Jackie Shroff High Court: बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर जैकी श्रॉफ अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं।
उनका स्टाइल और बोलने का अंदाज ही है जो उन्हें बाकी बॉलीवुड एक्टर्स से अलग बनाता है।
जैकी जब भी किसी से बात करते हैं तो भिड़ू शब्द का इस्तेमाल जरुर करते हैं। जैकी श्रॉफ के इस शब्द का इस्तेमाल हर कोई करने लगा था जिसकी वजह अब एक्टर ने उन लोगों के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
Jackie Shroff High Court: क्या अब जैकी ही बोलेंगे भिड़ू, एक्टर ने बिना सहमति इस्तेमाल पर हाई कोर्ट में लगाई याचिका#jackieShroff #HighCourt #Bollywood
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) May 14, 2024
जैकी श्रॉफ ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की है। उन्होंने इस याचिका में उनके निजी और पब्लिसिटी अधिकारों की रक्षा की मांग की है।
बुधवार को होगी कोर्ट में सुनवाई
जैकी ने मंगलवार 14 मई को हाई कोर्ट में उनकी सहमति के बिना उनके नाम, तस्वीरों, आवाज और ‘भिडू’ शब्द के कथित ‘अनधिकृत’ उपयोग के लिए कई संस्थाओं के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
‘लाइव एंड लॉ’ के मुताबिक, जैकी श्रॉफ की याचिका पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई होगी।
अदालत के समक्ष दायर यह मुकदमा आज के डिजिटल युग में ‘सेलिब्रिटी राइट्स’ को लेकर महत्वपूर्ण है।
अगर जैकी इस मुकदमे में जीतते हैं तो उनके अलावा कोई उनके भिडू शब्द का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
भिड़ू मतलब क्या
जैकी श्रॉफ ने यह केस ऐसे समय में किया है, जब इससे पहले अनिल कपूर और अमिताभ बच्चन जैसे एक्टर्स ने भी ऐसे ही ‘व्यक्तित्व अधिकार’ की रक्षा के लिए कानूनी रास्ता अपनाया था।
वैसे, जानकारी के लिए बता दें कि ‘भिडू’ एक मराठी शब्द है, जिसका हिंदी में मतलब जोड़ीदार होता है।
जैकी अपनी साधारण भाषा में किसी से भी बात करते समय इस भिडू शब्द का उपयोग खूब करते हैं।
अमिताभ बच्चन भी लगा चुकें हैं याचिका
जैकी श्रॉफ पहले एक्टर नहीं है जिन्होंने अपने राइट्स को लेकर याचिका दायर की है।
इससे पहले अमिताभ बच्चन भी अपने राइट्स को लेकर याचिका दाखिल करा चुके हैं।
उन्होंने साल 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की थी, जिसमें उन्होंने अपनी तस्वीर, नाम, आवाज सहित पर्सनैलिटी का इस्तेमाल बिना उनकी इजाजत के न करने की मांग की थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए पर्सनैलिटी राइट्स को सुरक्षित रखने का अंतरिम आदेश जारी किया था।
अनिल कपूर ने भी लिया था ‘झकास’ पर लीगल एक्शन
अनिल कपूर ने पिछले सितंबर महीने में दिल्ली उच्च न्यायालय में व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा करते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया था।
इसमें विभिन्न संस्थाओं को उनकी सहमति के बिना व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उनकी तस्वीर, नाम, आवाज या उनके व्यक्तित्व से जुड़े ‘झकास’ शब्द के दुरुपयोग पर रोक लगाई थी।