Advertising Case: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया है। बीजेपी ने TMC के खिलाफ आपत्तिजनक विज्ञापनों को रोकने के हाईकोर्ट के फैसले पर विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से इनकार कर दिया।
जस्टिस विश्वनाथन ने क्या कहा ?
जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि हमने विज्ञापन देखे हैं। प्रथम दृष्टया, विज्ञापन अपमानजनक हैं। आप कह सकते हैं कि आप सर्वश्रेष्ठ हैं, लेकिन हम और अधिक कटुता को बढ़ावा देने में अपना हाथ नहीं बंटाना चाहते।
बीजेपी ने क्या दी दलील ?
सुनवाई के दौरान बीजेपी की ओर से सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया ने कहा कि विज्ञापन तथ्यों पर आधारित हैं।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच का जवाब
बीजेपी के तर्क पर जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि ये मतदाता के हित में नहीं है। इससे पतन होगा। जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि इस मुद्दे को तूल न दें, हम हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। इस पर बीजेपी ने याचिका वापस ले ली। वहीं उसे हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के सामने केस लड़ने की छूट मिल गई। जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि आपका प्रतिद्वंदी आपका दुश्मन नहीं है।
हाईकोर्ट ने दिया था फैसला
विवादित विज्ञापनों को देखने के बाद हाईकोर्ट ने कहा था कि ये MCC के साथ-साथ प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। MCC चुनावी प्रक्रिया में सभी प्रतिभागियों को असत्यापित आरोपों के आधार पर दूसरे दलों की आलोचना करने से रोकता है।
भारतीय चुनाव आयोग को फटकार
हाईकोर्ट ने कहा कि विज्ञापनों की आड़ में याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए वर्तमान आरोप और प्रकाशन पूरी तरह से अपमानजनक हैं। निश्चित रूप से प्रतिद्वंद्वियों का अपमान करने और इसके पदाधिकारियों के खिलाफ व्यक्तिगत हमले करने का इरादा रखते हैं। एकल न्यायाधीश ने चुनाव आयोग को उसकी निष्क्रियता के लिए फटकार भी लगाई।
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हाईकोर्ट की टिप्पणी
हाईकोर्ट ने कहा कि आप (BJP) राष्ट्रीय पार्टी हैं। केंद्र या राज्य स्तर पर आंतरिक तंत्र होना चाहिए, जो यह मंजूरी दे कि क्या प्रचार-प्रसार छापा जा सकता है। कोई तो लक्ष्मण रेखा होनी चाहिए। इसे दाखिल करने वाले राष्ट्रीय दल… हम उनकी (TMC) सराहना नहीं कर रहे हैं… लेकिन सामान्य लोगों पर इसके प्रभाव की कल्पना करें। आम तौर पर किसी भी विज्ञापन में कंपनियों का लोगो और उनकी रंग योजना शामिल होगी। यह पार्टी का विज्ञापन है, जिसमें उनकी रंग योजना या लोगो नहीं है। यदि आप लोग आपस में लड़ते रहेंगे तो पीड़ित वह व्यक्ति है जो अपना प्रतिनिधि चुनने जा रहा है… उन्हें गलत जानकारी दी जाती है।