Dhruv Rathi Video Retweet Case: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से एक और राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने ध्रुव राठी के वीडियो को रीट्वीट करने के लिए अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर लगी रोक बढ़ा दी है। उन्होंने BJP IT Cell के खिलाफ बना वीडियो रीट्वीट किया था।
हाईकोर्ट ने समन रद्द करने से किया था इनकार
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी (केजरीवाल के लिए) के अनुरोध पर केस को स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि पिछली सुनवाई के बाद पक्ष समझौते पर चर्चा के लिए संपर्क नहीं कर सके थे। दिल्ली हाईकोर्ट ने समन रद्द करने से इनकार कर दिया था, इसके बाद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट गए थे।
केजरीवाल गलती मानने को तैयार
सिंघवी ने 26 फरवरी को कहा था कि केजरीवाल ये मानने को तैयार हैं कि रीट्वीट एक गलती थी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता को ये तय करने के लिए समय दिया कि क्या वो मामले को बंद करने से सहमत है। इसी बीच ट्रायल कोर्ट को मामले की सुनवाई नहीं करने का निर्देश दिया।
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क्या रीट्वीट करना अपराध !
जब ये केस आखिरी बार मार्च में उठा था तो कार्यवाही पर रोक बढ़ाते हुए सुझाव दिया था। सुझाव ये था कि शिकायतकर्ता को सार्वजनिक मंच पर केजरीवाल की मांगी गई माफी का एक फॉर्मेट दे, जो अगर उन्हें स्वीकार हो तो केस खत्म हो जाएगा। वहीं अगर ये मामला सुलझाने में वे विफल होते हैं तो इस पर विचार किया जाएगा कि रीट्वीट करना अपराध है या नहीं।