हाइलाइट्स
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महिला को दूसरी बार भर्ती करने पर चला पता
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याचिका लगाने पर हाईकोर्ट ने दिया नोटिस
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नोटिस में अस्पताल, डॉक्टर से मांगा जवाब
Bilaspur News: सीढ़ी से गिरने के कारण एक महिला का बायां पैर फ्रेक्चर हो गया। डॉक्टर ने महिला को ऑपरेशन करने की सलाह दी। महिला के द्वारा आरबी हॉस्पिटल में ऑपरेशन कराने पर डॉक्टरों ने महिला के बाएं पैर की जगह दाएं पैर का ऑपरेशन कर दिया।
इस मामले की कहीं सुनवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। बिलासपुर हाईकोर्ट ने आरबी हॉस्पिटल और डॉ. लालचंदानी को नोटिस जारी किया है।
जानकारी के अनुसार दयालबंद नारियल कोठी निवासी शोभा शर्मा (Bilaspur News) सीढ़ियों से गिर गई। शोभा शर्मा को बाएं पैर में चोटें आईं थी। जिसके इलाज के लिए वह 6 मार्च को वह अस्पताल गई और इलाज कराया।
वहां सिंथेटिक प्लास्टर किया गया। प्लास्टर खुलवाने के लिए वे 5 अप्रैल को किम्स पहुंची। एमआरआई और एक्स-रे के बाद इलाज शुरू हुआ। इसके बाद उन्हें 12 अप्रैल को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया।
दूसरी बार भर्ती होने पर चला पता
शोभा शर्मा (Bilaspur News) को फिर से पैर में तकलीफ होने लगी। उन्हें 25 अप्रैल को फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 1 मई तक इलाज करने के बाद अस्पताल से छुट्टी कर दी गई।
इस दौरान पता चला कि उनके लेफ्ट पैर की जगह राइट पैर का ऑपरेशन कर दिया। इसकी शिकायत कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग से की गई, लेकिन संबंधित अस्पताल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
हाईकोर्ट का डॉक्टर, हॉस्पिटल को नोटिस
कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की सुनवाई नहीं की। इसके बाद शोभा शर्मा (Bilaspur News) के पति रितेश शर्मा ने हाई कोर्ट में एडवोकेट आनंद मोहन तिवारी के माध्यम से याचिका दायर की।
उन्होंने याचिकाकर्ता की ओर से निशुल्क केस की पैरवी की। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय की बेंच ने जांच समिति, कलेक्टर, आरबी और किम्स हॉस्पिटल और डॉ. लालचंदानी को नोटिस जारी किया है।
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कोर्ट के नोटिस के बाद जांच
अस्पताल और डॉक्टरों की लापरवाही (Bilaspur News) पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार की जांच समिति, कलेक्टर बिलासपुर, आरबी हॉस्पिटल सिम्स, और डॉक्टर लालचंदानी को नोटिस जारी कर जवाब तबल किया है।
इस मामले के सामने आने और शिकायत के सामने आने के बाद सिम्स के प्रोफेसर डॉ. ओपी राज की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाई गई है।
डॉ. राज चूंकि सर्जरी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, इसलिए इन्हें ही पूरे मामले की जांच करनी है।