Baloda Bazar Violence: बलौदाबाजार हिंसा में आग के तांडव ने सियासी रूप ले लिया है. हिंसा की आग तो बुझ गई, लेकिन सियासी चिंगारी भभक उठी है. फिजाओं में छाए धुएं के काले गुबार ने राजनीति का रंग चढ़ा दिया है. अब हिंसा के दौरान कांग्रेस विधायक का एक वीडियो सामने आने के बाद सियासत और बढ़ गई है. बीजेपी ने घटना में कांग्रेसी नेताओं के हाथ होने के आरोप लगाए. तो वहीं आहत कांग्रेसी नेता गिरफ्तारी देने भी पहुंच गए हैं.
आज का मुद्दा- बलौदा में 'आग', सियासी 'बाजार', हिंसा पर घमासान, संपत्ति को क्यों नुकसान ? #aajkamuddacg #RudraGuru #balodabazarviolence #Congress #satnamisociety #Cgnews pic.twitter.com/VdZ2W4ADpu
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) June 12, 2024
कांग्रेस विधायक कविता प्राणलहरे का वीडियो आया सामने
दरअसल, बलौदाबाजार हिंसा के दौरान का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें बिलाईगढ़ से कांग्रेस विधायक कविता प्राणलहरे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए नजर आ रहीं हैं. वह लोगों से शासकीय संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने की बात कह रहीं हैं. विधायक वीडियो में कहती नजर आ रहीं हैं कि हम अपने समाज की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना है. आप लोग एकजुट होकर लड़ रहे हैं. आप लोगों को न्याय मिलेगा.
बीजेपी ने कांग्रेस पर हिंसा भड़काने का लगाया आरोप
छत्तीसगढ़ सरकार के तीन मंत्री दयालदास बघेल, टंकराम वर्मा और श्याम बिहारी जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार, भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव व बिलाईगढ़ की विधायक कविता प्राण लहरे पर सतनामी समाज के लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है. तीनों मंत्रियों ने इन नेताओं के विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें जारी करते हुए कहा कि मामले की न्यायिक जांच की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को भड़काने के आरोप में कांग्रेस के नेताओं पर भी कार्रवाई होगी.
मंत्री बघेल ने कहा कि सतनामी समाज के कार्यक्रम में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव क्यों आए थे. कांग्रेस ने षड्यंत्र रचने का काम किया है. वहीं प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं की समाज के कार्यक्रम में जो भूमिका दिखी, इससे लग रहा है कि कहीं ना कहीं कांग्रेस नेताओं ने कोई पर्दे के पीछे तो कोई पर्दे के बाहर रहकर भूमिका निभाई है.
नाकामी छुपाने के लिए आरोप लगाना गलत: डहरिया
इधर बीजेपी के आरोपों से आहत कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री गुरु रूद्रकुमार गिरफ्तारी देने पहुंच गए. इस दौरान पूर्व मंत्री ने कहा कि तीन-तीन मंत्रियों ने मुझ पर षड्यंत्र करने का आरोप लगाया, इसलिए मैं स्वयं ही गिरफ्तारी देने के लिए आया हूं. वहीं मंत्री के द्वारा उन पर आरोप लगाने वाले सरकार के मंत्रियों पर मानहानि का केस दर्ज करने की बात भी कही जा रही है.
साथ ही उन्होंने प्रदर्शन के दौरान मौके पर होने को लेकर कहा कि मैं समाज के बुलावे पर वहां गया था. जहां सिर्फ 5 मिनट रुका था और मैंने मंच पर कोई भाषण नहीं दिया.
वहीं मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का नहीं सतनामी समाज का आंदोलन है. इसमें बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लोग शामिल थे. अपनी नाकामी छुपाने के लिए बिना सबूत के किसी पर आरोप लगाना गलत है. तो वहीं इधर घटना को लेकर कांग्रेस ने भी जांच समिति का एलान किया है. जो घटनास्थल पर जाकर मामले की तहकीकात करेगी.
जांच के बाद होगा खुलासा
शांति के टापू बलौदाबाजार में 10 जून को हिंसा हुई. हाथ में शांति का प्रतीक लेकर निकले शांतिदूतों ने आग का तांडव किया. इस भयावह मंजर ने पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दिया. बलौदाबाजार के भयावह मंजर का गुनहगार कौन है. इसका खुलासा तो जांच के बाद ही होगा. लेकिन हिंसा में आग की लपटें बुझते ही सियासी चिंगारी भड़क उठी है. जिसने बलौदा की ‘आग’ को सियासी ‘बाजार’ में सुलगा दिया है.
10 जून को भड़की थी हिंसा
बता दें कि 15 मई की रात सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को नुकसान पहुंचाया गया था. जैतखाम तोड़े जाने का समाज के हजारों की संख्या में लोगों ने 10 जून को विरोध किया और असली आरोपियों को अरेस्ट करने की मांग की.
हालांकि पुलिस ने इस केस में 3 लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था. इस पर लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली नहीं थे. पुलिस मुख्य दोषियों को बचाने का काम कर रही है. सोमवार को प्रदर्शन के बाद लोग उग्र हो गए. इसके बाद हालात बिगड़े. और यह उग्र हिंसा में तब्दील हो गई. जिसमें करोड़ों का नुकसान हुआ है.
अंग्रेजों के जमाने का रिकॉर्ड खत्म
जानकारी मिली है कि बलौदाबाजार (Baloda Bazar Violence Update) कलेक्टोरेट में अंग्रेजों के जमाने का लगभग 100 से 120 साल पुराना राजस्व का रिकॉर्ड रखा हुआ था. उपद्रव की आग में यह रिकॉर्ड जलकर खाक हो गया.
बता दें कि 2011-12 में बलौदाबाजार को अलग जिले का दर्जा मिला. उसी के बाद 10 ट्रकों में यहां से पूरा रिकॉर्ड एक-एक कर बलौदाबाजार लाया गया था. प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि सोमवार को बलौदाबाजार कलेक्टोरेट में लगाई गई आग में एक भी रिकॉर्ड सुरक्षित नहीं बच पाया है.
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