हाइलाइट्स
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खंडवा में नहीं खुली कांग्रेस की किस्मत
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फिर चुनाव जीते ज्ञानेश्वर पाटिल
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खंडवा में बीजेपी ने लगाया जीत का चौका
MP Lok Sabha Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में खंडवा लोकसभा सीट (MP Lok Sabha Result 2024) पर फिर एक बार बीजेपी ने निर्णायक बढ़त बना ली है।
बीजेपी प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल, कांग्रेस के नरेंद्र पटेल से 2 लाख 69 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं। इस सीट पर बीजेपी की जीत तय मानी जा रही है।
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खंडवा लोकसभा सीट इस बार के चुनाव में चर्चा का विषय बनी रही। इस सीट पर मध्यप्रदेश के चौथे चरण में 13 मई को वोटिंग हुई थी। खंडवा लोकसभा सीट पर कुल 70.72% मतदान हुआ था।
बीजेपी प्रत्याशी
खंडवा लोकसभा सीट (Khandwa Lok Sabha Seat) पर बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को लगातार दूसरी बार मौका दिया था।
खंडवा लोकसभा सीट एक समय बीजेपी के दिग्गज नेता नंदकुमार सिंह चौहान के गढ़ के रूप में पहचानी जाती थी।
यहां पर बीजेपी ने 2021 में नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद ज्ञानेश्वर पाटिल को पहली बार उम्मीदवार बनाया था।
तब उपचुनाव में ज्ञानेश्वर पाटिल ने 80 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी।
कांग्रेस प्रत्याशी
कांग्रेस ने इस बार लोकसभा चुनाव (Khandwa Lok Sabha Seat) में नरेंद्र पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया था।
खंडवा लोकसभा सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता अरूण यादव के प्रभाव वाली सीट मानी जाती है और उनके भी लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें थीं, लेकिन पार्टी ने नरेंद्र पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया था।
खंडवा लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
शुरुआती पांच आम चुनावों (1952-71) में कांग्रेस ने पांचों बार खंडवा सीट से जीत का परचम लहराया था। इसके बाद 1977 के चुनाव और 1979 के उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार को जीत मिली थी।
हालांकि खंडवा की जनता ने इसके बाद फिर कांग्रेस की वापसी कराई और लगातार दो चुनाव (1980 और 1984) में कांग्रेस प्रत्याशी को जिताकर सांसद बनाया।
इसके बाद 1989 में भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार इस सीट से जीत हासिल की थी। हालांकि इसके बाद 1991 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर से खंडवा से चुनाव जीता था।
1996 के चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी नंदकुमार सिंह चौहान ने जीत दर्ज कर खंडवा लोकसभा सीट पर पार्टी की वापसी कराई थी।
इसके बाद चौहान लगातार (1998, 1999 और 2004) चुनाव जीतते रहे और 2009 तक इस क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधित्व लोकसभा में करते रहे।
2009 के चुनाव में उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी अरुण यादव के हाथों हार का सामना करना पड़ा। हालांकि 2014 और 2019 के चुनाव को जीतकर नंदकुमार सिंह चौहान ने अपना दबदबा कायम रखा।
चौहान के निधन के बाद 2021 में हुए उपचुनाव में बीजेपी के ही उम्मीदवार ज्ञानेश्वर पाटिल ने जीत हासिल की और यहां से सांसद बने थे।
एक बार फिर बीजेपी ने पाटिल पर भरोसा जताते हुए उन्हें लोकसभा का टिकट दिया था।
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