हाइलाइट्स
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8 जून को फर्श पर हुई थी महिला की डिलीवरी
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कोर्ट ने नोटिस में हेल्थ सचिव से मांगा जवाब
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वीडियो के प्रसारण पर रोक लगाने के आदेश
Bilaspur CG High Court: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के एक सरकारी हॉस्पिटल में प्रसूता की डिलीवरी फर्श पर ही हो गई थी। 8 जून को गर्भवती महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया था।
इस केस में बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है।
हाईकोर्ट (Bilaspur CG High Court) ने 8 जून के फर्श पर डिलीवरी केस में CS, कलेक्टर और CMO समेत कई को नोटिस जारी किया है। नोटिस में हेल्थ सचिव से हलफनामे पर जवाब मांगा है।
बता दें कि हॉस्पिटल में फर्श पर महिला की डिलीवरी होने के बाद इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो के प्रसारित होने पर भी रोक लगाने के लिए कोर्ट ने निर्देश दिए हैं।
इन अफसरों को जारी किया नोटिस
अंबिकापुर में एक स्वास्थ्य केंद्र में फर्श (Ambikapur News) पर महिला की डिलीवरी हो गई। महिला द्वारा बच्चे को फर्श पर जन्म देने के मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया।
इस मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने हेल्थ सचिव से हलफनामे पर जवाब तलब किया है।
मामले में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने चीफ सेक्रेटरी, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग संचालक, कलेक्टर सरगुजा के साथ सीएमओ अंबिकापुर, सिविल सर्जन अंबिकापुर और मेडिकल ऑफिसर नवानगर को नोटिस जारी किया है।
ये हुआ था घटनाक्रम
दरअसल, अंबिकापुर के जिला मुख्यालय (Ambikapur News) से लगे नवानगर निवासी प्रियावती पैकरा 9 माह की गर्भवती थी।
दरिमा उप स्वास्थ्य केन्द्र में 8 जून 2024 को प्रसव पीड़ा होने पर उक्त महिला मितानिन के साथ उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची।
जहां न तो कोई डॉक्टर और न ही कोई नर्स मौजूद मिले। परिजन व मितानिन ने कई बार डॉक्टर व नर्स को फोन लगाया पर किसी ने नहीं उठाया। फिर मितानिन ने फर्श पर महिला का असुरक्षित प्रसव कराया।
क्यों बन रही ऐसी स्थिति
इस मामले में संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट (Bilaspur CG High Court) ने कहा है, कि जब राज्य सरकार राज्य के दूरदराज के इलाकों में रहने वाली जनता को हेल्थ सुविधाएं प्रदान करने के लिए भारी मात्रा में धन खर्च कर रही है।
इसके बाद भी इस तरह के हालात क्यों बन रहे हैं। स्वास्थ्य केंद्रों के मामलों का प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी स्वयं अनुपस्थित हैं।
जब उनकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है। ऐसे में सरकार को कुछ कड़े कदम उठाने चाहिए।
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वीडियो पर रोक लगाने के निर्देश
सुनवाई के बाद सचिव, स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग, रायपुर (Health Department Chhattisgarh) को निर्देश दिया है कि, वे घटना के संबंध में उठाए गए कदमों के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करें और आगे सुनिश्चित करें जो वीडियो इस घटना का ऑनलाइन वायरल किया गया है, उसे आगे प्रसारित करने से भी तत्काल रोका जाए।