IRCTC Travel Health Insurance: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार को ट्रेन दुर्घटना हुई। इस हादसे में कलकत्ता से रायपुर आ रही शालीमार एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिसमें चार यात्री घायल हो गए.
इतना ही नहीं इस हादसे में एक यात्री का हाथ भी कट गया. यह हादसा रायपुर और उरकुरा के बीच हुआ है. भारत में इसी तरह आए दिन ट्रेन हादसे सामने आते हैं. कभो तरीन पटरी से उतर जाती है तो कभी सिग्नल की गलती से ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है.
इन हादसों को देखते हुए रेलवे ने सिक्यूरिटी के लिए कुछ हेल्थ इंश्योरेंस मुहिया कराए हैं. आप इस इंश्योरेंस में मात्र 45 पैसे में 10 लाख तक का क्लेम कर सकते हैं.
इस श्रेणी के लिए है इंश्योरेंस
यह इंश्योरेंस सभी श्रेणियों में कन्फर्म और आरएसी टिकटों के लिए उपलब्ध है, लेकिन काउंटर से खरीदे गए टिकटों के लिए नहीं। इसके अतिरिक्त, आधे टिकट वाले बच्चे अब वैकल्पिक बीमा पॉलिसी के लिए पात्र नहीं हैं, जिसे केवल पूर्ण टिकट के लिए खरीदा जा सकता है.
इन स्थिति में मिलता है इंश्योरेंस
अगर आप जिस ट्रेन से सफ़र कर रहें है वो पटरी से उतर जाए. जिससे यात्री घायल हो जाए या उसकी मौत हो जाए तो इंश्योरेंस राशि दी जाती है. इसके अलावा अगर दो ट्रेनों में हुई टक्कर से यात्री शारीरिक और मानसिक क्षति होती है तो इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं.
साथ ही ट्रेन पर किसी आतंकवादी हमला होता है तो यात्रियों को किसी भी नुक्सान भरी स्थिति में इंश्योरेंस मिलता है. भारतीय रेलवे उन यात्रियों को मुआवज़ा या बीमा नहीं देता है जिन्होंने अपनी यात्रा के दौरान मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण आत्महत्या करता हो.
ट्रेन दुर्घटनाओं के लिए मुआवज़ा यात्री की चोटों की सीमा पर आधारित होता है.
कैसे लें इंश्योरेंस ?
इस रेलवे ट्रेवल हेल्थ इंश्योरेंस के लिए आपको ऑनलाइन टिकेट बुक करते समय बीमा पॉलिसी का आप्शन चुनना होगा. इसके बाद कंपनी की ओर से यात्री के रजिस्टर मोबाइल नंबर और मेल आईडी पर मैसेज आएगा.
आपके मोबाइल नंबर पर आये इस मैसेज पर इंश्योरेंस कंपनी का नाम और इंश्योरेंस सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इसके साथ ही आपको एक लिंक भी दिया जाएगा. जिसके जरिए आप अपने नॉमिनी का नाम भी अपडेट कर सकते हैं.
इसके अलावा आपको इंश्योरेंस कंपनी एक मेल में एक नंबर दिया जाता है. आप इस नंबर से इंश्योरेंस के बारे में जानकारी ले सकते हैं.
कैसे क्लेम इंश्योरेंस ?
इस इंश्योरेंस ट्रेन का दावा घायल पक्ष, उनके नामांकित व्यक्ति या उनके उत्तराधिकारी द्वारा घटना के 4 महीने के भीतर किया जाना चाहिए। दावा आवश्यक दस्तावेज के साथ बीमा कंपनी के कार्यालय में दाखिल किया जाना चाहिए.