रेस सरकार में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) और पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को आरोपी बनाया गया है.
जिन लोगों के नाम पर FIR दर्ज हैं, उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है. पहले चरण में अधिकारियों को बुलाया जा रहा है. इसके बाद पूछताछ के लिए शराब कारोबारी और फिर नेताओं को बुलाया जाएगा. लखमा को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
क्या है शराब घोटाला मामला ?
ईडी की जांच के अनुसार, पिछली कांग्रेस सरकार में बड़े स्तर के अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक अधिकारियों वाला एक सिंडिकेट काम कर रहा था. प्रदेश में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर घोटाला करने का आरोप लगाया गया है. इस घोटाले के जरिए साल 2019-22 में 2 हजार करोड़ से अधिक के काले धन की कमाई की गई. वहीं मनी लॉन्ड्रिंग मामला साल 2022 में दिल्ली की एक अदालत में दायर आयकर विभाग की चार्जशीट से उपजा.
पिछली कांग्रेस सरकार पर आरोप है कि CSMCL (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) से शराब खरीदने के दौरान रिश्वतखोरी की गई. राज्य (Chhattisgarh) में डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई और देशी शराब को ऑफ-द-बुक बेचा गया. डिस्टिलर्स (Distillers) से कार्टेल बनाने और बाजार में एक निश्चित हिस्सेदारी की परमिशन देने के लिए घूस ली गई थी.