Dowry Detail compulsory For Marriage Certificate: उत्तर प्रदेश में अब मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए दहेज का विवरण देना अनिवार्य होगा। इस संबंध में योगी सरकार ने आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
विवाह प्रमाण पत्र बनवाने के लिए संबंधित व्यक्ति की तरफ से शादी का कार्ड, आधार कार्ड, स्कूल की मार्कशीट और दो गवाहों के एफिडेविट दस्तावेज के तौर पर जमा करवाने होंगे।
इसके अलावा प्रमाण पत्र बनवाने के दौरान ही दहेज की जानकारी भी देनी होगी। इसके लिए सरकार ने आदेश पारित कर दिए हैं और बाकायदा प्रदेश के सभी कार्यालयों में नोटिस भी लगा दिया है।
इस मामले पर अधिक जानकारी देते हुए संबंधित अधिकारी ने बताया कि शासन की ओर से विवाह प्रमाण पत्र के साथ शपथ पत्र जरूरी कर दिया गया है।
इन कार्यों पर पड़ती है विवाह प्रमाण पत्र की जरूरत
1. विवाह के बाद अगर पति-पत्नी जॉइंट्स बैंक अकाउंट खुलवाना चाहते हैं, ऐसे में उन्हें विवाह प्रमाण पत्र की आवश्कता होगी।
मैरिज सर्टिफिकेट लगाना होता है।
2. बीमा करवाते समय भी दंपत्ति को विवाह प्रमाण पत्र की आवश्कता होती है।
3.किसी देश में स्थायी रूप से रहने के लिए विवाह प्रमाण पत्र बनवाना महत्वपूर्ण होता है।
4. अगर विवाह के पश्चात अगर महिला को अपना सरनेम बदलने में आपत्ति हैं तो ऐसे में विवाह प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है। इसके बिना उन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
5. कई बार लोग लेने के लिए कंपनी विवाह प्रमाण पत्र की मांग रखते हैं, यह एक दस्तावेज के रूप में भी कार्य करता है।
6. कानूनी मामलों के लिए भी कई बार विवाह प्रमाण पत्र की जरूरत होती है।
5 साल तक कर सकते हैं आवेदन
बता दें कि शादी के 30 दिन के भीतर विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवदेन कर सकते हैं। इसके अलावा पति-पत्नी पांच साल तक मैरिज सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। लेकिन पांच से अधिक समय होने के बाद विवाह प्रमाण पत्र के लिए जिला रजिस्ट्रार की अनुमति से ही आवेदन किया जा सकता है।
ये भी पढ़ें- मरीजों की जिंदगी मोबाइल फोन के सहारे: कर्नाटक में भारी बारिश के कारण बिजली संकट, डॉक्टर ऐसे निभा रहे हैं अपना कर्तव्य