हाइलाइट्स
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पुतिन को शपथ लेने के बाद सेना ने 21 तोपों की सलामी दी
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चुनाव में पुतिन को 88 % और निकोले खारितोनोव को 4% वोट मिले
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पुतिन ने संविधान की कॉपी पर हाथ रखकर राष्ट्रपति की शपथ ली
Vladimir Putin: व्लादिमीर पुतिन 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं। मॉस्को के ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस में पुतिन ने 33 शब्दों में शपथ ली।
शपथ के बाद पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा, मैं दुनिया बदल दूंगा। हम और मजबूत होंगे। हम उन देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करेंगे जो हमें दुश्मन समझते हैं।
मैं जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए हरसंभव कोशिश करूंगा।
रूस में 15-17 मार्च को हुए चुनाव में पुतिन को 88% वोट मिले थे। उनके विरोधी निकोले खारितोनोव को सिर्फ 4% वोट मिले थे।
अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों ने पुतिन के शपथ ग्रहण का बहिष्कार किया
रूस में हुए पुतिन (Vladimir Putin) के शपथ ग्रहण समारोह का अमेरिका, ब्रिटेन और कई यूरोपीय देशों ने बहिष्कार किया है।
पुतिन ने इससे पहले साल 2000 में पहली बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसके बाद से 2004, 2012 और 2018 में भी वे राष्ट्रपति बन चुके हैं।
शपथ ग्रहण में कौन-कौन शामिल हुआ
शपथ ग्रहण समारोह में रूस की फेडरेल काउंसिल के सदस्य (सीनेट के सांसद), स्टेट डूमा के सदस्य (निचले सदन के सांसद),
हाईकोर्ट के जज, अलग-अलग देशों के राजदूत और डिप्लोमैटिक कॉर्प्स शामिल हुए।
2018 में पुतिन (Vladimir Putin) के चौथे शपथ ग्रहण में जर्मनी के पूर्व चांसलर जेरहार्ड श्रोडर समेत करीब 6 हजार लोग मौजूद रहे थे। इसका लाइव टेलीकास्ट भी किया गया था।
शपथ के बाद चर्च में प्रार्थना
समारोह के बाद रूस के ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख पेट्रिआर्क राष्ट्रपति के साथ कैथेड्रल चर्च में प्रार्थना करते हैं।
वे राष्ट्रपति को बताते हैं कि देश की जनता ने उन पर भरोसा किया है। साथ ही उनकी लंबी उम्र की कामना करते हैं।
यह परंपरा भी बरकरार
यह प्रथा साल 1498 से जारी है, जब मॉस्को के प्रिंस दिमित्री इवानोविच का विवाह हुआ था।
सेरेमनी की शुरुआत में रूस का प्रेसिडेंशियल बैंड वही धुन बजाता है, जो 1883 में एलेक्जेंडर 3 की ताजपोशी के वक्त बजाई गई थी।
रूस में राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण की प्रक्रिया
समारोह की शुरुआत में रूस के पुराने राष्ट्रपति (जो पद छोड़ रहे हैं) क्रेमलिन रेजीमेंट की समीक्षा करते हैं।
यह रेजीमेंट रूसी सेना की एक खास यूनिट है, जिस पर क्रेमलिन की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है। इसके बाद पुराने राष्ट्रपति ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस जाते हैं।
क्रेमलिन पैलेस में हुआ शपथ ग्रहण
क्रेमलिन पैलेस के अलेक्जेंडर हॉल में रूस का झंडा और ‘रशियन स्टैंडर्ड ऑफ द प्रेसिडेंट’ का फ्लैग लाया जाता है।
इस झंडे पर रूस का एम्ब्लम (प्रतीक चिन्ह) बना होता है। रूस की संवैधानिक कोर्ट के अध्यक्ष संविधान की कॉपी को पोडियम पर रखते हैं।
इसके अलावा यहां राष्ट्रपति की चेन ऑफ ऑफिस भी रखी जाती है।
संविधान की कॉपी की खासियत
शपथ ग्रहण में इस्तेमाल होने वाली संविधान की कॉपी बेहद खास होती है। इसका कवर लाल रंग का होता है।
इस पर सुनहरे रंग से ‘कॉन्स्टीट्यूशन ऑफ रशिया’ लिखा होता है। इसके अलावा सिल्वर रंग में रूसी ‘कोट ऑफ आर्म्स’ की तस्वीर बनी होती है।
संविधान की इस कॉपी को राष्ट्रपति की लाइब्रेरी में रखा जाता है।
चेन ऑफ ऑफिस राष्ट्रपति पद का प्रतीक होती है। इसके बीच में ‘ऑर्डर फॉर मेरिट टु द फादरलैंड’ का रेड क्रॉस बना होता है।
क्रॉस के पीछे गोलाकार में ‘बेनिफिट, ऑनर एंड ग्लोरी’ लिखा होता है।
राष्ट्रपति संविधान की कॉपी पर हाथ रखकर लेते हैं शपथ
शपथ के लिए स्टेज पर रूस की संसद के दोनों सदनों के अध्यक्ष और संवैधानिक कोर्ट के प्रेसिडेंट मौजूद होते हैं।
शपथ ग्रहण की तैयारियां पूरी होने के बाद नए राष्ट्रपति को इसकी सूचना दी जाती है। इसके बाद उनका काफिला ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस पहुंचता है।
यहां सेंट जॉर्ज हॉल और सेंट एंड्र्यू हॉल को पार करते हुए नए राष्ट्रपति एलेक्जेंडर हॉल पहुंचते हैं। पुतिन (Vladimir Putin) ने भी 5वीं बार राष्ट्रपति बनने की प्रक्रिया पूरी की।
शपथ ग्रहण की प्रक्रिया में यह भी…
रूस के नए राष्ट्रपति संविधान की कॉपी पर दाहिना हाथ रखकर पद की शपथ लेते हैं। पुतिन (Vladimir Putin) ने भी ऐसा ही किया।
इसके बाद कॉन्स्टीट्यूश्नल कोर्ट के अध्यक्ष उन्हें चेन ऑफ ऑफिस देते हैं और राष्ट्रपति की शपथ पूरी होने की घोषणा करते हैं।
क्रेमलिन पैलेस में राष्ट्रगान होता है। इस दौरान राष्ट्रपति पैलेस के गुंबद पर ‘रशियन स्टैंडर्ड ऑफ द प्रेसिडेंट’ का झंडा फहराया जाता है।
शपथ ग्रहण के अंत में कैथेड्रल स्क्वायर समारोह होता है
इसके बाद नए राष्ट्रपति भाषण देते हैं। फिर राष्ट्रपति के सम्मान में 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
इस समारोह का अंत कैथेड्रल स्क्वायर पर होता है। यहां राष्ट्रपति रूसी सेना के कमांडर-इन-चीफ के तौर पर रेजीमेंट का निरीक्षण करते हैं।
इसके बाद क्रेमलिन रेजीमेंट मार्च पास्ट करती है।
पुतिन रह सकते हैं 2036 तक रूस के राष्ट्रपति
रूसी संविधान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता है।
इसके चलते 8 मई 2008 को पुतिन ने प्रधानमंत्री रह चुके दिमित्री मेदवेदेव को रूस का राष्ट्रपति बनवाया और खुद PM बन गए थे।
नवंबर 2008 में दिमित्री ने संविधान संशोधन कर राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 से बढ़ाकर 6 साल कर दिया।
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पुतिन ने दो टर्म तक राष्ट्रपति रहने की सीमा खत्म की
इसके बाद 2012 में पुतिन (Vladimir Putin) फिर से रूस के राष्ट्रपति बने। उन्होंने लगातार राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया और
देश की जनता को सोवियत यूनियन वाला रसूख वापस दिलाने के सपने दिखाए। 2014 में पुतिन (Vladimir Putin) ने क्रीमिया पर हमला कर उसे रूस के कब्जा में कर लिया।
जनवरी 2020 में पुतिन ने संविधान संशोधन के जरिए दो टर्म तक राष्ट्रपति रहने की सीमा खत्म कर दी।
इसे सही साबित करने के लिए रूस में जनमत संग्रह भी करवाया गया।
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ऐसे खुला पुतिन के लगातार राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता
इसमें करीब 60% वोटरों ने हिस्सा लिया जिसमें 76% ने पुतिन के फैसले का समर्थन किया।
इसी के साथ पुतिन के 2036 तक राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो गया।
इससे पुतिन सोवियत संघ पर करीब तीन दशकों तक राज करने वाले स्टालिन से आगे निकल सकते हैं।