World Blood Donor Day 2024: रक्त के बिना शरीर केवल हड्डियों का ढांचा है. शरीर का पूरा संतुलन और सुचारू संचालन के लिए ब्लड की जरुरत होती है. अगर व्यक्ति के शरीर में खून न हो तो जिंदगी खतरे में भी पड़ सकती है.
कई बार ऐसा होता है कि बीमार होने पर रक्त की जरुरत होती है और ब्लड न मिलने पर व्यक्ति की जान भी जा सकती है. रक्तदान से ज़रूरतमंदों लोगों की जान बचाई जा सकती है. इसलिए हम हर साल रक्तदान दिवस मनाते हैं.
ताकि रक्त देने वालों का शुक्रिया अदा किया जा सके और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इसका लक्ष्य यह है कि हर उस व्यक्ति को रक्त मिल सके, जिसे इसकी ज़रूरत है, ताकि किसी की मौत इस वजह से न हो कि पर्याप्त रक्त नहीं है। आइए जानें कि रक्तदाता दिवस की शुरुआत कैसे और क्यों हुई।
कैसे हुई रक्तदान दिवस की शुरुआत
विश्व रक्तदान दिवस की शुरुआत सबसे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की 58वीं सभा द्वारा 2004 में हुई थी. जिसके बाद से विश्व रक्तदान दिवस 14 को मानाने जाने लगा. जानकारी के अनुसार वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर द्वारा ब्लड ग्रुप सिस्टम की खोज की गई थी.
इतना ही नहीं 14 जून को ब्लड ग्रुप की खोज करने वाले वैज्ञानिक का जन्म्दी होता है जिस वजह से हर साल 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है. इस दिन को ज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर को समर्पित किया जाता है.
इस वर्ष की रक्तदान दिवस थीम
रक्त के बिना शरीर हाड़-मांस का ढांचा है। शरीर के सुचारू संचालन के लिए खून की आवश्यकता होती है। खून की कमी से व्यक्ति का जीवन खतरे में पड़ सकता है। खून की जरूरत होने पर अगर समय से रक्त की पूर्ति न की जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। खून की कमी को पूरा करके जीवन की रक्षा रक्तदान के जरिए की जा सकती है।
इस कारण लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया जाता है, ताकि एक स्वस्थ व्यक्ति जरूरतमंद को रक्तदान कर सके और एक जीवन बचा सके। रक्तदान को बढ़ावा देने और रक्तदाता का आभार व्यक्त करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष रक्तदाता दिवस मनाया जाता है।
इस मौके पर दुनियाभर के लोगों को जरूरतमंदों को खून उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित किया जाता है, ताकि खून की कमी से किसी मरीज की जान न जाए।
शरीर के लिए क्यों जरुरी है ब्लड ?
रक्त शरीर के विभिन्न तंत्रों के संचालन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहाँ पर यह बताया गया है कि रक्त शरीर के संचालन में कैसे योगदान करता है.
ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का परिवहन: रक्त फेफड़ों से ऑक्सीजन और पाचन तंत्र से पोषक तत्वों को पूरे शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाता है. यह शरीर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होता है।
कचरे का निष्कासन: रक्त शरीर की कोशिकाओं से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य खराब पदार्थों को हटाकर उन्हें फेफड़े, किडनी और त्वचा की ओर ले जाता है, जहाँ से ये बाहर निकाल दिए जाते हैं.
प्रतिरक्षा प्रणाली: रक्त में सफेद ब्लड सेल्स (श्वेत रक्त कणिकाएं) और एंटीबॉडी होते हैं जो शरीर को संक्रमण और बीमारियों से बचाते हैं.
हार्मोन का ट्रांसपोर्टेशन: रक्त ग्रंथियों से हार्मोन को शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचाता है, जो विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं.
तापमान नियंत्रण: रक्त शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है. यह त्वचा की सतह पर जाकर गर्मी को बाहर निकालता है और ठंडे मौसम में शरीर को गर्म रखने में सहायक होता है.
घाव भरना: रक्त में प्लेटलेट्स (रक्त कणिकाएँ) होते हैं जो घाव के स्थान पर इकट्ठे होकर रक्त का थक्का बनाते हैं और रक्तस्राव को रोकते हैं.