Supreme Court Decision: सुप्रीम कोर्ट ने एक जैसे नाम वाले कैंडिडेट्स के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई, सतीश चंद्रा और संदीप शर्मा की बेंच ने कहा कि अगर किसी का नाम राहुल गांधी या लालू यादव है तो उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बच्चों का नाम उनके माता-पिता रखते हैं। अगर किसी के माता-पिता ने किसी अन्य के जैसा नाम दिया है तो उन्हें चुनाव लड़ने से कैसे रोका जा सकता है ? क्या इससे उनके अधिकारों पर असर नहीं पड़ेगा ? बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप जानते हैं मामले का हश्र क्या होगा। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई।
याचिकाकर्ता का तर्क- एक नाम से वोटर कन्फ्यूज होते हैं
याचिकाकर्ता साबू स्टीफन ने कहा था कि हाई प्रोफाइल सीटों पर मिलते-जुलते नाम वाले दूसरे उम्मीदवार को चुनाव में उतारना पुराना ट्रिक है। इससे वोटर्स के मन में कन्फ्यूजन पैदा होता है। एक जैसे नाम के कारण लोग गलत कैंडिडेट को वोट करते हैं और सही उम्मीदवार को नुकसान होता है। याचिका में दावा था कि राजनीतिक पार्टियां जानबूझकर ऐसे कैंडिडेट्स को मैदान में उतारती हैं।
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याचिका में थी चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग
याचिकाकर्ता का पक्ष रख रहे वकील वीके बीजू का कहना था कि वे ये दावा नहीं कर रहे हैं कि ऐसे सभी उम्मीदवार फर्जी होते हैं या उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है। हालांकि, एक जैसे नामों वाले उम्मीदवारों से बचने के लिए एक प्रभावी जांच और सही मैकेनिज्म होना चाहिए। याचिका में चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी।