हाइलाइट्स
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बृजमोहन को एक पद से देना पड़ेगा इस्तीफा
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18 जून तक का अग्रवाल के पास है समय
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18 के बाद स्वत: समाप्त हो होगी सदस्यता
CG Minister Resignation: छत्तीसगढ़ की रायपुर लोकसभा सीट से सांसद बने प्रदेश के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है।
बृजमोहन के इस्तीफे पर उन्होंने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपने बयान में इस सस्पेंस को और बढ़ा दिया है। उनका कहना हे कि मुझे मंत्री रहना है या सांसद यह पार्टी तय करेगी।
वहीं किस बद से वे इस्तीफा देंगे इस सवाल के जवाब में उन्होंने मीडिया से कहा कि अभी मैं छह महीने तक तो मंत्री रह सकता हूं। इस बयान के बाद से अब छत्तीसगढ़ में उनके मंत्री बने रहने को लेकर सस्पेंस और बढ़ गया है।
लेकिन एक व्यक्ति एक साथ दो पदों पर कितने दिनों तक रह सकता है और विधायक के पद से इस्तीफा (CG Minister Resignation) देने के बाद वह कितने दिनों तक मंत्री रह सकता है? इसको लेकर क्या कानून है।
इन सभी सवालों के जवाब हम इस समाचार में आपको देंगे।
केंद्र में नहीं मिला मंत्री पद
छत्तीगढ़ की रायपुर दक्षिण विधासभा सीट से बृजमोहन अग्रवाल विधानसभा पहुंचे हैं। जहां उन्हें मंत्री बनाया गया है। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (CG Minister Resignation) को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में रायपुर सीट से उम्मीदवार बनाया था।
जहां से बृजमोहन (Brijmohan Agrawal) ने बड़े अंतर से यह सीट जीतकर बीजेपी की झोली में डाल दी है।
इसके बाद केंद्र में उनके मंत्री बनने की उम्मीद छत्तीसगढ़ लगा रहा था, लेकिन उनकी जगह बिलासपुर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद चुनकर गए तोखन साहू को राज्यमंत्री बनाया है।
इसके बाद से सवाल खड़े होने लगे हैं कि क्या बृजमोहन अग्रवाल संसद की सदस्यता या विधानसभा की सदस्यता दोनों में से किस पद से इस्तीफा देंगे?
बृजमोहन ने इस्तीफे को लेकर क्या कहा?
बृजमोहन अग्रवाल (Minister Brijmohan Agrawal) ने गुरुवार को मीडिया के सवालों के जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे मंत्री (CG Minister Resignation) और सांसद में क्या रहना है पार्टी तय करेगी।
वहीं उन्होंने कौन से पद से इस्तीफा (CG Minister Resignation) देंगे वाले सवाल पर कहा कि मैं मंत्री तो 6 महीनों तक रह सकता हूं।
मुख्यमंत्री जब कहेंगे तब मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। इस्तीफा कौन से पद से देना है, यह तो पार्टी के निर्देश के बाद समझ आएगा।
सिर्फ की पद रह सकते हैं
बता दें कि कानून के रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट 1951 के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक ही समय पर एक ही पद (CG Minister Resignation) पर रह सकता है।
इस एक्ट के चलते एक पद की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ता है। बृजमोहन अग्रवाल (Chhattisgarh News) भी एक साथ दो पदों की सदस्यता नहीं रख सकते हैं।
उन्हें विधानसभा सदस्य या संसद की सदस्यता दोनों में से एक पर से इस्तीफा देना पड़ेगा।
नियम में यह भी है कि जब कोई व्यक्ति संसद (CG Minister Resignation) और विधानसभा दोनों के लिए चुना जाता है, तो उसे 14 दिन के भीतर विधानसभा की सीट खाली करनी होती है, यदि ऐसा नहीं करते हैं तो उसकी संसद की सदस्यता रद्द हो जाती है।
4 जून को लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्ट आने के बाद अब बृजमोहन अग्रवाल के पास निर्णय लेने के लिए मात्र 18 जून रात 12 बजे से पहले तक का समय है।
मंत्री पद को लेकर क्या कहता है कानून
छत्तीसगढ़ (CG Minister Resignation) में दिसंबर 2023 में बीजेपी की सरकार सत्ता में आई थी। विष्णुदेव साय सरकार में बृजमोहन अग्रवाल ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी।
अब वह सांसद चुने गए हैं। सांसद चुने जाने के बाद एक पद से इस्तीफा देना जरूरी है। हालांकि नियम यह कहता है कि कोई भी व्यक्ति बिना चुने हुए भी केंद्र या राज्य में मंत्री नियुक्त किया जा सकता है।
इसकी शर्त यह है कि नियुक्ति व्यक्ति को छह महीने के अंदर उसका सांसद या विधायक चुना जाना जरूरी है।
बता दें कि अभी तक के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि किसी व्यक्ति ने विधायक पद से इस्तीफा (CG Minister Resignation) दिया है और वह मंत्री बना रहा हो।
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इस नियम के तहत रह सकता है पद
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 (4) में यह प्रविधान है कि कोई व्यक्ति बिना विधायक बने 6 महीने तक मंत्री (CG Minister Resignation) रह सकता है।
इसमें कोई कानूनी अवरोध नहीं है, क्योंकि छह माह की अवधि में उस व्यक्ति को चुनकर आना जरूरी है।
इधर छत्तीसगढ़ में बृजमोहन अग्रवाल के मामले में भी ऐसा हो सकता है कि वे विधायक की सदस्यता से इस्तीफा देकर मंत्री बने रह सकते हैं। इसमें कानूनी कोई अड़चन नहीं है।
हालांकि उन्हें अगले साढ़े चार साल तक मंत्री बने रहने के लिए इस्तीफे की तारीख से छह माह के पहले तक विधानसभा सदस्य चुना जाना जरूरी है।