Nakul Nath Lost Chhindwara: लोकसभा चुनाव 2024 में छिंदवाड़ा सीट पर नकुल नाथ अपना गढ़ नहीं बचा पाए. इस सीट पर इस बार बीजेपी ने बाजी मारी है। कमलनाथ के गढ़ में बीजेपी ने आखिरकार सेंध मार दी है. बीजेपी प्रत्याशी विवेक बंटी साहू ने लगभग 1 लाख 13 हजार 618 वोटों से जीत हासिल की है. छिंदवाड़ा सीट पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रही थी। इस सीट पर (Chhindwara LoK Sabha Seat Result) एमपी के पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। इस सीट पर कुल 79.59% मतदान हुआ था। इस सीट से नकुल नाथ ने दूसरी बार मैदान में थे लेकिन जीत हासिल करने में कामयाब नहीं रहे.
विवेक बंटी साहू की बड़ी जीत
भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सूची में छिंदवाड़ा से विवेक कुमार ‘बंटी साहू’ को टिकट देकर नकुलनाथ के लिए मुश्किलें बढ़ाईं थी. विवेक ने पार्टी को जीत दिलाकर अपना कद बढ़ाया है. वे विधानसभा चुनाव में लगातार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को टक्कर देते आए हैं. विवेक बंटी साहू पहली बार सांसद चुने गए हैं.
नकुल नाथ नहीं बचा पाए अपना गढ़
मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट की गिनती हाई प्रोफाइल सीटों में होती है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला लेकिन कांग्रेस अपना गढ़ नहीं बचा पाई है. नाथ परिवार से बीजेपी ने उसका गढ़ छीन लिया. दूसरी बार नकुलनाथ मैदान में थे उन्हें बीजेपी के विवेक बंटी साहू ने हराकर इस सीट पर बीजेपी को बड़ी जीत दिलाई है.
2019 में नाथन शाह कवरेती को हराया था
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार नकुल नाथ ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी नथनशाह कवरेती को 37536 वोटों से हराया था।
विधानसभा में छिंदवाड़ा में कांग्रेस का दबदबा
पूरे छिंदवाड़ा जिले को कवर करने वाली इस सीट पर सभी क्षेत्रों में कांग्रेस का अच्छा खासा दबदबा है. इस लोकसभा सीट में 7 विधानसभाएं हैं जिनमें जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, चौराई, सौसर, छिंदवाड़ा, परासिया, पंधुमा शामिल हैं. ये सभी विधानसभाएं फिलहाल कांग्रेस के पास हैं. यहां पर करीब 15 लाख वोटर्स हैं जिनमें से करीब 82 प्रतिशत ने 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट दिया था. इसके बाद भी लोकसभा में कांग्रेस कमाल नहीं कर पाई.
छिंदवाड़ा सीट का इतिहास
छिंदवाड़ा को अगर आप नाथ परिवार की सीट कहेंगे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं है. इसके पीछे की वजह है कमलनाथ. दरअसल सबसे पहली बार कमलनाथ ने इस सीट से 1980 में चुनाव लड़ा था, बस तभी से यह सीट उनके नाम ही रही है. 1997 में सुंदरलाल पटवा बीजेपी से यहां से चुनाव जीते थे, लेकिन महज 1 साल बाद फिर से हुए लोकसभा चुनाव में कमलनाथ ने इस सीट पर फिर से कब्जा जमाया था. 2019 के चुनाव की बात की जाए तो कमलनाथ ने यहां से अपने बेटे नकुलनाथ को चुनाव लड़ाया था. 2019 में इस सीट पर बीजेपी के नाथन शाह ने कड़ी टक्टर दी थी लेकिन, करीब 40 हजार वोटों से नकुलनाथ ने यहां से चुनाव जीता था. वहीं 2014 की बात करें तो कमलनाथ ने बीजेपी के चंद्रभान कुबेर सिंह को करीब 1 लाख वोटों से हराया था और इस लोकसभा के 50 प्रतिशत वोट अपने नाम किए थे.