Surya Nakshatra Parivartan Nautapa 2024: हर साल की तरह ही इस साल भी नौतपा (Nautapa 2024) 25 मई को शुरू हो रहे हैं। ज्योतिषीय (Jyotish Gadna) गणना की मानें तो जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो नौतपा की शुरुआत होती है।
बारिश के लिए ज्योतिष (Jyotish) में 10 नक्षत्र बताए गए हैं। चलिए जानते हैं इस बारिश के नक्षत्रों के कौन से योग हैं और इस बार कैसी बारिश के संकेत (Jyotish me barish ke sanket) दे रहे हैं।
बीते साल आद्रा नक्षत्र में बना था ये योग
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार बीते साल आद्रा नक्षत्र में स्त्री-स्त्री योग बना था। जिसने कम बारिश कराई थी। लेकिन जब स्त्री पुरुष योग बनता है तो इस दौरान बारिश अच्छी मानी जाती है। यही कारण है कि इस बार आद्रा नक्षत्र में बन रहा स्त्री-पुरुष योग अच्छी बारिश के संकेत दे रहा है।
25 मई को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे सूर्य
ज्योतिषीय गणित और हिन्दू पंचांग के अनुसार 25 मई शनिवार को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जो 3 जून तक इसी स्थिति में रहेंगे। इस दौरान सूर्य अपने सबसे प्रचंड रूप में होता है। इसी के साथ सूर्य 14 मई को वृष राशि में भी प्रवेश कर गए हैं। वृष राशि में सूर्य के गोचर (Vrish Rashi me Surya Gochar) करने पर इनका तेज सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। यानी इस दौरान सूर्य सबसे अधिक प्रचंड रूप में होते हैं।
आद्रा नक्षत्र में इस दिन करेंगे सूर्य प्रवेश
सूर्य 22 जून को आद्रा नक्षत्र में प्रवेश (Adhdra Nakshra me Surya) करेंगे। आद्रा नक्षत्र पहला बारिश का नक्षत्र है। इस दौरान अच्छी बारिश होने लगती है। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार आद्रा नक्षत्र में स्त्री-पुरुष बनेगा। जो अच्छी बारिश कराएगा।
ये होते हैं बारिश के नक्षत्र
आद्रा नक्षत्र
22 जून से 6 जुलाई तक – स्त्री-पुरुष योग
पुनर्वसु नक्षत्र
6 जुलाई से 20 जुलाई तक — स्त्री-स्त्री योग
पुष्य नक्षत्र
20 जुलाई से 5 अगस्त — स्त्री-पुरुष योग
अश्लेषा नक्षत्र
5 अगस्त से 20 अगस्त
मघा नक्षत्र
20 अगस्त से 5 सितंबर
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र
20 अगस्त से 5 सितंबर
उत्तरा नक्षत्र
5 सितंबर से 20 सितंबर
हस्त नक्षत्र
इस नक्षत्र में सूर्य के आने पर बारिश की विदाई हो जाती है।
जल चर नक्षत्र कौन से हैं
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार पुनर्वसु, अश्लेषा और पुष्य नक्षत्र जलचर नक्षत्र कहलाते हैं। यानि इन नक्षत्रों में बारिश (Surya Pushya Nakshatra) अच्छी मानी जाती है। लेकिन यदि इन नक्षत्रों में स्त्री-स्त्री योग वनता है तो खंड बारिश होती है।
आद्रा नक्षत्र में सबसे अच्छी बारिश क्यों
ज्योतिषाचार्य के अनुसार आद्रा का मतलब खाद्रा नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र में सवत्र बारिश मानी जाती है। यानी इस आद्रा नक्षत्र के 15 दिनों में यदि अच्छी बारिश हो तो ये अच्छी मानी जाती है।
इस बार के राजा मंगल कराएंगे आंधी बारिश के योग
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार के राजा मंगल और मंत्री शनि हैं। जो इस बार उत्पादी बारिश के योग बनाएंगे। आंधी तूफान वाली बारिश लोगों के साथ प्राकृतिक उत्पाद मचाएगी।
नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ले लें।