हाइलाइट्स
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एमपी की 6 लोकसभा सीटों पर 134 महिला उम्मीदवार
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छिंदवाड़ा और मंडला सीट पर बीजेपी- कांग्रेस में कड़ा मुकाबला
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प्रथम चरण का मतदान 19 अप्रैल को सुबह 7 बजे से
MP Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मध्यप्रदेश के महाकोशल और विंध्य की 6 लोकसभा सीटों पर शुक्रवार 19 अप्रैल को वोटिंग होगी।
इन सीटों पर बुधवार (17 अप्रैल) को चुनाव प्रचार थम गया। प्रथम चरण में महाकोशल-विंध्य की जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सीधी और शहडोल सीट पर कुल 1625 उम्मीदवार मैदान में हैं।
इसमें से 134 महिला उम्मीदवार हैं। यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। शुक्रवार को सुबह 7 बजे से मतदान शुरू होगा। चुनाव आयोग के मार्गदर्शन में अधिकारियों ने जिम्मेदारी संभाल ली है।
छिंदवाड़ा और मंडला सीट पर सबसे कड़ा मुकाबला
लोकसभा चुनाव (MP Lok Sabha Chunav) मध्य प्रदेश की जिन 6 सीटों पर पहले चरण में वोट डाले जाएंगे, उनमें छिंदवाड़ा और मंडला में प्रतिष्ठा की लड़ाई है।
छिंदवाड़ा में कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व सीएम कमलनाथ अपना किला बचाने के लिए दिन-रात पसीना बहा रहे हैं।
यहां से उनके बेटे नकुलनाथ दूसरी बार संसद में पहुंचने के प्रयास में हैं। वहीं बीजेपी ने छिंदवाड़ा सीट पर कमलनाथ का किला भेदने के लिए पूरा जोर लगा दिया है।
अमित शाह ने रोड शो कर दिखाई ताकत
चुनाव प्रचार (MP Lok Sabha Chunav) की समय सीमा खत्म होने के एक दिन पहले मंगलवार (16 अप्रैल) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छिंदवाड़ा में रोड शो करके बीजेपी की ताकत दिखाई।
बीजेपी ने छिंदवाड़ा सीट पर विवेक बंटी साहू को अपना उम्मीदवार बनाया है।
छिंदवाड़ा में सिर्फ एक लोकसभा उपचुनाव में हारी कांग्रेस
हालांकि, 6 माह पहले हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने छिंदवाड़ा की सभी सात सीटों पर कमलनाथ के नेतृत्व में जीत हासिल की थी।
आजादी के बाद छिंदवाड़ा सीट पर सिर्फ एक बार 1997 के उपचुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था।
तब मप्र के पूर्व सीएम और बीजेपी के दिग्गज नेता सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को परास्त किया था।
यहां से कमलनाथ नौ बार, उनकी पत्नी अलका नाथ और पुत्र नकुल नाथ एक-एक बार सांसद रह चुके हैं।
मंडला लोकसभा सीट: केंद्रीय मंत्री कुलस्ते को कड़ी चुनौती दे रहे मरकाम
लोकसभा चुनाव में मंडला सीट (MP Lok Sabha Chunav) बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है।
यह आदिवासियों के लिए आरक्षित सीट है। बीजेपी ने यहां से छह बार के सांसद और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को एक बार फिर मैदान में उतारा है।
आदिवासी बहुल मंडला में सीट पर कुलस्ते का मुकाबला कांग्रेस के चार बार के विधायक ओमकार सिंह मरकाम से हो रहा है।
विधानसभा चुनाव में हार चुके हैं कुलस्ते
मंडला सीट (MP Lok Sabha Chunav) पर बीजेपी की चिंता इस वजह से बढ़ी हुई है क्योंकि 6 माह पहले हुए विधानसभा चुनाव के दौरान फग्गन सिंह कुलस्ते को मंडला जिले की निवास सीट से हार का सामना करना पड़ा था।
मंडला संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर कांग्रेस तो तीन पर बीजेपी का काबिज है।
बालाघाट सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
आदिवासी बहुल बालाघाट सीट (MP Lok Sabha Chunav) पर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
यहां बीजेपी की भारती पारधी और कांग्रेस के सम्राट सारस्वर के साथ बीएसपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने मुकाबला रोचक बना दिया है।
बालाघाट संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा सीटों में से 4 पर बीजेपी और 4 पर कांग्रेस का कब्जा है।
शहडोल सीट: सांसद हिमाद्री की विधायक फुंदेलाल मार्को से भिड़ंत
विंध्य क्षेत्र की शहडोल संसदीय सीट (MP Lok Sabha Chunav) भी आदिवासियों के लिए आरक्षित है।
शहडोल लोकसभा में आठ सीटें है। नवम्बर 2023 के विधानसभा चुनाव में
आठ विधानसभा सीटों में से सात पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस काबिज है। पुष्पराजगढ़ से कांग्रेस के फुंदेलाल सिंह मार्को विधायक हैं।
शहडोल लोकसभा सीट (MP Lok Sabha Chunav) पर बीजेपी की मौजूदा सांसद हिमाद्री का मुकाबला कांग्रेस के विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को से है।
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सीधी लोकसभा सीट: बीजेपी के डॉ. राजेश मिश्रा का मुकाबला कमलेश्वर पटेल से
विंध्य क्षेत्र की सीधी लोकसभा सीट (MP Lok Sabha Chunav) से बीजेपी ने इस बार डॉ. राजेश मिश्रा पर दांव खेला है तो वहीं कांग्रेस ने कमलेश्वर पटेल को चुनावी समर में उतारा है।
साल 2019 के चुनावों में सीधी लोकसभा सीट से बीजेपी की रीति पाठक को बंपर जीत मिली थी। रीति पाठक ने कांग्रेस के अजय सिंह राहुल को करारी शिकस्त दी थी।
उन्होंने कुल 6 लाख 98 हजार 342 वोट हासिल किए थे जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अजय सिंह को 4 लाख 11 हजार 818 वोट हासिल हुए थे।
रीति पाठक के विधानसभा में चले जाने के कारण बीजेपी ने इस बार इस सीट पर एक अन्य ब्राह्मण चेहरा डॉ. राजेश मिश्रा को टिकट दिया है।
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जबलपुर सीट पर 1996 से BJP का कब्जा, नए चेहरे मैदान में
जबलपुर संसदीय सीट (MP Lok Sabha Chunav) पर साल 1996 से बीजेपी का कब्जा है।
जबलपुर सीट पर बीजेपी ने इस बार नया चेहरा उतारा है। चार बार के सांसद राकेश सिंह के विधानसभा चुनाव जीतकर मंत्री बनने के बाद बीजेपी के गढ़ को बचाने की जिम्मेदारी पार्टी ने आशीष दुबे को सौंपी है।
आशीष दुबे का मुकाबला कांग्रेस के दिनेश यादव से है, जिन्हें पार्टी ने ओबीसी कार्ड खेलते हुए मैदान में उतारा है।