CG Custom Milling Scam: छत्तीसगढ़ के चर्चित कस्टम मिलिंग घोटाले (CG Custom Milling Scam) में शनिवार, 8 जून को ईडी ने मनोज अग्रवाल के घर पर छापामार कार्रवाई की।
जानकारी के मुताबिक ईडी टीम ने शनिवार सुबह व्यापारी मनोज अग्रवाल के डोंगरगढ़ स्थित ऑफिस पर दबिश दी।
इसके अलावा मनोज के खम्हारडीह स्थित निवास पर छापा भी छापामार कार्रवाई की। मनोज डोंगरगढ़ राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। साथ ही वे बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट से भी जुड़े हैं।
ED ने शनिवार सुबह पांच बजे से मनोज अग्रवाल के घर और ऑफिस पर कार्रवाई कार्रवाई शुरू की। मनोज अग्रवाल कस्टम मिलिंग घोटाला (CG Custom Milling Scam) के आरोपी रोशन चंद्राकर के करीबी माने जाते हैं।
तड़के सुबह 5 बजे से कार्रवाई जारी
ईडी ने कस्टम मिलिंग घोटाला (CG Custom Milling Scam) की जांच को लेकर छापा मारा है। उनके निवास में शनिवार सुबह 5 बजे से कार्रवाई चल रही है।
बताया जा रहा है कि मनोज अग्रवाल के घर दो गाड़ियों में टीम पहुंची है और घर में दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।
अभी ये पता नहीं चल पाया है कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने किस मामले में ये कार्रवाई की है।
हालांकि, माना जा रहा है कि मामला राशन घोटाले से जुड़ा हो सकता है।
सूत्रों की मानें तो आज सुबह तड़के 5 बजे ईडी की टीमें मनोज अग्रवाल के राजनांदगांव के डोंगरगढ़ और रायपुर (खम्हारडीह) स्थित ठिकानों पर पहुंची है।
पिछले हफ्ते भी ईडी ने मारा था छापा
उल्लेखनीय है कि ईडी ने पिछले हफ्ते भी प्रमोद अग्रवाल के राजधानी रायपुर, दुर्ग और खरोरा में दबिश दी थी।
जहां राजधानी रायपुर में 2, दुर्ग में 2 ठिकानों और खरोरा में एक जगह समेत कुल 5 ठिकानों पर छापेमारी की गई। प्रमोद अग्रवाल, राइस मिल एसोसिएशन के महासचिव रह चुके हैं।
ईडी की टीम राइस मिल एसोसिएशन के रायपुर स्थित कार्यालय और अध्यक्ष कैलाश रुंगटा के यहां भी पहुंची थी।
ये कार्रवाई इस मामले में पकड़े गए खाद्य विभाग के विशेष सचिव मनोज सोनी और राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर से पूछताछ के आधार पर की गई।
140 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई
140 करोड़ के इस घोटाले में मार्कफेड के प्रबंध संचालक मनोज सोनी ने प्रीतिका पूजा को निर्देश दिए थे कि उन्हीं राइस मिलर्स के बिलों का भुगतान किया जाए जिसकी वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को प्राप्त हुई है।
इसकी जानकारी संबंधित जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन के द्वारा मनोज सोनी के माध्यम से प्राप्त होती थी।
आयकर विभाग की कार्रवाई में भी 1.06 करोड़ रुपए कैश भी प्राप्त हुए थे।
जिसका कोई हिसाब-किताब नहीं था। साथ ही बहुत सारे आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस प्राप्त हुए।
इस मामले में लगभग 140 करोड़ रुपए की अवैध वसूली राइस मिलर्स से किया जाना पाया गया है।
ये भी पढ़ें: CG News: परमानेंट करने की मांग को लेकर सीएम साय से मिले एकलव्य अतिथि शिक्षक संघ
क्या है कस्टम मिलिंग घोटाला?
ईडी की रिपोर्ट पर कस्टम मिलिंग घोटाले (CG Custom Milling Scam) में एफआईआर दर्ज की गई है।
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न राइस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफसीआई में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है।
इस प्रकिया में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई
और अपने पद का दुरूपयोग करते हुए विभिन्न सरकारी अधिकारियों द्वारा राइस मिलर्स के साथ मिलीभगत कर लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक पहुंचाई गई।