Honeytrap Case: बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन, आरती दयाल और अभिषेक को अदालत ने बरी कर दिया है। इन्हें मानव तस्करी के केस में बरी किया गया है। हनीट्रैप के मामले से अभी इन्हें बरी नहीं किया गया है। फरियादी की ओर से CID ने FIR दर्ज की थी। युवती ने श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, आरती दयाल और अभिषेक पर गंभीर आरोप लगाए थे। इन पर कई हाईप्रोफाइल लोगों से युवती का शोषण कराने के आरोप थे।
फरियादी की हो गई जमानत
हनीट्रैप केस में फरियादी भी आरोपी है, जिसकी अब जमानत हो गई है। उसे गवाही के लिए कोर्ट ने उज्जैन जेल से भोपाल बुलाया था। फरियादी ने बयान में कहा था कि इन सभी ने मिलकर उसका कई हाईप्रोफाइल लोगों और राजनेताओं से शोषण कराया है।
फरियादी ने बदले बयान इसलिए आरोपी बरी
जमानत मिलने के बाद फरियादी युवती कोर्ट में आई और अपने बयान बदल दिए। उसने कहा कि किसी ने उसका शोषण नहीं किया है। पुलिस के दबाव में उसने सभी आरोपियों के खिलाफ बयान दिए थे। इसके बाद अपर सत्र न्यायाधीश पल्लवी द्विवेदी ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। लंबी बहस के बाद मानव तस्करी का केस खत्म हो गया। वहीं बहुचर्चित हनीट्रैप केस हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में चल रहा है।
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2019 में सामने आया था हनीट्रैप कांड
मध्यप्रदेश में 17 सितंबर 2019 को हनीट्रैप कांड सामने आया था। उस वक्त प्रदेश में कमलनाथ सरकार थी। इंदौर में नगर निगम के इंजीनियर रहे हरभजन सिंह ने पलासिया पुलिस थाने में ब्लैकमेलिंग की शिकायत की थी। इसके बाद हनी ट्रैप के पन्ने खुलने शुरू हो गए थे। आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन, आरती दयाल और अभिषेक के कई राज सामने आए थे।