हाइलाइट्स
- बृजमोहन अग्रवाल ने रमन सिंह को सौंपा इस्तीफा
- विधायकी पद से दिया इस्तीफा
- सांसद बने रहेंगे बृजमोहन
Brijmohan Agrawal Resignation: छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agrawal Resignation) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह को इस्तीफा सौंपा दिया है। बता दें कि काफी समय से चर्चा चल रही थी कि वह विधायकी पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
CG Politics: बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के घर जाकर सौंपा इस्तीफा #BrijmohanAgarwal #RamanSingh #bjp #conress #cgnews #Chhattisgarh #Chhattisgarhnews #cgbreakingnews #bansalnewsmpcg@brijmohan_ag @vishnudsai @BJP4CGState pic.twitter.com/sJF240uXSr
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) June 17, 2024
पहले माना डा रहा था कि वह 19 जून तक विधायकी पद से इस्तीफा देंगे, लेकिन आज 17 जून (Brijmohan Agrawal Resignation) को ही विधायकी पद से इस्तीफा दे दिया। सांसद पद पर बरकरार रहेंगे। हालांकि, अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि वह मंत्री बने रहेंगे या फिर नहीं।
बृजमोहन अग्रवाल रायपुर से भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद हैं।
बता दें कि, विधायक पद से इस्तीफा देने के बावजूद नियमानुसार वह 6 महीने तक मंत्री पद पर रह सकते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि जब भी मुख्यमंत्री कहेंगे तब मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा।
15 जुलाई के बाद होगा मंत्रिमंडल का विस्तार
मीडिया रिपोर्ट्स में पता चला है कि 15 जुलाई के बाद मंत्रिमंडल में विस्तार की खबरें भी आ रही हैं। दरअसल, अभी एक मंत्री पद पहले से खाली है। जबकि बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agrawal Resignation) से भी इस्तीफा लिया जाएगा।
ऐसे में दो मंत्री पद का स्थान रिक्त हो जाएगा। ऐसे में 15 जुलाई के बाद कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है।
इन दो पदों को लेकर विधायकों (Brijmohan Agrawal Resignation) की दौड़ भी शुरू हो गई है। बीते दिन रविवार को प्रदेश के सहप्रभारी नितिन नबीन ने कई बैठकें लीं। इसके साथ ही नितिन नबीन ने एक गोपनीय बैठक भी की थी।
खबरों की मानें तो इस गोपनीय बैठक में सीएम विष्णुदेव साय, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और संगठन महामंत्री पवन साय शामिल रहे थे।
इस गोपनीय बैठक में मंत्रिमंडल को लेकर भी खास चर्चा हुई। वहीं, इस में मंत्रियों की परफोर्मेंस को लेकर भी मंथन किया गया था, जिसमें तीन की स्थिति खराब बताई जा रही है।
इसके बाद माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान 2 के साथ-साथ 3 और मंत्रियों को भी बदला जा सकता है।
क्या कहता है नियम?
संविधान के अनुच्छेद 101 के खंड दो में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति दोनों सदनों में चुना जाता है तो उसे ऐसे में किसी एक सदन से इस्तीफा देना होगा।
समसामयिक सदस्यता प्रतिषेध नियम 1950 (Prohibition of Concurrent Membership Rules, 1950) निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को यह फैसला लेने के लिए 14 दिन का समय दिया जाता है।
ये भी पढ़ें- Chhattisgarh Monsoon 2024: छत्तीसगढ़ में आज से बढ़ेंगी बारिश की गतिविधियां, कई जगहों पर बिजली गिरने की संभावना