Money Management: मनी का फंडा समझना फ्यूचर के लिए बहुत जरूरी है. आजकल के युवाओं को नौकरी की शुरूआत में पैसों को सेव करना और सही जगह यूज करने का फंडा समझने में काफी समय लग जाता है. जिसका नुकसान उन्हें बाद में उठाना पड़ता है. आंकड़ों के मुताबिक भारत के युवाओं में हर तीसरे पर कोई न कोई कर्ज है. जब पहली नौकरी की पहली सैलरी आती है तो युवा दिल खोलकर भी ख़र्च करते हैं. लेकिन जीवन के इस नए पड़ाव के साथ आगे आने वाली ज़िम्मेदारियों की तैयारियां भी अभी शुरू करना हमें भविष्य में फायदा दे सकता है.
First Salary से रखें मंथली खर्च का ध्यान
पहली सैलरी मिलने से पहले ही बचत के लिए प्लान बनाएं.इसके साथ ही अपने खर्चों का हिसाब भी बनाएं. इसमें भी अनावश्यक खर्च को न जोड़ें पहली सैलरी में अपने लिए जरूरी चीजें खरीदें लेकिन बजट का ध्यान रखें. मंथली खर्च (Monthly Expenses ) में गैर जरूरी चीजें शामिल न करें.
गैजेट खरीदने के लिए न लें कर्ज
युवा जॉब लगने पर कर्ज लेकर या क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से या फिर किश्तों पर गैजेट जैसे मोबाइल, लैपटॉप आदि खरीद लेते हैं. बाद में किश्तों के बोझ से परेशान होते हैं. इसलिए कोशिश करें कि बहुत महंगे गैजेट जैसे मोबाइल, लैपटॉप, आदि कुछ महीनों की सेविंग के बाद खरीदें.
होड़ में रहने से बचें
नई जॉब के साथ अक्सर ऐसा होता है. युवा ऑफिस में अपने कलीग्स (Office colleagues) को देखकर खुद की तुलना उनसे करने लगते हैं. इसके बाद दिखावे के लिए और दूसरों की होड़ में महंगे कपड़े, महंगा फोन, महंगे होटलों में खाना और दूसरों को पार्टी देना आदि पर पैसे खर्च करते हैं. ये नई जॉब के साथ करना युवाओं को महंगा पड़ता है. इसी से मनी मैनेजमेंट बिगड़ता है. अगर आप आसपास मौजूद लोगों के अनुसार खुद में बदलाव करना चाहते हैं तो धीरे-धीरे करें. जिससे आपकी जेब पर प्रेशर न पड़े.
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सैलरी का कुछ हिस्सा बचाना शुरू करें
बचत और निवेश की शुरुआत आरंभ से ही कर लेने में समझदारी है. इसलिए पहली सैलरी (Save Money From salary) से ही कुछ हिस्सा सेव करना शुरू करें. इस तरीके सैलरी का 40-30-20-10 प्रतिशत हिस्सा आप बचाना शुरू कर सकते हैं. इस पैसे को सेव (Savings) करके भविष्य की जरूरतों में उपयोग में लें और भविष्य की कमाई को आगे निवेश करने पर विचार करें. कल पढ़िए-अपनी बचत को सही जगह निवेश करने के तरीके.