Mothers Day 2024: नास्ति मातृसमा छाया, नास्ति मातृसमा गतिः। नास्ति मातृसमं त्राण, नास्ति मातृसमा प्रिया। मतलब माता के समान कोई छाया नहीं है, माता के समान कोई सहारा नहीं है। माता के समान कोई रक्षक नहीं है और माता के समान कोई प्रिय चीज नहीं है। एक मां ही हैं जो 24 घंटे और साल के 365 दिन काम करती हैं। उनके लिए कोई छुट्टी नहीं, कोई ब्रेक नहीं, कोई सैलरी नहीं। दिन-रात कभी भी अपने घर, परिवार और बच्चों के लिए काम करना। माँ की ममता अमूल्य है, जिसकी कीमत नहीं चुकाई जा सकती, लेकिन आज मातृ दिवस (Mothers Day 2024) पर हम आपको बता रहे हैं कि अगर घर संभालना एक जॉब हो तो एक हाउसवाइफ को कितनी सैलरी मिलेगी।
औसतन रोजाना 6 घंटे काम करती है हाउसवाइफ
माँ के काम को लेकर ऑर्गनाइजेशन फॉर इकॉनमिक कॉर्पोरेशन ऐंड डिवेलपमेंट ने 2011 में सर्वे कराया था। एक भारतीय हाउसवाइफ रोज औसतन 6 घंटे काम करती है। इस काम के न उन्हें कोई पैसे मिलते हैं और न ही इसे काम समझा जाता है। कहा यही जाता है कि वो हाउसवाइफ है, काम नहीं करती। कई पुरुष अपनी पत्नी से ये भी कहते हैं तुम काम ही क्या करती हो। काम तो रोज ऑफिस जाकर हम करते हैं।
क्या हो अगर घर संभालना एक जॉब हो…
एक सर्वे के मुताबिक एक हाउसवाइफ को घर संभालने के लिए कम से कम 45 हजार रुपए सैलरी मिलनी चाहिए। इस हिसाब से उसकी सालाना इनकम 5 लाख 40 हजार होती है। वहीं वर्किंग वूमन ऑफिस के साथ-साथ घर का काम भी संभालती है।
क्या कहते हैं अर्थशास्त्री ?
हाउसवाइफ के कामों को इकॉनमिक एक्टिविटी नहीं माना गया है और न ही इसे नेशनल इनकम में शामिल किया गया है। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक ऐसा करके एक तरह से हम देश की इकॉनमी में महिलाओं के योगदान को नकार रहे हैं।
2012 में मंत्री कृष्णा तीरथ ने दिया था सुझाव
2012 में UPA की सरकार में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री कृष्णा तीरथ ने एक सुझाव दिया था। उन्होंने कहा था कि हाउसवाइफ के कामों को जॉब माना जाना चाहिए। पति को अपनी पत्नी को घर के काम करने के लिए सैलरी देनी चाहिए।
2017 में मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर ने दिया था खूबसूरत जवाब
मानुषी छिल्लर ने 2017 में मिस वर्ल्ड का ताज अपने नाम किया था। जब फाइनल राउंड में ज्यूरी ने उनसे सवाल किया कि किस प्रोफेशन में सबसे ज्यादा सैलरी मिलनी चाहिए और क्यों ? इस पर मानुषी ने कहा कि मुझे लगता है कि एक माँ को सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाना चाहिए। मैं पैसे के बारे में नहीं सोचती। ऐसा इसलिए होना चाहिए, क्योंकि मां किसी को प्यार और सम्मान देती हैं। मेरी मां मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। उन्हें सबसे ज्यादा सम्मान मिलना चाहिए।
मां के लिए क्या खूब लिखा है…
एक मुद्दत से मेरी माँ नहीं सोई ‘ताबिश’
मैंने इक बार कहा था मुझे डर लगता है। (अब्बास ताबिश)
कल अपने-आप को देखा था माँ की आँखों में,
ये आईना हमें बूढ़ा नहीं बताता है। (मुनव्वर राना)
मुझे मालूम है माँ की दुआएं साथ चलती हैं,
सफर की मुश्किलों को हाथ मलते मैंने देखा है। (आलोक श्रीवास्तव )
मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार,
दुख ने दुख से बातें की बिन चिट्ठी बिन तार। (निदा फाजली)
वो लम्हा जब मेरे बच्चे ने माँ पुकारा मुझे,
मैं एक शाख से कितना घना दरख्त हुई। (हुमैरा रहमान)
मुर्गे की आवाज से खुलती घर की कुंडी जैसी माँ,
बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ। (निदा फाजली)
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मातृ दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं
मदर्स डे पर दुनिया की हर मां को परिवार और समाज में उनके अमूल्य योगदान के लिए बंसल न्यूज डिजिटल की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।