Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में शिक्षा का अधिकार (RTE) के मामले में मनमानी करने वाले प्राइवेट स्कूलों पर सख्ती बरती जा रही है. अब आरटीई के तहत प्रवेश को लेकर लापरवाही बरतने वाले निजी स्कूलों की अब खैर नहीं है. प्रदेश की साय सरकार ने आरटीई को लेकर शिक्षा सत्र की शुरुआत में ही सख्ती दिखानी शुरू कर दी है.
सचिव ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को लिखा पत्र
स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने इसको लेकर प्रदेश (Chhattisgarh News) के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखा है. स्कूल शिक्षा सचिव ने आरटीई (RTE) वाले बच्चों की ड्राप आउट रिपोर्ट मांगी है. सचिव परदेशी ने कलेक्टरों को लिखे पत्र में कहा है कि जिले के गैर अनुदान प्राप्त विद्यालयों के प्रबंधक/प्राचार्यों की एक बैठक 10 दिन के अंदर बुलाकर समीक्षा करें. देखें कि उनके स्कूल में कितने बच्चों ने आरटीई के तहत एडमिशन लिया था. इसके साथ ही उनमें से कितने बच्चे पढ़ाई छोड़कर ड्राप आउट हो गए हैं.
5 सालों में ड्राप आउट हुए बच्चों की मांगी जानकारी
सचिव ने इसकी एक रिपोर्ट भी मांगी है. सचिव ने कलेक्टरों को बीते 5 सालों में ड्राप आउट हुए बच्चों की जानकारी लेकर समीक्षा करने के लिए भी कहा है. सचिव ने कहा है कि ड्राप आउट रोकने की दिशा में समुचित पहल करने का कष्ट करें. जिससे कि आपके जिले में आरटीई (RTE) की मंशा के अनुरूप सभी बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी कर सकें.
स्कूलों के खिलाफ मिल रही थी शिकायतें
शिक्षा के अधिकार अधिनियम में स्कूलों के लापरवाही की शिकायतें स्कूल शिक्षा विभाग को मिल रही थी. इस की चलते विभाग के सचिव सिद्धार्थ परदेशी ने कलेक्टरों को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है. उन्होंने कलेक्टरों को उनका अधिकार बताते हुए कार्रवाई करने को कहा है.
देखें आदेश-
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