हाइलाइट्स
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वन विभाग का इलाका है चंदनपुरा क्षेत्र
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बाघिन टी-123 के शावक यही बड़े हुए
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चंदनपुरा क्षेत्र में इन बाघों का मूवमेंट
Tiger in Bhopal: भोपाल की जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के गेट पर 18 अप्रैल की सुबह लगभग 6 से 6.30 बजे के बीच बाघ दिखाई दिया। बाघ के जेएलयू के पास मूवमेंट से कॉलेज के छात्रों और आसपास के लोगों में दहशत है।
भोपाल के चंदनपुरा में JLU की चौखट पर फिर टाइगर#MPNews #Madhyapradesh #JLU #JagranLakecityUniversity #bhopalnews #Tiger pic.twitter.com/nxB9PCA67X
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) April 19, 2024
बता दें कि करीब आठ माह पहले भी इसी यूनिवर्सिटी में बाघिन टी-123 वॉइस चांसलर के केबिन तक दाखिल हो गई थी। तब छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के अलावा स्टाफ अपनी जान बचाकर भागे थे।
बता दें कि इस क्षेत्र में बाघिन (Tiger in Bhopal) के चार बच्चे हैं जो अब लगभग तीन साल के हो गए हैं, जिनका मूवमेंट इलाके में बढ़ गया है।
बाघ के घर में शहर हुआ मूव
भोपाल सिटी के ग्राम चंदनपुरा इलाके (Tiger movement in Chandanpura Bhopal) में अक्सर बाघों (Tiger in Bhopal) का मूवमेंट देखा जाता है। बता दें कि इस इलाके में घना जंगल भी है, जहां बाघों के रहने का स्थान भी है।
इसके चलते ये अक्सर सड़कों पर घूमते हुए दिख जाते हैं। इसी इलाके में लगातार निर्माण हो रहे हैं। बाघों के इलाके में अब शहर बढ़ता जा रहा है।
चंदनपुरा इलाके में फार्म हाउस, मैरिज गार्डन, रेस्टोरेंट, कॉलोनियों समेत अन्य निर्माण कार्य तेजी से हो रहे हैं। ऐसे में मानव की जान खतरे में नहीं इस इलाके में मूवमेंट करने वाले बाघों का जीवन खतरे में आता जा रहा है।
युवक ने बनाया वीडियो
चंदनपुरा (Tiger movement in Chandanpura Bhopal) स्थित जागरण लेक सिटी यूनिवर्सिटी के गेट के बाहर टाइगर (Tiger in Bhopal) के घूमते हुए कार में घूम रहे लोगों ने बनाया लिया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है।
इस वीडियो में दिख रहा है कि सड़क पार करते हुए बाघ कुछ ही देर में जंगल में चला जाता है। टाइगर के मूवमेंट को लेकर बाघ मित्र ने वन विभाग पर लापरवाही के आरोप भी लगाए हैं।
बाघ मित्र राशिद नूर ने जानकारी दी है कि चंदनपुरा में कई टाइगर (Tiger in Bhopal) हैं। इसके बाद भी इस इलाके में क्लब-रेस्टोरेंट में शादी पार्टी के आयोजन हो रहे हैं, जो कि बाघ समेत अन्य जंगली जानवरों के लिए सही नहीं है। इसे लेकर शिकायत भी की गई है, ताकि क्लब-रेस्टोरेंट बंद हो सकें।
इन क्षेत्रों में बाघों का मूवमेंट
बता दें कि राजधानी के नगर निगम सीमा से सटे इलाके में 12 से ज्यादा बाघों (Tiger in Bhopal) का मूवमेंट है। कलियासोत डेम से लेकर केरवा डेम के बीच राजस्व वन क्षेत्र, राजस्व क्षेत्र, वन क्षेत्र एवं किसानों की जमीन हैं।
यही पहाड़ी इलाका भी है। यहां वन्यप्राणियों के प्राकृतिक रहवास (Tiger Reserve Near Bhopal) भी है। इस क्षेत्र में कलियासोत एवं केरवा डेम के रूप में जल स्त्रोत भी है।
यहां करीब 357.813 हेक्टेयर राजस्व वन क्षेत्र वर्ष 2003 में राजस्व विभाग द्वारा वन विभाग को हाईटेक पौधरोपण के लिए दिया है।
वीसी के केबिन में दाखिल हुई थी बाघिन
बता दें कि आठ माह पहले भी बाघिन (Tiger in Bhopal) टी-123 जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी परिसर में दाखिल हो गई थी। इतना ही नहीं वह वॉइस चांसलर के केबिन तक पहुंच गई थी।
इसके चलते यूनिवर्सिटी परिसर से कुछ छात्रों और सुरक्षा कर्मियों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा था। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी।
बाघिन टी-123 के चार शावक भी हैं, जो इसी इलाके में मूवमेंट करते हैं।
टी-123 के चार शावक बने टाइगर
बता दें कि बाघिन (Tiger in Bhopal) टी-123 ने करीब तीन साल पहले चार शावकों को जन्म दिया था। अब ये चार शावक बड़े हो गए हैं और ये अपना कुनबा बढ़ा रहे हैं।
इन बाघों का मूवमेंट भी चंदनपुरा (Tiger Reserve Near Bhopal) इलाके में ज्यादा रहता है क्योंकि इसी इलाके में इनका जन्म हुआ था। ये भोजन की तलाश में मूवमेंट करते हुए इस इलाके की सड़कों तक भी आ जाते हैं।
इनके मूवमेंट से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
अक्सर दिखता है बाघ का मूवमेंट
बता दें कि राजधानी के आसपास के इलाकों में अक्सर बाघ(Tiger in Bhopal) , तेंदुए का मूवमेंट देखने को मिल जाता है। अक्सर भोपाल के अलग-अलग क्षेत्रों से बाघ की मौजूदगी (Tiger Reserve Near Bhopal) के वीडियो सामने आ जाते हैं।
इस संबंध में भोपाल डीएफओ अलोक पाठक ने जानकारी दी है कि जिस जगह पर बाघ दिखा है, वह वन विभाग के क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र में बाघों का दिखाई देना आम बात है।
यहां पर टी-123 के चार शावक अब बड़े हो चुके हैं, उनका मूवमेंट है, इसलिए इस इलाके में वे हमेशा दिखाई देते हैं।