Pune Porsche Accident: पुणे पोर्श केस (Pune Porsche Accident) में पुणे पुलिस की बड़ी लापसवाही सामने आई है। एक्सीडेंट के वक्त यरवदा पुलिस स्टेशन के दो अफसर दुर्घटना स्थल पर पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने इसकी जानकारी न तो कंट्रोल रूम में दी और ना ही इसकी घटना की सूचना अपने बड़े अफसरों को।
इस गंभीर मामले में दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई (Pune Porsche Accident) करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया है । मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हादसे के दौरान जोन-1 के डीसीपी गिल भी नाइट राउंड पर ही थे, लेकिन उन्हें भी इस घटना की कोई जानकारी नहीं गी गई। इसका कारण था कि इन दोनों ने कंट्रोल रूम को सूचित ही नहीं किया था।
पुलिस ने किया आरोपों से खंड़न
पुणे पोर्शे मामले में एसपी ने प्रेस वार्ता में बताया था कि नाबालिग आरोपी (Pune Porsche Accident) के पिता ने कहा था कि उनके बेटे ने सिर्फ गाड़ी अपने घर से बाहर निकाली थी, जिसका सीसीटीवी फुटेज भी है। इसके साथ ही एसपी ने उन आरोपों का भी खंड़न किया, जिसमें यह दावा किया गया था कि एक्सीडेंट के बाद नाबालिग आरोपी पुलिस कस्टडी में पिज्जा और बर्गर खा रहा था।
पिता और ड्राइवर पर सबूत नष्ट के लिए नई धारा जोड़ी
एसपी ने बताया कि नाबालिग आरोपी ने घटना के बाद यह बताने के प्रयास किए कि घटना के समय गाड़ी नाबालिग नहीं चला रहा था। उसकी जगह उनका ड्राइवर गाड़ी को चला रहा था। वहीं, अब हम ड्राइवर पर सबूतों को नष्ट करने के लिए एफआईआर में धारा 201 को शामिल कर रहे हैं। साथ ही हम इसका भी पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर ड्राइवर ने किसके दबाब में यह बयान दिया है।
नाबालिग आरोपी के पिता ने किया था ड्राइवर को फोन
पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल ने अपने परिवार के ड्राइवर को फोन कर उसे पुलिस के पास जाने को कहा था और आरोपी के पिता ने यह भी कहा कि वह पुलिस के सामने जाकर कहे कि नाबालिग की जगह वह गाड़ी चला रहा था, उसे इसके बदले काफी सारे पैसे दिए जाएंगे।
इसी कारण ड्राइवर ने पहले बयान में कहा था कि गाड़ी वह चला रहा था। हालांकि, पुलिस ने इस बयान के बाद नाबालिग आरोपी के पिता पर भी सबूतों को नष्ट करने के आरोप में धारा 201 जोड़ी है।
वहीं, पुणे के इस हिट एंड रन केस में पुणे के पुलिस कमिश्नप अमिकेश कुमार ने कहा खा कि नाबालिग आरोपी पर एक बालिग की तरह मुकदमा चलाना चाहिए। इसके लिए पुलिस ने ऊपरी अदालत से अनुमति मांगी है। पुलिस कमिश्नर का यह बयान उस वक्त आया था, जब कोर्ट ने नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी थी।
नाबालिग ने भी ड्राइवर का लिया नाम
हादसे में मुख्य आरोपी नाबालिग ने भी दावा किया था कि घटना के समय गाड़ी उसकी बजाय उनका ड्राइवर चला रहा था, इसके अलावा गाड़ी में मौजूद नाबालिग के दो दोस्तों ने भी यहीं कहा था। इसके बाद पुलिस की जांच अब उलजती जा रही है।
दादा का दावा
नाबालिग आरोपी के दादा का बयान भी पुलिस ने दर्ज किया। लड़के के दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने गुरुवार को शहर की अपराध शाखा को बताया कि उन्होंने अपने बेटे विशाल अग्रवाल से बात करके बाद ही अपने पोते को गाड़ी की चाबी दी थी।
इस बीच, नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल का फोन भी जब्त कर लिया गया है। साथ ही दादा ने यह भी कहा कि विशाल से बात करने के बाद ही उन्होंने नाबालिग को पार्टी के लिए क्रेडिट कार्ड और कार की चाबी दी थी।
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