हाइलाइट्स
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विधायकों की समिति की बैठक इसी माह
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2021 में 6.80 लाख टन चावल हुआ गायब
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डायरेक्टोरेट ने मांगी इंस्पेक्टर्स से डिटेल
Chhattisgarh Rice Scam: छत्तीसगढ़ में बड़े-बड़े घोटाले उजागर हो रहे हैं। इन घोटालों में से एक और घोटाला है 216 करोड़ का चावल घोटाला।
इस घोटाले की जांच प्रदेशभर में जल्द शुरू होने वाली है। इस मामले की जांच के लिए विधायकों की समिति बनाई गई है। इस समिति ने खाद्य संचालनालय से इसकी पूरी जानकारी मांगी है।
समिति के जानकारी मांगे जाने के बाद संचालनालय ने एक फॉर्म जारी कर किया है। इसमें सभी खाद्य निरीक्षकों से चावल का स्टॉक (Chhattisgarh Rice Scam) कितना है, इसकी जानकारी मांगी गई है। इस आदेश का खाद्य निरीक्षकों ने विरोध किया है।
ऑनलाइन जानकारी होगी वही देंगे
खाद्य निरीक्षकों का कहना है कि फरवरी 2022 से राशन दुकानदारों के घोषणा पत्र को खाद्य विभाग के जनभागीदारी पोर्टल से हटा (Chhattisgarh Rice Scam) दिया है।
इसके बाद भी संचालनालय के अफसर घोषणा पत्र की जानकारी मांग रहे हैं। खाद्य निरीक्षकों का आरोप है कि संचालनालय के अफसर अपनी गलती छिपाने बलि का बकरा खोज रहे हैं।
पिछले दो साल से राशन दुकानदारों से घोषणा पत्र नहीं लिया है। ऐसे में वे चावल स्टॉक की जानकारी जो ऑनलाइन फीड होगी वही दी जा सकेगी।
बैठक जून के आखिरी हफ्ते में होगी
राशन बचत घोटाले (Chhattisgarh Rice Scam) की जांच पूर्व खाद्य मंत्री पुन्नू लाल मोहिले की अध्यक्षता में समिति बनाई है।
इसमें विधायक राजेश मूणत, विक्रम उसेंडी, लखेश्वर बघेल और संगीता सिन्हा हैं। अभी तक विधानसभा सचिवालय की ओर से इस संबंध में अभी कोई जानकारी नहीं मांगी है।
विधायकों की समिति की पहली बैठक जून के आखिरी हफ्ते में आयोजित होगी।
तय होगी निरीक्षकों की रणनीति
खाद्य निरीक्षकों का कहना है कि अफसरों के इस तुगलकी फरमान का सभी विरोध (Chhattisgarh Rice Scam) कर रहे हैं।
इसके विरोध में गुरुवार को सभी खाद्य निरीक्षकों की एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में आगे विरोध की रणनीति बनाई जाएगी।
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2021 में हुआ था घोटाला
नवंबर 2021 के घोषणा पत्रों में 6 लाख 80 हजार मीट्रिक टन चावल गायब (Chhattisgarh Rice Scam) हो गया था। यह चावल राशन दुकानों से गायब हुआ था।
खाद्य संचालनालय के अधिकारियों ने घोटाले और अपनी गलतियों को छिपाने राशन दुकानदारों को खुले बाजार से चावल खरीदकर रखने का मौखिक आदेश दिया था।
छत्तीसगढ़ खाद्य अधिकारी संघ ने इस पर विरोध जताया। इस मामले की शिकायत संघ के प्रदेशाध्यक्ष आरसी गुलाटी ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से की है और कार्रवाई की मांग की है।