Maldives Minister Exposes Muizzu: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कहने पर भारत ने अपने 76 भारतीय सैनिकों को वापस बुला लिया था। भारतीय सैनिकों के वापस लौटने के कुछ दिनों बाद मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मौमून ने कहा कि देश की सेना के पास भारत से दान में मिले विमानों को उड़ाने के लिए लायक पायलट तक नहीं हैं।
शनिवार को घासन ने राष्ट्रपति कार्यलय में आयोजित प्रेस कांन्फ्रेंस में कहा था कि भारत की तरफ से मिले दो हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान को उड़ाने की काबिलियत रखने वाले पायलट मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल के पास नहीं हैं।
मालदीव की खुल गई पोल: भारतीय सैनिकों को वापस भेजते ही फंस गए मुइज्जू; अब बहा रहे हैं आंसू#Maldives #IndianArmy #maldivesminister
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) May 13, 2024
घासन के बयान से एक दिन पहले मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने कहा था कि देश मे 76 भारतीय सैन्य कर्मियों की जगह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिडेट द्वारा भेजे गए नागरिक कर्मियों को लगाया गया है।
मालदीव के पास पायलट नहीं
घासन ने आगे बताया कि पिछली सरकारों के समय कुछ सैनिकों ने डोर्नियर और दो हेलीकॉप्टरों को उड़ाने की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। इसके लिए पायलटों को अलग-अलग चरण से होकर गुजरना पड़ता था, लेकिन हमारे सैनिक कुछ कारणों से इसे पूरा नहीं कर पाते थे। जिसकी वजह से हमारे पायलटों को इससे उड़ाने के लाइसेंस नहीं मिल सके।
रक्षा मंत्री ने खोली पोल
आपको बता दें कि जब मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी विपक्ष में थी उस समय वह दावा किया करती थी कि मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल के पास इन विमानों को उड़ाने के लिए सक्षम पायलट हैं।
मगर अब उनकी सरकार के ही रक्षा मंत्री ने उनकी पोल को खोल दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की तरफ से दान में दिए गए एक सैन्य हेलीकॉप्टर और डोर्नियर विमान का इस्तेमाल मुख्य रूप से चिकित्सा के लिए किया जाता है।
भारत ने कब दिया था विमान?
भारत ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और अब्दुल्ला यामीन की सरकार के समय हेलीकॉप्टर और पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की सरकार के समय डोर्नियर विमान दिए थे। यहीं कारण था जिसकी वजह से भारतीय सैनिकों को मालदीव भेजा गया था ताकि वह वहां की सेना को प्रशिक्षण दे सके।
दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण
मगर मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली मालदीव सरकार ने औपचारिक रूप से भारत से अपनी सेना वापस बुलाने को कहा था। आपको बता दें कि मालदीव से भारतीय सैनिकों को हटाना मुइज्जू की पार्टी का मुख्य चुनाव एजेंडा था। वहीं, मोहम्मद मुइज्जू की सरकार सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं।
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