CG Raipur News: छत्तीसगढ़ में सरकार ने आरक्षण के विवाद को सुलझाने के लिए प्रदेश में एक नई कमेटी बना दी है।
कमेटी एससी-एसटी (SC-ST) और ओबीसी (OBC) वर्ग के आरक्षण पर राज्य सरकार को अपना सुझाव देगी।
आदिम जाति विकास विभाग के मंत्री रामविचार नेताम को इस नई कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) June 8, 2024
5 सदस्यीय कमेटी में विधायक गोमती साय, गुरु खुशवंत, नीलकंठ टेकाम, गजेंद्र यादव और संगीता सिन्हा को शामिल किया गया है।
कमेटी को 2 साल के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को देनी होगी। CG में आरक्षण का मुद्दा 2011 से विवादों में बना हुआ है।
रमन सरकार में भी बन चुकी है कमेटी
छत्तीसगढ़ (CG Raipur News) मे पहले की रमन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा लागू आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाकर 58 प्रतिशत कर दिया था।
उस समय आरक्षण बढ़ाने के कारणों की जानकारी देने के लिए तत्कालीन मंत्री ननकीराम कंवर की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की गई थी।
2012 में बिलासपुर हाईकोर्ट में 58% आरक्षण के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। तब तत्कालीन सरकार को कोर्ट को आरक्षण बढ़ाने के उचित कारण बताने थे, लेकिन मामला लंबे समय तक कोर्ट में चलता रहा।
बिलासपुर हाईकोर्ट ने सरकार बदलने के बाद 2022 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों तथा सरकारी नौकरियों में राज्य के 58 प्रतिशत आरक्षण असंवैधानिक करार देते हुए निरस्त कर दिया था।
आरक्षण संशोधन विधेयक रुका
बिलासपुर हाईकोर्ट ने 2022 में राज्य के 58% आरक्षण को निरस्त कर दिया था। इसके कारण एसटी का आरक्षण 32% से घट गया था इसलिए पूरे प्रदेश में आदिवासियों ने आरक्षण बढ़ाने के लिए आंदोलन किया। तब सरकार ने विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पारित किया जो अभी राजभवन में अटका है।
वहीं अब पुरानी आरक्षण व्यवस्था बहाली से वर्ग वार आरक्षण पहले की तरह यानी एसटी को 32%, ओबीसी को 14% और एससी को 12% हो गया है।
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