Assembly Election 2024: चुनाव आयोग ने अरुणाचल प्रदेश की 50 सीटों (Assembly Election 2024) पर मतदान हुआ था। जबकि 10 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध ही चुनाव जीत गए थे। वहीं, दूसरी तरफ सिक्किम की 32 विधानसभा सीट पर 19 अप्रैल को एक साथ चुनाव आयोजित करवाए थे। अब सभी पार्टी को विधानसभा चुनाव 2024 (Assembly Election 2024) के परिणाम का इंतजार इंतजार है। जनता ने किस पार्टी पर कितना भरोसा जताया है इसका फैसला 2 जून को हो जाएगा।
सिक्किम में किसकी सरकार
19 अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव 2024 (Assembly Election 2024) में किसकी सरकार बनेगी यह अभी कहना थोड़ा मुश्किल नजर आ रहा है। सिक्किम में जनता राष्ट्रीय दलों के बजाय क्षेत्रीय दलों पर अधिक विश्वास रहता है। हालांकि 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने एसकेएम के साथ गंठबंधन करके कुछ सीटें अपने पक्ष में कर ली थी, लेकिन इस बार भाजपा और एसकेएम अलग-अलग चुनावी मैदान में हैं।
विधानसभा चुनाव 2019 में सिक्किम की जनता ने सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) पर दांव लगाया था। सिक्किम के वर्तमान मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामंग (गोले) ने एक बार फिर खुद की सरकार आने का दावा किया है।
हालांकि, उनका यह दावा कितना सटीक बैठ पाता है यह 2 जून को परिणाम के बाद पता चल जाएगा कि जनता ने उनके काम को पसंद किया है या फिर सिक्किम की जनता इस बार प्रदेश में बदलाव चाहती है। बता दें कि इस बार विधानसभा चुनाव-2024 में 79.88 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
अरुणाचल प्रदेश में चलेगा बीजेपी का जादू!
अरुणाचल प्रदेश में इस बार 60 सीटों की बजाय महज 50 सीटों पर ही मतदान हुआ था। इसके पीछे का कारण भारतीय जनता पार्टी के 10 विधायक पहले ही निर्दलिय चुनाव जीत चुके थे। अरुणाचल प्रदेश में इस बार 65.78 फीसदी कुल मतदान हुआ था।
खास बात यह है कि मतदान से पहले ही सीएम पेमा खांडू और डिप्टि सीएम चाउना मैन ने निर्दलिय चुनाव जीत लिया था। बता दें कि पिछली बार प्रदेश में 37 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मारी थी और कांग्रेस महज 4 सीटें जीतने में कामयाब हो पाई थी। इस बार देखना होगा कि भाजपा एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश में कमल खिलाने में सफल हो पाता है या नहीं।
ओडिशा में बीजेपी vs बीजद
1 जून को ओडिशा में विधानसभा और लोकसभा (Assembly Election 2024) का मतदान होना है। यहां पर सीधी-सीधी टक्कर भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल के बीच मानी जा रही है। दोनों पार्टियों ने पिछली बार गठबंधन में चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार दोनों ही विरोधी पार्टियां हैं।
2019 विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2024) में पिछली बार बीजू जनता दल का बोलबाला रहा था और उन्होंने 147 से 112 सीटों पर कब्जा किया था। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने 23 और कांग्रेस ने 9 सीटें जीती थीं। इसके अलावा 2 सीटें अन्य के खाते में गई थी।
बता दें कि वर्तमान में सत्ता बीजद काबिज है। जबकि सीएम नवीन पटनायक एक बार फिर सत्ता में आने का दावा ठोक रहे है, लेकिन खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर भी इस बार लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव पर भी है, जिसके चलते वह अब तक कई बार इस राज्य में चुनावी रैलियां कर चुके हैं। हालांकि, पीएम की रैलियों से भाजपा कितनी सीटें जीतने में कामयाब हो पाती हैं।
आंध्र प्रदेश में चुनावी पारा गर्म
सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की तरह ही आंध्र प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव 2024 (Assembly Election 2024) समाप्त हो चुके हैं। सभी राजनीतिक दल अब परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। राज्य में 13 मई को मतदान हुआ था। जबकि परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे।
आंध्र प्रदेश की सत्ता पाने के लिए भारतीय जनता पार्टी इस बार पवन कल्याण की जन सेना पार्टी (जेएसपी) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। इनकी सीधी टक्कर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से मानी जा रही है।
दरअसल, 2019 के विधानसभा चुनाव में 178 सीटों में से 151 पर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने बाजी मारी थी, जबकि टीडीपी को महज 23 सीटें मिली थी। खास बात यह थी कि उस समय भारतीय जनता पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी।
साथ ही टीडीपी और बीजेपी ने अलग-अलग चुनाव भी लड़ा था, जिसका खामियाजा दोनों को भुगतना पड़ा था। यही कारण है कि एक बार फिर बीजेपी और टीडीपी एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं। अब देखना होगा कि टीडीपी के साथ एक बार फिर हाथ मिलने पर भारतीय जनता पार्टी को इसका कितना फायदा मिलता है।
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