Vaishakh Purnima 2024 Sahi Date: वैसे तो पूर्णिमा तिथि हर महीने आती है लेकिन वैशाख पूर्णिमा की तिथि बेहद खास होती है। इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
इस साल यानी वर्ष 2024 में आने वाली पूर्णिमा तिथि को लेकर अगर आप भी कंफ्यूज है और आपको नहीं पता है कि स्नान दान की पूर्णिमा और व्रत की पूर्णिमा कब है तो चलिए आज हम आपको बताते हैं।
जानते हैं कि ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार स्नानदान पूर्णिमा तिथि (Snandan Purnima 2024 Date) और व्रत की पूर्णिमा (Vaishakh Vrat Purniam Date 2024) की तिथि कब है। साथ ही जानेंगे कि इस दिन क्या खास उपाय (Vaishakh Purnima Upay 2024) करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है।
वैशाख पूर्णिमा की सही तिथि क्या है
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस साल वैशाख पूर्णिमा तिथि दो दिन रहेगी।
इसमें व्रत की पूर्णिमा और स्नान दान की पूर्णिमा, दोनों की तिथियां अलग-अलग हैं। व्रत की पूर्णिमा 22 मई को मनाई जाएगी। तो वहीं स्नान दान की पूर्णिमा 23 मई को होगी। चलिए जानते हैं पूर्णिमा तिथि का मुहूर्त कब से कब तक रहेगी।
वैशाख पूर्णिमा मुहूर्त
वैशाख पूर्णिमा प्रारंभ तिथि: 22 मई बुधवार को शाम 5:44 बजे से।
वैशाख पूर्णिमा समाप्ति तिथि: 23 मई गुरुवार को शाम 6:28 बजे से।
वैशाख पूर्णिमा पर रात को यहां जलाएं घी का दीया
वैशाख पूर्णिमा तिथि को शनि दोष और पितृदोष की शांति के लिए खास माना जाता है। यदि आप भी इस दिन रात में चंद्रमा के दर्शन करके उन्हें जल अर्पित करते हैं तो आपको चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि जिनकी कुंडली में चंद्र दोष है तो उन्हें इस दिन ये उपाय जरूर करना चाहिए।
बुद्ध पूर्णिमा व्रत करने से लाभ
ऐसी मान्यता है कि यदि बुद्ध पूर्णिमा का व्रत और चंद्रदर्शन किए जाए तो व्यक्ति के आर्थिक कष्ट दूर होते हैं। बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्रदेव की उपासना करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। इस दिन दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 04:18 ए एम से 05:01 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 04:39 ए एम से 05:43 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:57 ए एम से 12:50 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:37 पी एम से 03:30 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:03 पी एम से 07:24 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 07:04 पी एम से 08:08 पी एम
अमृत काल- 11:22 पी एम से 01:02 ए एम, मई 24
निशिता मुहूर्त- 12:02 ए एम, मई 24 से 12:45 ए एम, मई 24
सर्वार्थ सिद्धि योग- 09:15 ए एम से 05:43 ए एम, मई 24
स्नानदान और व्रत पूर्णिमा अलग-अलग क्यों होती है
ज्योतिषाचार्य के अनुसार जब कोई तिथि सूर्योदय के समय आती है तो उस तिथि में स्नान दान की तिथि मानी जाती है। इसके विपरीत यदि वह उदया तिथि के बाद आए तो उसे व्रत पूर्णिमा में लिया जाता है। इसलिए स्नान दान और पूर्णिमा तिथि का माना जाता है।